न्यूजीलैंड में सबसे बड़े आतंकी हमले के मामले में कोर्ट ने सुनाया अपना फैसला, करना चाहता था और हत्याएं

 न्यूजीलैंड (New Zealand) में अबतक के सबसे बड़े आतंकी हमले के मामले में कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है. न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च में दो मस्जिदों पर अंधाधुंध फायरिंग करने वाले ब्रेंटन टॉरेंट (Brenton Tarrant) को 51 लोगों की हत्या, 40 की हत्या की कोशिश और आतंकवादी हमले का दोषी माना है और उसे पूरी जिंदगी (Prison Without Parole) अब जेल में ही बितानी होगी.

न्यूजीलैंड में मौत की सजा पर रोक

टैरेंट ने इस आतंकवादी नरसंहार के समय इसकी लाइव स्ट्रीमिंग भी की थी, जिससे पूरी दुनिया में दहशत फैल सके. उसके इन खतरनाक कामों को देखते हुए उसे जज ने सनकी और जानवर तक कह दिया. न्यूजीलैंड में मौत की सजा पर रोक है, इसीलिए उसकी आगे की जिंदगी जेल में बीतेगी.

51 लोगों की हत्या का दोषी

ब्रेंटन टॉरेंट को 51 लोगों की हत्या का गुनहगार पाया गया. 40 लोगों की हत्या की कोशिशों के लिए भी उसे दोषी ठहराया गया. ब्रेंटन टॉरेंट को लगातार चार दिनों तक चली सुनवाई के बाद सजा सुनाई गई है.

मस्जिदों को जला देना चाहता था ब्रेंटन टॉरेंट

न्यूजीलैंड के इतिहास में सबसे बड़े आतंकवादी हमले को अंजाम देने वाला ऑस्ट्रेलियाई नागरिक ब्रेंटन टॉरेंट (Brantan Tarrant) ने कहा कि वो क्राइस्टचर्च (Christchurch) की दोनों बड़ी मस्जिदों को तबाह कर देना चाहता था और उसने इसीलिए नमाज के समय को चुना था, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को वो निशाना बना सके. टॉरेंट ने अपनी सजा की सुनवाई के दौरान ये बात बताई थी

पिछले साल 15 मार्च को किया था हमला

क्राइस्टचर्च में पिछले साल 15 मार्च को हुए इस हमले को न्यूजीलैंड (New Zeeland) के इतिहास का सबसे बड़ा आतंकवादी हमला करार दिया गया. जिसमें 51 लोगों की जान चली गई, तो 40 से अधिक लोग घायल हो गए. टॉरेंट ने इस हमले की लाइव स्ट्रीमिंग (Live Streaming) भी की थी. इस शूटिंग के बाद उसे उस समय गिरफ्तार कर लिया गया था, जब वो तीसरी मस्जिद को निशाना बनाने जा रहा था.

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