हृदय की स्थिति की जांच के लिहाज से चिकित्सक वर्षों से एक फार्मूला अपनाते चले आ रहे हैं. इसके तहत प्रति मिनट किसी व्यक्ति का दिल अधिकतम कितनी बार धड़कता है, इसकी गणना की जाती है. लेकिन यह फर्मूला दोषपूर्ण है, क्योंकि इसमें पुरुषों और महिलाओं के दिल की धड़कन के अंतर का हिसाब नहीं रखा जाता है. यह बात एक अनुसंधान में सामने आई है. व्यायाम के दौरान हृदय की धड़कन के तरीके को भी कई लोग धड़कन की दर का पता लगाने के लिए इस्तेमाल करते हैं.

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यह निर्धारित करने के लिए कि किसी रोगी को व्यायाम के दौरान कितनी मेहनत करनी चाहिए, चिकित्सक साधारण तौर पर ‘220 मिनस एज’ फार्मूला इस्तेमाल में लाते हैं. इस जांच को व्यायाम तनाव जांच के रूप में जाना जाता है.
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करीब 25000 से ज्यादा तनाव जांच के बाद अनुसंधानकर्ताओं ने पुरुषों और महिलाओं में महत्वपूर्ण अंतर पाया और नया फार्मूला विकसित किया.
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