पाकिस्तान के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज यूनिस खान ने कहा कि जिस तरह देश में क्रिकेट को चलाया जा रहा है, उससे बहुत निराश हैं। उन्होंने हाल ही में कहा कि वो पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) द्वारा आयोजित कराने वाले विदाई समारोह में हिस्सा नहीं लेना चाहते। बता दें कि इस वर्ष वेस्टइंडीज के खिलाफ अपने टेस्ट करियर का आखिरी मुकाबला खेलने वाले यूनिस और पूर्व कप्तान मिस्बाह उल हक के लिए पीसीबी ने विदाई समारोह आयोजित कराने की योजना बनाई है। आज ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज के लिए भारतीय टीम का चयन…..
इसमें जाने के फैसले पर यूनिस ने कहा कि उनकी समझ में ये नहीं आ रहा कि विदाई समारोह इतना देरी से क्यों आयोजित कराया गया। उन्होंने साथ ही कहा कि उन्हें पैसों का लालच नहीं है। यूनिस को इस बात की निराशा है कि पाकिस्तान क्रिकेट में बड़े खिलाड़ियों की अनदेखी की जाती है। उन्होंने ध्यान दिलाया कि कई मौके ऐसे रहे जब उन्हें बहुत निराशा हुई।
यूनिस ने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि ये फेयरवेल मायने रखता है। इसका क्या फायदा जब मैंने और मिस्बाह ने इस साल मई में संन्यास ले लिया। अन्य देशों में पूर्व कप्तानों या दिग्गज क्रिकेटरों को समय रहते फेयरवेल दिया जाता है।’ उन्होंने आगे कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि इस विदाई समारोह का अब कोई फायदा है और न ही मुझे पैसों की जरूरत है।
पीसीबी से किसी ने मुझे फोन करके विदाई समारोह का निमंत्रण दिया और कहा कि मुझे मोटी रकम मिलेगी, लेकिन मैंने फैसला किया है कि इसमें नहीं जाउंगा क्योंकि पीसीबी में मैंने जो भी देखा है या जिस भी दौर से गुजरा हूं, उसे कभी भूल नहीं सकता।’ इसी बारे में आगे बात करते हुए यूनिस ने कहा कि उनकी इज्जत और गर्व से बढ़कर कुछ मायने नहीं रखता। उन्होंने साथ ही खुलासा किया कि पीसीबी ने उनका वेतन भी घटा दिया है, जबकि संन्यास लेने के बाद भी उनका बोर्ड के साथ अनुबंध खत्म नहीं हुआ था।
इस पर यूनिस ने कहा, ‘मेरे लिए इतना बहुत था। मगर मेरी इज्जत से बढ़कर और कुछ महत्व नहीं रखता। मुझे नही लगता कि बोर्ड ने कई खिलाड़ियों के साथ न्याय किया, जिसके वो हकदार थे। मैंने 14 मई को संन्यास लिया और मेरे ख्याल से अनुबंध जून में समाप्त हो रहा था। मैंने अपने आप ही इस संबंध में बोर्ड को जानकारी दी थी, लेकिन वेतन में कटौती की उम्मीद नहीं थी। ये सीनियर खिलाड़ी की इज्जत करने के संकेत नहीं है। मेरी वजह से उन्होंने मिस्बाह के साथ भी ऐसा ही किया।’