नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर समस्याओं की भरमार,प्लेटफॉर्म संकरे!

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास का प्रोजेक्ट एक बार फिर औंधे मुंह गिरा है। लगातार तीसरी बार बोलीदाता न मिलने से रेलवे ने नए सिरे से टेंडर प्रक्रिया शुरू की है। इच्छुक कंपनियां अब पांच जनवरी तक निविदा डाल सकती हैं। इसके बाद अगले पांच दिन में रेल प्रशासन टेंडर आवंटित कर देगा। फिर जमीनी स्तर पर काम शुरू हो जाएगा। अधिकारियों को उम्मीद है कि इस बार रेलवे अपने बेहद महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट को आगे बढ़ा सकेगा। इसमें कोई अड़चन नहीं आएगी।

दरअसल, बीते साल सितंबर में केंद्र सरकार ने देश के तीन प्रमुख रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास के लिए 10 हजार करोड़ रुपये की मंजूरी दी थी। इसमें से नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के लिए करीब पांच हजार करोड़ रुपये प्रस्तावित हैं। यह काम रेल भूमि विकास प्राधिकरण (आरएलडीए) को करना है। इसके तहत स्टेशन परिसर के साथ ही नजदीकी क्षेत्रों का भी पुनर्विकास होना है। आरएलडीए ने इसके टेंडर की प्रक्रिया बीते साल अक्तूबर में शुरू कर दी थी।

इस बीच तीन बार इसके साथ काम करने को कोई तैयार नहीं हुआ। सबसे पहले टेंडर आवंटन का समय इस साल फरवरी में रखा गया। रेलवे के सूत्रों का कहना है कि इसमें कई कंपनियों ने दिलचस्पी दिखाई थी लेकिन रेलवे की तयशुदा प्रोजेक्ट की लागत 4700 रुपये की जगह टेंडर की न्यूनतम कीमत 8740 करोड़ रुपये एक कंपनी ने रखी थी, जबकि बाकी कंपनियों ने इससे कहीं ज्यादा की बोली लगाई थी। इससे रेलवे को टेंडर रद्द करना पड़ा।

इसके बाद प्रक्रिया शुरू कर रेलवे ने टेंडर आवंटन की तारीख अक्तूबर तय की। काम इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट एंड कंस्ट्रक्शन (ईपीसी) मॉडल पर करने का फैसला लिया गया, लेकिन इसमें भी कोई कंपनी आगे नहीं आई। ऐसे में इसकी समय सीमा पांच दिसंबर बढ़ा दी गई। फिर भी रेलवे बोलीदाता लाने में नाकाम रहा। ऐसे में टेंडर आवंटित करने की नई तारीख 10 जनवरी कर दी है। एक अधिकारी ने बताया कि उम्मीदन इस बार प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।

1931 में बना था नई दिल्ली रेलवे स्टेशन
पहाड़गंज और अजमेरी गेट के बीच 1926 में नई दिल्ली रेलवे स्टेशन का निर्माण कार्य शुरू हुआ। 1931 में इसका उद्घाटन हुआ था। वर्तमान में नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर 16 प्लेटफाॅर्म हैं। नई दिल्ली स्टेशन देश का सबसे ज्यादा भीड़भाड़ वाला स्टेशन है। अधिकारियों के मुताबिक, यहां से रोज औसतन चार लाख यात्री आवागमन करते हैं। रोज करीब तीन सौ ट्रेनें आती जाती हैं।यह होना है काम
परियोजना का मास्टर प्लान 120 हेक्टेयर का है। इसमें आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित गुंबद के आकार वाली स्टेशन की नई इमारत बनेगी। दो आगमन और दो प्रस्थान गेट होंगे। रेलवे कार्यालय, रेलवे क्वाॅर्टर और सहायक रेलवे कार्यालय बनाए जाएंगे।

इसके साथ ही वाणिज्यिक कार्यालय, होटल और आवासीय परिसर विकसित किए जाएंगे। स्टेशन के दोनों तरफ दो मल्टी माॅडल ट्रांसपोर्ट हब, 40 मंजिल के ऊंचे ट्विन टावर और पैदल यात्रियों के लिए अलग मार्ग, साइकिल ट्रैक, ग्रीन ट्रैक बनाए जाएंगे। यह सारा काम निर्माण कार्य शुरू होने पर करीब चार वर्ष में पूरा करना है।
फुटओवर ब्रिज पर होती है काफी भीड़ 
वर्तमान में नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर समस्याओं की भरमार है। यहां बने प्लेटफॉर्म संकरे हैं। इस कारण यात्रियों की भीड़ अधिक होती है। फुटओवर ब्रिज पर भी काफी भीड़ होती है। स्टेशन के आसपास भीषण अतिक्रमण है। स्टेशन के दोनों तरफ बनी सड़कें अतिक्रमण के कारण हमेशा जाम में रहती हैं। प्लेटफॉर्म की कमी के कारण कई बार ट्रेनों को उनके तय प्लेटफाॅर्म से बदलकर अन्य प्लेटफाॅर्म पर शिफ्ट करना पड़ता है। ऐसे में परियोजना के धरातल पर उतरने में देरी से यहां आने वाले यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा रहा है।
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