पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा ने इस्लामाबाद हाईकोर्ट के अयोग्य ठहराए जाने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में बहस के दौरान ख्वाजा आसिफ ने तर्क दिया कि विदेश में नौकरी की तलाश करने वाले पर पाकिस्तान में कोई संवैधानिक रोक या प्रतिबंध नहीं है। आसिफ ने पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट में दायर जवाब में ये भी कहा कि संविधान में ऐसा कोई कानून नहीं है जो उन्हें विदेश मंत्री बनने पर रोक लगाए। ये है मामला - गौरतलब है कि इमरान खान की पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ के नेता उस्मान डार ने ख्वाजा आसिफ पर चुनाव में दाखिल हलफनामे में विदेश (संयुक्त अरब अमीरात) में वर्क परमिट की जानकारी छुपाने का आरोप लगाया था। बाद में डार मामले को लेकर इस्लामाबाद हाईकोर्ट पहुंच गए और कहा कि आसिफ संसद की सदस्यता के योग्य नहीं हैं। इसके बाद इस्लामाबाद की तीन सदस्यीय विशेष पीठ ने फैसला सुनाते हुए ख्वाजा आसिफ को संसद की सदस्यता से अयोग्य करार दिया था। हाईकोर्ट का कहना था कि ख्वाजा ने ईमानदारी नहीं दिखाई। इस फैसले के बाद आसिफ ने कहा था कि मैंने कोई जानकारी नहीं छुपाई और फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दूंगा। राजनीतिक अदावत भी है दोनों के बीच - ख्वाजा आसिफ को नवाज शरीफ का करीबी माना जाता है। गौरतलब है कि नवाज शरीफ को भी पनामा पेपर मामले में सुप्रीम कोर्ट पिछले साल 28 जुलाई को संवैधानिक पद के अयोग्य करार दे चुकी है। वहीं, इमरान खान की पार्टी के उस्मान डार 2013 के आम चुनाव में आसिफ के खिलाफ लड़े थे, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। अब सुप्रीम कोर्ट में मामला - अब ख्वाजा ने हाईकोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। इस दौरान उन्होंने बताया कि चुनाव में नामांकन के दौरान उन्होंने अपनी कमाई की सारी जानकारी दी थी। आसिफ ने कहा कि यूएई में वर्क परमिट का खुलासा भी उन्होंने खुद 2015 में किया। इस बीच, उस्मान डार ने अपने वकील के जरिये दाखिल जवाब में कहा है कि ख्वाजा ने जानबूझ आयकर से बचने के लिए जानकारी छुपाई।

पाकः SC पहुंचे ख्वाजा आसिफ, बोले- संविधान मेरे विदेश मंत्री बनने पर रोक नहीं लगाता

पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा ने इस्लामाबाद हाईकोर्ट के अयोग्य ठहराए जाने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में बहस के दौरान ख्वाजा आसिफ ने तर्क दिया कि विदेश में नौकरी की तलाश करने वाले पर पाकिस्तान में कोई संवैधानिक रोक या प्रतिबंध नहीं है। आसिफ ने पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट में दायर जवाब में ये भी कहा कि संविधान में ऐसा कोई कानून नहीं है जो उन्हें विदेश मंत्री बनने पर रोक लगाए।पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा ने इस्लामाबाद हाईकोर्ट के अयोग्य ठहराए जाने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में बहस के दौरान ख्वाजा आसिफ ने तर्क दिया कि विदेश में नौकरी की तलाश करने वाले पर पाकिस्तान में कोई संवैधानिक रोक या प्रतिबंध नहीं है। आसिफ ने पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट में दायर जवाब में ये भी कहा कि संविधान में ऐसा कोई कानून नहीं है जो उन्हें विदेश मंत्री बनने पर रोक लगाए।  ये है मामला -   गौरतलब है कि इमरान खान की पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ के नेता उस्मान डार ने ख्वाजा आसिफ पर चुनाव में दाखिल हलफनामे में विदेश (संयुक्त अरब अमीरात) में वर्क परमिट की जानकारी छुपाने का आरोप लगाया था। बाद में डार मामले को लेकर इस्लामाबाद हाईकोर्ट पहुंच गए और कहा कि आसिफ संसद की सदस्यता के योग्य नहीं हैं।  इसके बाद इस्लामाबाद की तीन सदस्यीय विशेष पीठ ने फैसला सुनाते हुए ख्वाजा आसिफ को संसद की सदस्यता से अयोग्य करार दिया था। हाईकोर्ट का कहना था कि ख्वाजा ने ईमानदारी नहीं दिखाई। इस फैसले के बाद आसिफ ने कहा था कि मैंने कोई जानकारी नहीं छुपाई और फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दूंगा।  राजनीतिक अदावत भी है दोनों के बीच -   ख्वाजा आसिफ को नवाज शरीफ का करीबी माना जाता है। गौरतलब है कि नवाज शरीफ को भी पनामा पेपर मामले में सुप्रीम कोर्ट पिछले साल 28 जुलाई को संवैधानिक पद के अयोग्य करार दे चुकी है। वहीं, इमरान खान की पार्टी के उस्मान डार 2013 के आम चुनाव में आसिफ के खिलाफ लड़े थे, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा।  अब सुप्रीम कोर्ट में मामला -   अब ख्वाजा ने हाईकोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। इस दौरान उन्होंने बताया कि चुनाव में नामांकन के दौरान उन्होंने अपनी कमाई की सारी जानकारी दी थी।  आसिफ ने कहा कि यूएई में वर्क परमिट का खुलासा भी उन्होंने खुद 2015 में किया। इस बीच, उस्मान डार ने अपने वकील के जरिये दाखिल जवाब में कहा है कि ख्वाजा ने जानबूझ आयकर से बचने के लिए जानकारी छुपाई।

ये है मामला –

गौरतलब है कि इमरान खान की पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ के नेता उस्मान डार ने ख्वाजा आसिफ पर चुनाव में दाखिल हलफनामे में विदेश (संयुक्त अरब अमीरात) में वर्क परमिट की जानकारी छुपाने का आरोप लगाया था। बाद में डार मामले को लेकर इस्लामाबाद हाईकोर्ट पहुंच गए और कहा कि आसिफ संसद की सदस्यता के योग्य नहीं हैं।

इसके बाद इस्लामाबाद की तीन सदस्यीय विशेष पीठ ने फैसला सुनाते हुए ख्वाजा आसिफ को संसद की सदस्यता से अयोग्य करार दिया था। हाईकोर्ट का कहना था कि ख्वाजा ने ईमानदारी नहीं दिखाई। इस फैसले के बाद आसिफ ने कहा था कि मैंने कोई जानकारी नहीं छुपाई और फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दूंगा।

राजनीतिक अदावत भी है दोनों के बीच –

ख्वाजा आसिफ को नवाज शरीफ का करीबी माना जाता है। गौरतलब है कि नवाज शरीफ को भी पनामा पेपर मामले में सुप्रीम कोर्ट पिछले साल 28 जुलाई को संवैधानिक पद के अयोग्य करार दे चुकी है। वहीं, इमरान खान की पार्टी के उस्मान डार 2013 के आम चुनाव में आसिफ के खिलाफ लड़े थे, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा।

अब सुप्रीम कोर्ट में मामला –

अब ख्वाजा ने हाईकोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। इस दौरान उन्होंने बताया कि चुनाव में नामांकन के दौरान उन्होंने अपनी कमाई की सारी जानकारी दी थी।

आसिफ ने कहा कि यूएई में वर्क परमिट का खुलासा भी उन्होंने खुद 2015 में किया। इस बीच, उस्मान डार ने अपने वकील के जरिये दाखिल जवाब में कहा है कि ख्वाजा ने जानबूझ आयकर से बचने के लिए जानकारी छुपाई।

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