पंडित दीनदयाल उपाध्याय द्वारा दी गई ‘आधुनिक भारत की परिकल्पना’ पर रविवार को विद्वानों ने मंथन किया। भाजपा की क्षेत्रीय संगोष्ठी में शोधार्थियों ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय के एकात्म मानववाद दर्शन पर शोध भी प्रस्तुत किए।आसाराम के लगे पोस्टर को देखकर भड़क उठे लोग, वाहन पर लगे पोस्टर फाड़े, पोती कालिख
पंडित दीनदयाल उपाध्याय जन्म शताब्दी वर्ष के तहत भाजपा ने रविवार को मर्चेट चैंबर हॉल में ‘राष्ट्र जीवन की दिशा’ विषय पर क्षेत्रीय संगोष्ठी आयोजित की। प्रथम सत्र के मुख्य अतिथि पंडित दीनदयाल शोध संस्थान नई दिल्ली के डॉ. महेश शर्मा, विशिष्ट अतिथि प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. जेपीएस राठौर और डॉ. राजीव दीक्षित थे। अध्यक्षता आइआइटी के प्रोफेसर अरुण शर्मा ने की। मुख्य अतिथि ने पंडित दीनदयाल के जीवन दर्शन, राजनीतिक विचार व मानव उत्थान पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि उनके विचारों से राष्ट्र उत्थान को नई दिशा मिलती है। जनमानस को उनके द्वारा लिखे साहित्य को पढ़ना चाहिए। प्रो. अरुण शर्मा ने कहा कि पंडित दीनदयाल के विचारों और दर्शन के आधार पर ही भाजपा हर तबके का विकास करती है।
द्वितीय सत्र के मुख्य अतिथि आइआइटी कानपुर के डॉ. सच्चिदानंद त्रिपाठी थे। अध्यक्षता पं. दीनदयाल उपाध्याय शोध केंद्र कानपुर विवि के निदेशक डॉ. श्याम बाबू गुप्ता थे। दोनों वक्ताओं ने अपने विचार रखे जबकि शोधार्थियों ने 14 शोध पत्र प्रस्तुत किए। इन्हें तृतीय सत्र के मुख्य अतिथि भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष रमापति राम त्रिपाठी ने पुरस्कृत किया। साथ ही विचार भी व्यक्त किए। संचालन शैलेंद्र शुक्ल ने किया। आभार डॉ. विवेक द्विवेदी ने जताया। अशोक दुबे, वेशलाल कटियार, सोम गुप्ता, कैलाश शुक्ला, पृथ्वीपति सचान, शिवबोधन मिश्रा आदि थे।