पीएम मोदी के लिए 2014 में चुनावी रणनीति बनाने वाले प्रशांत ने किया राजनीतिक दलों से किनारा

चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर का कहना है कि वह अगामी 2019 लोकसभा के आम चुनावों में किसी भी राजनीतिक दल का हिस्सा नहीं होंगे, क्योंकि वह जमीनी स्तर पर लौटने और लोगों के साथ काम करने की योजना बना रहे हैं। हालांकि कई राजनीतिक दलों के साथ उनके जुड़ने की अटकलें लगाई जा रही थीं।

चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने रविवार को स्पष्ट किया कि वह 2019 के आम चुनाव में शामिल नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि नेताओं के साथ बहुत काम कर लिया और अब वह जनसाधारण की ओर लौटना चाहते हैं। यहां इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस (आईएसबी) के छात्रों से बातचीत में उन्होंने राजनीति में आने की मीडिया की खबरों का भी खंडन किया। उन्होंने बताया कि वह पिछले दो सालों से इस क्षेत्र को छोड़ना चाहते हैं, लेकिन यह फैसला लेने से पहले अपने संगठन आईपीएसी को सुरक्षित हाथों में सौंपना चाहते हैं।

प्रशांत किशोर ने कहा, ‘मैं 2019 के चुनाव प्रचार अभियान का हिस्सा नहीं बनूंगा। मैं गुजरात या बिहार में जनसामान्य के बीच लौटना चाहता हूं।’ हालांकि उन्होंने इसके बारे में कुछ ज्यादा नहीं बताया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए 2014 में चुनावी रणनीति बनाने वाले प्रशांत (41) ने बताया मार्च 2015 में पीएमओ छो़ड़ने के बाद वह पिछले साल तक मोदी से नहीं मिले। पिछले साल जब उनकी मां मरणासन्न थीं, तब प्रधानमंत्री ने उन्हें फोन किया था। उसके बाद से वह मोदी से मिलने और बात करने लगे। हालांकि उन्होंने अगले चुनाव में मोदी के साथ काम करने या भाजपा के लिए राजनीतिक रणनीति बनाने की बात से इनकार किया।

चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर का कहना है कि वह अगामी 2019 लोकसभा के आम चुनावों में किसी भी राजनीतिक दल का हिस्सा नहीं होंगे, क्योंकि वह जमीनी स्तर पर लौटने और लोगों के साथ काम करने की योजना बना रहे हैं। हालांकि कई राजनीतिक दलों के साथ उनके जुड़ने की अटकलें लगाई जा रही थीं।

चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने रविवार को स्पष्ट किया कि वह 2019 के आम चुनाव में शामिल नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि नेताओं के साथ बहुत काम कर लिया और अब वह जनसाधारण की ओर लौटना चाहते हैं। यहां इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस (आईएसबी) के छात्रों से बातचीत में उन्होंने राजनीति में आने की मीडिया की खबरों का भी खंडन किया। उन्होंने बताया कि वह पिछले दो सालों से इस क्षेत्र को छोड़ना चाहते हैं, लेकिन यह फैसला लेने से पहले अपने संगठन आईपीएसी को सुरक्षित हाथों में सौंपना चाहते हैं।

प्रशांत किशोर ने कहा, ‘मैं 2019 के चुनाव प्रचार अभियान का हिस्सा नहीं बनूंगा। मैं गुजरात या बिहार में जनसामान्य के बीच लौटना चाहता हूं।’ हालांकि उन्होंने इसके बारे में कुछ ज्यादा नहीं बताया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए 2014 में चुनावी रणनीति बनाने वाले प्रशांत (41) ने बताया मार्च 2015 में पीएमओ छो़ड़ने के बाद वह पिछले साल तक मोदी से नहीं मिले। पिछले साल जब उनकी मां मरणासन्न थीं, तब प्रधानमंत्री ने उन्हें फोन किया था। उसके बाद से वह मोदी से मिलने और बात करने लगे। हालांकि उन्होंने अगले चुनाव में मोदी के साथ काम करने या भाजपा के लिए राजनीतिक रणनीति बनाने की बात से इनकार किया।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तथा कांग्रेस पार्टी के लिए भी काम कर चुके प्रशांत ने कहा कि उन्होंने वाईएसआर कांग्रेस के वाईएस जगनमोहन रेड्डी का भी काम किया, क्योंकि उन्होंने उनसे वादा किया था। उन्होंने बताया कि मोदी, नीतीश और अमरिंदर सिंह ने उन्हें ‘हायर’ नहीं किया था और पैसा तो आखिरी मानदंड था। प्रशांत ने इस बात से भी इनकार किया कि उन्होंने या उनके संगठन ने विभिन्न पार्टियों के साथ काम करने के लिए बड़ी रकम ली।

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