दो वैक्सीन को मिली अनुमति, टीकाकरण के लिए कई सप्ताह से जारी है तैयारी

देश में ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआइ) ने केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की विषय विशेषज्ञ समिति द्वारा की गई सिफारिशों को स्वीकार करने का फैसला किया है। साथ ही देश में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक की वैक्सीन के आपतकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है। आइए जानते हैं कि किसे वैक्सीन मिलेगी और इनका कैसे प्रबंध किया जाएगा।

वैक्सीन की खरीद करेगी सरकार : सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया कोविशील्ड का उत्पादन करने में जुटी है। एजेडडी 1222 वैक्सीन जिसका भारतीय वर्जन कोविशील्ड है। इसे ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी-एस्ट्राजेनेका ने विकसित किया है। इसकी करीब 8 करोड़ खुराक अभी भंडार में हैं। दूसरी वैक्सीन जिसे इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दी गई है, वह कोवैक्सीन है। इसे हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक ने भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) के साथ मिलकर तैयार किया है। इसके उपलब्ध होने में कुछ दिन या सप्ताह लग सकते हैं।

बहुत जल्द शुरू होगा सामूहिक टीकाकरण कार्यक्रम : अमेरिका और ब्रिटेन में वैक्सीन की पहली खुराक दी जा चुकी है। भारत में भी प्रक्रिया बहुत तेज है। इसकी कोई निश्चित समय सीमा की घोषणा नहीं की गई है, लेकिन यह माना जा रहा है कि सामूहिक टीकाकरण कार्यक्रम एक सप्ताह के भीतर शुरू हो जाएगा।

सबसे पहले 3 करोड़ लोगों को लगाई जाएगी वैक्सीन : सरकार पूर्व में ही यह घोषणा कर चुकी है कि सबसे पहले कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई रहे तीन करोड़ फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन लगाई जाएगी, जिनमें एक करोड़ स्वास्थ्यकर्मी शामिल हैं। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने शनिवार को ही कहा था कि उन्हें मुफ्त में वैक्सीन लगाई जाएगी। पहले चरण में वैक्सीन प्राप्तकर्ता एक तीसरा प्राथमिकता समूह भी होगा, जिसमें 27 करोड़ लोग हैं। वे लोग 50 साल से अधिक आयु या सह रुग्णताओं के साथ 50 साल से कम आयु के होंगे। 2 जनवरी को ट्वीट में उन्होंने कहा था कि 27 करोड़ प्राथमिकता वाले समूह का टीकाकरण जुलाई तक किया जाना है। देश के अन्य लोगों का क्या होगा सरकार का लक्ष्य टीकाकरण का पहला चरण अगस्त 2021 तक पूरा करना है।

शेष आबादी के लिए समयसीमा के बारे में जानकारी नहीं है। यद्यपि ऐसा नहीं है कि बाकी लोगों को पहला चरण पूरा होने तक इंतजार करना होगा। अन्य समूहों को कुछ हफ्तों या महीनों के बाद टीका लगाया जाना शुरू हो जाएगा। यहां पर महत्वपूर्ण टीकाकरण की गति और खुराक की उपलब्धता होगी। सीरम इंस्टीट्यूट ने कहा है कि वह उत्पादन में तेजी ला रहा है। कोविशील्ड और कोवैक्सीन के अलावा भी कई वैक्सीन हैं, जिन्हें भारत में इस्तेमाल की अनुमति मिल सकती है।

टीकाकरण के लिए कई सप्ताह से जारी है तैयारी

भारत के सबसे विस्तृत और सबसे महत्वकांक्षी टीकाकरण कार्यक्रम के लिए कई सप्ताह से तैयारी की जा रही है। मॉक ड्रिल के दो चरण हो चुके हैं। पहला चरण 28-29 दिसंबर को चार राज्यों और दूसरा चरण 2 जनवरी को देशभर के 125 जिलों में हुआ। वैक्सीन देने के लिए करीब 96 हजार लोगों को प्रशिक्षण दिया गया। इनमें से 2,360 को राष्ट्रीय स्तर पर प्रशिक्षित किया गया। वहीं 719 जिलों में 57 हजार को प्रशिक्षित किया गया। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि देश में 75 लाख से अधिक लाभार्थियों को कोविन प्लेटफार्म पर रजिस्टर किया गया है। इस प्लेटफार्म पर वैक्सीन भंडारण, तापमान और लाभार्थियों की रियल टाइम जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी।

कोविड-19 हो चुका तो भी लगेगी वैक्सीन : केंद्र सरकार का कहना है कि कोविड-19 संक्रमण के पिछले इतिहास के बावजूद वैक्सीन का पूरा शेड्यूल प्राप्त करना उचित है। यह बीमारी के खिलाफ मजबूत प्रतिरक्षा विकसित करने में मदद करेगी।

सरकार ऐसे करेगी पहचान : केंद्र सरकार ने यह साफ कर दिया है कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव के लिए नवीनतम मतदाता सूची का उपयोग 50 वर्ष या उससे अधिक आयु की आबादी को पहचानने के लिए किया जाएगा।

वैक्सीन के लिए ऐसे करें पंजीयन : कोविड-19 वैक्सीन इंटेलीजेंस नेटवर्क (को-विन) प्रणाली एक डिजिटल प्लेटफार्म है, जो टीकाकरण के लिए सूचीकृत लाभार्थी को रास्ता बताता है। पूर्व में पंजीकृत व्यक्ति ही टीकाकरण केंद्र पर वैक्सीन लगवा सकते हैं। योग्य लाभार्थियों को रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर के जरिये सूचित किया जाएगा।

 

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