पटियाला में नवजोत सिंह सिद्धू व अमृतसर में बेटी राबिया ने लगाया घर की छत पर काला झंडा, जानिए कारण

पटियाला/अमृतसर, कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में कांग्रेस नेता एवं पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू व उनकी पत्नी नवजोत कौर सिद्धू ने मंगलवार को अपने पटियाला स्थित आवास की छत पर काला झंडा लगाया। वहीं, सिद्धू के अमृतसर स्थित आवास पर उनकी बेटी राबिया ने काला झंडा लगाया।

पटियाला आवास पर काला झंडा लगाने के दौरान सिद्धू दंपती ने जो बोले सो निहाल सत श्री अकाल का जयकारा भी लगाया और किसानों के आंदोलन को अपना समर्थन देने की बात दोहराई। सिद्धू ने मीडिया से किसी प्रकार की बात करने से इन्कार कर दिया। सिद्धू ने कल ही घोषणा की थी वह अपने आवास पर किसानों के समर्थन में काले झंडे लगाएंगे। बता दें, दिल्ली बार्डर पर किसानों के आंदोलन को छह माह पूरे हो गए हैं। किसान संगठनों ने लोगों से उनके समर्थन में घरों की छत पर काले झंडे लगाने का आह्वान किया था।

नवजोत सिंह सिद्धू ने छत पर झंडा लगाए जाने के दौरान की एक वीडियो भी अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर की है। वीडियो में उन्होंने कहा कि पिछले 20-25 सालों से किसान वर्ग पर लगातार कर्ज बढ़ रहा है और आमदनी कम हो रही है। इसके साथ ही किसानों की फसलों की उपज भी कम हो रही है, हर छोटे व बड़े किसान को इज्जत की रोटी खाने के लिए संघर्ष के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।

सिद्धू ने कहा, पंजाब आज केंद्र सरकार के तीन काले कानून के खिलाफ लड़ रहा है। पंजाब के किसानों की कमर तोड़ने के लिए व किसानी खत्म करने व उनकी स्थिति को बद से बद्दतर करने एवं छोटे व्यापारी, मजदूर की रोटी छीनने के लिए यह कानून बनाए गए हैं। अगर कृषि कानून रद न हुए, फसल, फ्रूट, दाल का एमएसपी न बढ़ाया, किसानों को आयल सीड व जरूरत की सामग्री, फसल की खरीद न की गई, किसानों के हाथ में स्टोरेज न दिया, किसानी पर बढ़ रहा कर्ज खत्म न हुआ तो पंजाब किसी भी सूरत में वित्तीय तौर पर उठ नहीं सकेगा

वीडियो में सिद्धू ने कहा कि पंजाब में तरक्की की हर एक राह किसानी से होकर गुजरती है। मेरे घर पर लगा हुआ यह काला झंडा कृषि कानूनों सहित किसान विरोधी सिस्टम को ठुकराने के लिए है। जब तक यह सिस्टम नहीं बदलेगा तब तक यह झंडा नीचे नहीं उतरेगा। इस संदेश के बाद उन्होंने ‘देह शिवा वर मोहे इहे… शुभ करमन के कबहु न टरूं…’ शब्द बोला ओर फिर जयकारा ‘बोले सो निहाल…’ लगाया। नवजोत सिंह सिद्धू ने काला कुर्ता पैजामा व काली पगड़ी पहनी हुई थी, जबकि उनकी पत्नी नवजोत कौर ने गुलाबी रंग का सूट पहना था।

किसान संगठनों ने किसानों, मजदूरों, युवाओं, विद्यार्थियों, सरकारी कर्मचारियों, साहित्यकारों, रंगकर्मियों, ट्रांसपोर्टरों, व्यापारियों और दुकानदारों से अपना रोष व्यक्त करने की अपील की थी। संयुक्त मोर्चा के नेता प्रो. जगमोहन सिंह ने अपील की थी कि किसान स्थायी धरनों में काली पगड़ियां पहन कर और काली चुनरियां ओढ़कर शामिल हों। इसके अलावा घरों, दुकानों, दफ्तरों, ट्रैक्टरों, कारों, जीपों, स्कूटर, मोटर साइकिल,बसों, ट्रकों पर काले झंडे लाकर तीनों कृषि कानूनों, बिजली संशोधन बिल और पराली आर्डिनेंस का विरोध जोरदार ढंग से किया जाए।

गत दिवस सिद्धू ने कहा था कि जब तक केंद्र सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस नहीं लेती, वह किसान आंदोलन का समर्थन करेंगे। अमृतसर होली सिटी स्थित उनकी कोठी पर काला झंडा लगाने सिद्धू खुद तो नहीं पहुंचे, हां उनकी गैरहाजिरी में उनकी बेटी राबिया सिद्धू ने कोठी की छत पर झंडा लगाया। राबिया ने भी पिता की तरह मीडिया से दूरी बनाए रखी और इस बाबत किसी से बात नहीं की।

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