ईरान के शीर्ष सैन्य कमांडर ने कहा है कि ईरान और पाकिस्तान संयुक्त रूप से रक्षा उपकरणों के निर्माण पर विचार कर रहे हैं. 'प्रेस टीवी' की रिपोर्ट के अनुसार, ईरानी सशस्त्र बलों के चीफ ऑफ स्टाफ, मेजर जनरल मोहम्मद बाकरी ने यह टिप्पणी पाकिस्तानी राष्ट्रपति मममून हुसैन के साथ इस्लामाबाद में एक बैठक के बाद की. रिपोर्ट में बाकरी के हवाले से बताया गया है कि ईरान और पाकिस्तान रक्षा उपकरणों को संयुक्त रूप से बनाने और इसे मुस्लिम राष्ट्रों की संयुक्त उपलब्धि के रूप में पेश करने के तौर पर काम कर रहे हैं. बैठक में हुसैन और बाकरी ने विशेष रूप से रक्षा क्षेत्र सहित अलग-अलग क्षेत्रों में तेहरान-इस्लामाबाद संबंधों के महत्व को रेखांकित किया. वहीं, मंगलवार को बाकरी ने पाकिस्तानी नौसेना स्टाफ के प्रमुख एडमिरल जफर महमूद अब्बासी के साथ बैठक की. बातचीत के दौरान दोनों पक्षों ने सैन्य शिक्षा, पायलट ट्रेनिंग, सैन्य अभ्यास और दोनों देशों के रक्षा उद्योगों के बीच संपर्कों सहित कई विषयों पर चर्चा की. भारत के लिए असमंजस की स्थिति आपको बता दें कि एक तरफ जहां पाकिस्तान भारत का पड़ोसी मुल्क होने के बावजूद देश का कट्टर दुश्मन है, वहीं ईरान भारत के बड़े मित्र देशों में शामिल है. ऐसे में दोनों देशों का सैन्य उपकरण बनाने के लिए साथ आना भारत के लिए असमंजस की स्थिति पैदा करने वाला हो सकता है.

पाकिस्तान के साथ मिलकर रक्षा उपकरण बनाएगा ईरान, भारत के लिए असमंजस की स्थिति

ईरान के शीर्ष सैन्य कमांडर ने कहा है कि ईरान और पाकिस्तान संयुक्त रूप से रक्षा उपकरणों के निर्माण पर विचार कर रहे हैं. ‘प्रेस टीवी’ की रिपोर्ट के अनुसार, ईरानी सशस्त्र बलों के चीफ ऑफ स्टाफ, मेजर जनरल मोहम्मद बाकरी ने यह टिप्पणी पाकिस्तानी राष्ट्रपति मममून हुसैन के साथ इस्लामाबाद में एक बैठक के बाद की.ईरान के शीर्ष सैन्य कमांडर ने कहा है कि ईरान और पाकिस्तान संयुक्त रूप से रक्षा उपकरणों के निर्माण पर विचार कर रहे हैं. 'प्रेस टीवी' की रिपोर्ट के अनुसार, ईरानी सशस्त्र बलों के चीफ ऑफ स्टाफ, मेजर जनरल मोहम्मद बाकरी ने यह टिप्पणी पाकिस्तानी राष्ट्रपति मममून हुसैन के साथ इस्लामाबाद में एक बैठक के बाद की.   रिपोर्ट में बाकरी के हवाले से बताया गया है कि ईरान और पाकिस्तान रक्षा उपकरणों को संयुक्त रूप से बनाने और इसे मुस्लिम राष्ट्रों की संयुक्त उपलब्धि के रूप में पेश करने के तौर पर काम कर रहे हैं. बैठक में हुसैन और बाकरी ने विशेष रूप से रक्षा क्षेत्र सहित अलग-अलग क्षेत्रों में तेहरान-इस्लामाबाद संबंधों के महत्व को रेखांकित किया.   वहीं, मंगलवार को बाकरी ने पाकिस्तानी नौसेना स्टाफ के प्रमुख एडमिरल जफर महमूद अब्बासी के साथ बैठक की. बातचीत के दौरान दोनों पक्षों ने सैन्य शिक्षा, पायलट ट्रेनिंग, सैन्य अभ्यास और दोनों देशों के रक्षा उद्योगों के बीच संपर्कों सहित कई विषयों पर चर्चा की.   भारत के लिए असमंजस की स्थिति आपको बता दें कि एक तरफ जहां पाकिस्तान भारत का पड़ोसी मुल्क होने के बावजूद देश का कट्टर दुश्मन है, वहीं ईरान भारत के बड़े मित्र देशों में शामिल है. ऐसे में दोनों देशों का सैन्य उपकरण बनाने के लिए साथ आना भारत के लिए असमंजस की स्थिति पैदा करने वाला हो सकता है.

रिपोर्ट में बाकरी के हवाले से बताया गया है कि ईरान और पाकिस्तान रक्षा उपकरणों को संयुक्त रूप से बनाने और इसे मुस्लिम राष्ट्रों की संयुक्त उपलब्धि के रूप में पेश करने के तौर पर काम कर रहे हैं. बैठक में हुसैन और बाकरी ने विशेष रूप से रक्षा क्षेत्र सहित अलग-अलग क्षेत्रों में तेहरान-इस्लामाबाद संबंधों के महत्व को रेखांकित किया.

वहीं, मंगलवार को बाकरी ने पाकिस्तानी नौसेना स्टाफ के प्रमुख एडमिरल जफर महमूद अब्बासी के साथ बैठक की. बातचीत के दौरान दोनों पक्षों ने सैन्य शिक्षा, पायलट ट्रेनिंग, सैन्य अभ्यास और दोनों देशों के रक्षा उद्योगों के बीच संपर्कों सहित कई विषयों पर चर्चा की.

भारत के लिए असमंजस की स्थिति
आपको बता दें कि एक तरफ जहां पाकिस्तान भारत का पड़ोसी मुल्क होने के बावजूद देश का कट्टर दुश्मन है, वहीं ईरान भारत के बड़े मित्र देशों में शामिल है. ऐसे में दोनों देशों का सैन्य उपकरण बनाने के लिए साथ आना भारत के लिए असमंजस की स्थिति पैदा करने वाला हो सकता है.

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