पंजाब व हरियाणा में मोबाइल टावरों से तोड़फोड़ का मामला HC पहुंचा, जियो ने दायर की याचिका

पंजाब और हरियाणा में जियो के मोबाइल टावरों पर ताेड़फाेड़ और संचार सेवाओं को बाधित करने का मामला पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट पहुंच गया है। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) ने पंजाब में माेबाइल टावरों पर तोड़फोड़ करने और उन्‍हें संचार सेवाओं को बाधित करने के मामले में हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। कंपनी ने जियो इंफोकॉम के जरिये याचिका दायर की है। याचिका में पंजाब सरकार और प्रशासन को उपद्रवियों द्वारा तोड़फोड़ की गैरकानूनी घटनाओं पर रोक लगाने के लिए तत्काल आदेश देने की हाई कोर्ट से अपील की गई है। कंपनी ने तोड़फोड़ करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

कंपनी ने तोड़फोड़ करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की

याचिका में कहा गया है कि उपद्रवियों द्वारा की गई तोड़फोड़ और हिंसक कार्रवाई से कंपनी के  हजारों कर्मचारियों की ज़िंदगी खतरे में पड़ गई है। इसके साथ ही दोनों राज्यों में सहायक कंपनियों द्वारा चलाए जा रहे महत्वपूर्ण कम्युनिकेशन इंफ्रास्ट्रक्चर, सेल्स और सेवा आउटलेट के रोजमर्रा के कामों में व्यवधान पैदा हुआ है।

याचिका में कहा गया है कि तोड़फोड़ की इन कार्रवाइयों में संलिप्त उपद्रवियों को हमारे व्यावसायिक प्रतिद्वंदी तथा निहित स्वार्थी तत्वों द्वारा उकसाया जा रहा है। दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसानों के आंदोलन का लाभ उठाते हुए इन निहित स्वार्थी तत्वों ने रिलायंस के खिलाफ लगातार दुर्भावना युक्त  और विद्वेषपूर्ण अभियान चलाया है, जिसका सच से कोई वास्ता नहीं है।

कांटैक्‍ट फार्मिंग को लेकर अपने रुख को स्‍पष्‍ट किया

याचिका में कंपनी ने कहा है कि तथ्यों से यह स्पष्ट हो जाता है कि इस अभियान का सत्य  से दूर दूर तक कोई नाता नहीं है । इन तथ्यों से स्पष्ट  हैं कि देश में वर्तमान में जिन तीन कृषि कानूनों पर देश में बहस चल रही है, उनसे रिलायंस का कोई लेना-देना नहीं है, और न ही किसी भी तरह से उसे इनका लाभ पहुंचता है। कृषि कानूनों से  रिलायंस का नाम जोड़ने का एकमात्र उद्देश्य हमारे व्यवसायों को नुकसान पहुंचाना और हमारी प्रतिष्ठा को तहस-नहस करना है। कंपनी ने कहा है कि ये तथ्य इस प्रकार हैं-

1. रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड, रिलायंस रिटेल लिमिटेड (RRL), रिलायंस जियो इंफोकॉम लिमिटेड (RJIL) और रिलायंस से जुड़ी कोई भी अन्य कंपनी न तो कॉरपोरेट या कांट्रैक्ट फ़ार्मिंग करती है और न ही करवाती है। और न ही भविष्य में इस बिजनेस में उतरने की कंपनी की कोई योजना है।

2. ‘कॉरपोरेट” या ‘कांट्रैक्ट’ खेती के लिए रिलायंस या इसकी किसी सहायक कंपनी ने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से खेती की कोई भी जमीन हरियाणा, पंजाब अथवा  देश के किसी दूसरे हिस्से नहीं खरीदी है। न ही भविष्य में भी ऐसा करने की कोई योजना है।

3. भारत में संगठित खुदरा व्यापार में रिलायंस रिटेल एक अग्रणी कंपनी है। यह देश में दूसरी कंपनियों, निर्माताओं और आपूर्तिकर्ताओं के विभिन्न ब्रांडों के खाद्य, अनाज, फल, सब्जियां और दैनिक उपयोग की वस्तुएं, परिधान, दवाएं, इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों सहित सभी श्रेणियों के उत्पादों को बेचती है। यह किसानों से खाद्यान्न की सीधी खरीद नही करती। किसानों से अनुचित लाभ लेने के लिए कंपनी ने कभी दीर्घकालिक खरीद अनुबंध नहीं किए हैं, और न ही  ऐसा चाहा कि इसके आपूर्तिकर्ता किसानों से उनके पारिश्रमिक मूल्य से कम पर माल खरीदें और न ही ऐसा कभी होगा।

4. 130 करोड़ भारतीयों का पेट भरने वाले किसान अन्नदाता हैं और उनका हम सम्मान करते हैं। रिलायंस और उसके सहयोगी किसान को समृद्ध और सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। किसानों की सेवाओं के ग्राहक होने के नाते हम एक नए भारत में  साझा समृद्धि, बराबर की भागीदारी, समावेशी विकास के आधार पर किसानों के साथ एक मजबूत और समान साझेदारी में विश्वास करते हैं।

5. इसलिए, रिलायंस और उसके सहयोगी कड़ी मेहनत, कल्पनाशीलता और समर्पण के साथ पैदा की गई उनकी उपज का किसानों को उचित और लाभदायक मूल्य मिले इसका पूरा समर्थन करते है। रिलायंस स्थायी आधार पर किसानों की आय में वृद्धि चाहता है, और इस लक्ष्य के लिए काम करने को प्रतिबद्ध है। हम अपने आपूर्तिकर्त्ताओं को सख्ती से कहेंगे की वे सरकार द्वारा या किसी अन्य तंत्र द्वारा  लागू या प्रस्तावित किसी भी न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) या कृषि उपज के लिए तयशुदा आकर्षक मूल्य के आधार पर ही खरीद करें।

कंपनी ने कहा- किसानों के हितों को नुकसान नहीं पहुंचाया बल्‍कि उन्‍हें लाभान्वित किया

इसके साथ ही कंपनी ने कहा है कि भारतीय किसानों के हितों को चोट पहुंचाना तो दूर की बात है, रिलायंस के व्यवसायों ने तो वास्तव में किसानो और भारतीय जनता को बड़े पैमाने पर लाभान्वित किया है। यह  निम्नलिखित तथ्यों से स्पष्ट है-

1. रिलायंस रिटेल ने बड़े पैमाने पर निवेश करके एक विश्‍वस्तरीय प्रौद्योगिकी-सक्षम आपूर्ति श्रृंखला बनाई है और भारत के सबसे बड़े संगठित रिटेल बिजनेस को जन्म दिया है, जिसने भारतीय किसानों और उपभोक्ताओं दोनों को ही लाभ पहुंचाया है।

2. जियो के 4जी नेटवर्क ने भारत के हर एक गांव को विश्व की सबसे सस्ती दरों पर विश्वस्तरीय डेटा कनेक्टिविटी प्रदान की है, इससे करोड़ों भारतीय किसानों को भी डिजिटल क्रांति का लाभ मिला है। 31 अक्टूबर, 2020 तक जियो के पंजाब में 1 करोड़ 40 लाख (राज्य में लगभग 36 प्रतिशत ग्राहक) और हरियाणा में 94 लाख (राज्य में लगभग 34% ग्राहक) हैं। महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि निहित स्वार्थो के विपरीत जियो ने ग्राहकों को जोड़ने के लिए किसी भी जोर जबरदस्ती या गैरकानूनी उपायों का सहारा नहीं लिया है।

3. कोविड-19 महामारी के दौरान लाखों किसानों, ग्रामीणों और शहरी भारत के लिए जियो नेटवर्क लाइफलाइन साबित हुआ है। इसने किसानों, व्यापारियों और उपभोक्ताओं के डिजिटल लेन-देनों में मदद की है। इसने पेशेवरों को घर से काम करने में सक्षम बनाया है, वहीं विद्यार्थी भी घरों में रहकर ऑनलाइन पढ़ाई कर पाए हैं।

पंजाब व हरियाणा की पुलिस का शु्क्रिया अदा करने के संग कार्रवाई की भी मांग

कंपनी ने कहा है कि रिलायंस अब तक उपद्रवियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए अधिकारियों, विशेष रूप से पंजाब और हरियाणा की पुलिस का शुक्रिया अदा करना चाहता है। इससे हाल के दिनों में तोड़फोड़ की घटनाओं में कमी आई है। लेकिन कंपनी ने हाई कोर्ट में याचिका के माध्यम से उपद्रवियों और निहित स्वार्थी तत्वों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है, ताकि रिलायंस पंजाब और हरियाणा में एक बार फिर से अपने सभी व्यवसायों को सुचारू रूप से चला सके।

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