डीयू के बुद्धिस्ट विभाग में एमफिल और पीएचडी की परीक्षा में एक समान प्रश्न पूछे जाने वाले मामले में पीएचडी की परीक्षा को दुबारा कराए जाने का आश्वासन मिलने के बाद छात्रों ने अनशन खत्म कर दिया है। हालांकि छात्र इसको लेकर सोमवार को लिखित आश्वासन चाहते हैं। ऐसा नहीं होने पर वह दुबारा अनिश्चितकालीन अनश्न शुरु कर सकते हैं और कोर्ट का रुख भी करेंगे।
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अनशन में शामिल आशीष सिंह ने बताया कि इस मामले में 12 जुलाई को अनशन की शुरुआत की गई थी। उन्होंने बताया कि शनिवार दोपहर 12 बजे डीन स्टूडेंट वेलफेयर डॉ राजेश टंडन व डिप्टी प्रॉक्टर डॉ मनोज. इतिहास के शिक्षक सुरेन्द्र कुमार व अन्य शिक्षक अनशन स्थल पर पहुंचे।
इस अनशन में अशुंमान सिंह, मोहित लोचब, पिंकी, अमित व दीपक शर्मा शामिल थे। इन सबने ने जूस पीकर अपना अनशन समाप्त किया। आशीष सिंह ने बताया कि हमें बताया गया है कि पीएचडी केलिए नए सिरे से प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाएगी। यह हमारी जीत है।
उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि इसको लेकर हमें लिखित आश्वासन मिले। हमारी मांग है कि पीएचडी की तरह एमफिल की प्रवेश परीक्षा भी दुबारा आयोजित कराई जाए। वहीं विभाग के अध्यक्ष को सभी कमेटियों से हटाया जाए। ऐसा नहीं होता तो मंगलवार से फिर से अनशन शुरु किया जाएगा और कोर्ट में याचिका डाली जाएगी।
उल्लेखनीय है कि इस मामले को लेकर बृहस्पतिवार को परीक्षा विभाग ने जांच के लिए दो सदस्यीय कमेटी गठित की थी। कमेटी को अपनी रिपोर्ट शनिवार को देनी थी।
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