पांच श्रमिको में कोरोना की पुष्टि, होम क्वॉरटाइन किये गए थे श्रमिक, रिपोर्ट आते ही अस्पताल भेजे गए

 हरदोई जिले में कोरोना ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है। महाराष्ट्र से अपने साधनों से आये पांच श्रमिक कोरोना पॉजिटिव निकले। सभी संडीला के  क्वॉरटाइन होम में थे। शनिवार सुबह रिपोर्ट आते ही स्वास्थ्य विभाग में खलबली मच गई। आनन फानन में स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर पहुँच गई और सभी को बावन अस्पताल एम्बुलेंस से भिजवाया। यह सभी कुछ दिन।पूर्व संक्रमित निकले भरावन के युवक के साथ ही थे।

वहीं लखनऊ में शुक्रवार को मुंबई से प्रवासी मजदूरों संग लौटी मह‍िला में कोरोना की पुष्टि‍ हुई है। यह छठा मील इलाके में पहला केस है। ऐसे में क्षेत्र में दि‍नभर हड़कंप रहा। जि‍ला नोडल ऑफीसर कोवि‍ड डॉ. केपी त्रि‍पाठी के मुताबि‍क महि‍ला 17 मई को मुंबई से लौटी थी। 18 मई को उसका स्वैब सैंपल जांच के लि‍ए केजीएमयू भेजा गया। यहां जांच में कोराना की पुष्टि‍ हुई है। महि‍ला छठा मील इलाके में रहती है। यहां कोरोना का पहला केस आया है। वहीं मुंबई, मध्यप्रदेश, गुजरात से लौटे अब तक 23 मरीजों में कोरोना का संक्रमण पाया जा चुका है

नरही में महिला निकली संक्रमित

राजधानी के दिल कहे जाने वाले हजरतगंज के नरही में आखिरकार कोरोना ने दस्तक दे ही दिया। सिविल अस्पताल में भर्ती यहां की 32 वर्षीय एक महिला की कोरोना रिपोर्ट शुक्रवार को पॉजिटिव आने से अस्पताल परिसर समेत नरही इलाके में भी हड़कंप मच गया। महिला गुरुवार को इमरजेंसी में दिखाने के बाद आइसोलेशन में भर्ती की गई थी। कोरोना के संदिग्ध लक्षण दिखने पर उसका नमूना जांच के लिए भेजा गया था। शुक्रवार की रात रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद महिला को लोकबंधु अस्पताल में शिफ्ट करा दिया गया है। नरही क्षेत्र में कोरोना संक्रमण का यह पहला मामला है।

सिविल व लोकबंधु अस्पताल के निदेशक डॉक्टर डीएस नेगी ने बताया कि महिला में संक्रमण की पुष्टि होने के बाद उसे लोकबंधु शिफ्ट करा दिया गया है। जिस वार्ड में भर्ती थी उसे सील कराकर सैनिटाइजेशन कराया गया है। पूरा एहतियात बरतते हुए पहले ही उसे आइसोलेशन में रखा गया था। फिर भी संपर्क में कोई आया होगा तो उसे क्वारंटाइन किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि इससे पहले नरही क्षेत्र में ही करीब दो हफ्ते पहले एक गर्भवती की रिपोर्ट पॉजिटिव आने से हड़कंप मच गया था। हालांकि बाद में क्रॉस जांच में उसकी रिपोर्ट निगेटिव आ गई थी।

15 दि‍न से वायरस पर नहीं लगा ब्रेक

कोरोना के शहर में कुल मरीज बढ़कर 313 हो गए हैं। वहीं 15 द‍िन से वायरस की चेन पर ब्रेक नहीं लगा है। इससे पहले सात मई को कोरोना के केस शून्य आए थे।

अस्पताल से भागे मरीज बने चुनौती

18 अप्रैल : लोहिया संस्थान में लावार‍िश मरीज भर्ती कराया गया। इसमें कोरोना की पुष्टि‍ हुई। 18 अप्रैल की रात करीब नौ बजे मरीज अस्पताल से भाग गया। कई पुलिसकर्मियों मरीज की खोजबीन में जुटे रहे। 19 अप्रैल की को मरीज इंदिरानगर भूतनाथ के पास पकड़ा गया। इस दौरान उसने िकि‍तनों मेें संक्रमण बांटा अभी तक जानकारी नहीं हो सकी है।

18 मई : सुल्तानपुर निवासी मरीज को केजीएमयू में भर्ती किया गया। उसकी कोरोना जांच के िलए सैंपल भेजा गया। देर रात आई बुजुर्ग की रिपोर्ट में कोरोना संक्रमण का पता चला। 18 मई देर रात पॉजि‍टि‍व रि‍पोर्ट आई। इस दौरान बेड से मरीज गायब मि‍ला। 12 घंटे बाद पुलि‍‍स की तलाश के बाद वापस आया। इस दौरान वह कहां और कि‍न अस्पतालों में गया। इसका कुछ पता नहीं चल सका।

ल‍िं‍ब सेंटर को काेव‍िड-अस्पताल का प्रस्ताव शासन ने लौटाया

450.62 लाख का है प्रस्ताव, पूछा संचालि‍त व‍िभाग कहां होंगे शि‍फ्ट केजीएमयू में लिंब सेंटर को कोवि‍ड-अस्पताल बनाने का प्रस्‍ताव शासन ने लौटा द‍िया है। साथ ही ल‍िंब सेंटर में संचाल‍ित व‍िभाग कहां श‍िफ्ट होंगे, यह स्पष्ट ब्योरे के साथ दोबारा भेजने के न‍िर्देश द‍िए हैं। इसके ल‍िए 450.62 लाख रुपये मांग की गई थी। दरअसल, केजीएमयू ने ल‍िंब सेंटर को कोव‍िड अस्पताल बनाने का फैसला कि‍या है। यहां शि‍फ्ट पांचों वि‍भागों के डॉक्टर को कक्ष खाली करने के आदेश जारी कर द‍िए गए हैं। इसके ल‍िए शासन को प्रस्ताव भेजा गया था। इसमें बेडों पर आॅक्सीजन सप्लाई समेत कई कार्य होने हैं। ऐसे में 450.62 लाख रुपये की मांग की गई है। वहीं उपसचि‍व चि‍कि‍त्सा शि‍क्षा कुलदीप रस्तोगी ने केजीएमयू को प्रस्ताव वापस भेज द‍िया। इसमें ल‍िंब सेंटर में संचालि‍त वि‍भाग कहां चलेंगे, इसके ब्योरा के साथ भेजने के नि‍र्देश दि‍ए गए हैं। ल‍िंब सेंटर में कृत्रि‍म न‍िर्माण अंग शाला चलती है। यहां हर वर्ष हजारों दि‍व्यांगों के सहायक उपकरण व कृत्रि‍म अंग मुहैया कराए जाते हैं।

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