पुलिस की गोली से तेंदुए की मौत, सोशल मीडिया पर मचा हड़कंप...

पुलिस की गोली से तेंदुए की मौत, सोशल मीडिया पर मचा हड़कंप…

लखनऊ के आशियाना के औरंगाबाद इलाके में दहशत फैलाने वाले तेंदुए को पुलिस ने फायरिंग में मार गिराया। शनिवार सुबह करीब पांच बजे तेंदुआ वन विभाग का जाल फाड़कर एक घर में घुस गया।पुलिस की गोली से तेंदुए की मौत, सोशल मीडिया पर मचा हड़कंप...मौके पर पहुंची आशियाना पुलिस के इंस्पेक्टर त्रिलोकी सिंह व दरोगा अबु तालिब जैदी ने तेंदुए से आमना-सामना होने पर पिस्टल से कई फायर कर दिए।

इस बीच, त्रिलोकी ने तेंदुए को घर के किचन में बंद कर दिया। बाद में वन विभाग की टीम पहुंची तो उसे तेंदुए का शव मिला। पोस्टमार्टम में तेंदुए के कंधे और पीठ पर गोलियों के दो निशान मिले हैं। गोलियां शरीर के आर-पार हो गई थीं। चूंकि तेंदुआ शेड्यूल वन के तहत संरक्षित वन्य जीव है, इसलिए उसे गोली मारने से हड़कंप मच गया।

सोशल मीडिया पर मुद्दा गरमाया तो तेंदुए को मारकर अपनी पीठ ठोंक रही पुलिस शाम को बैकफुट पर आ गई। एसएसपी दीपक कुमार ने कहा कि इंस्पेक्टर को आत्मरक्षा में गोलियां चलानी पड़ी। उन्होंने मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए डीएम को पत्र लिखकर तेंदुआ की मौत की मजिस्ट्रेटी जांच की संस्तुति की है। उधर, पुलिस द्वारा फायरिंग की बात स्वीकार करने के बावजूद वन विभाग ने मामले में खानापूरी करते हुए अज्ञात के खिलाफ तेंदुआ को मारने का केस दर्ज करा दिया।

वन विभाग की टीम पर उठ रहे हैं ये सवाल-
– जब तेंदुआ जाल काटकर निकला तो उसकी टीम कहां थी।
– पुलिस फायरिंग की बात स्वीकार कर रही है, लेकिन केस अज्ञात के खिलाफ क्यों।

पुलिस भी जांच के घेरे में-
– कमरे में कैद करने के दो घंटे बाद वन विभाग को क्यों बुलाया।
– सोशल मीडिया पर वायरल: इंस्पेक्टर त्रिलोकी ने कहा- आमने-सामने हुई तेंदुए से फायरिंग।

तेंदुए के मारे जाने के बाद शनिवार सुबह सबसे पहले पुलिस ने अपनी खूब पीठ थपथपाई। एक दरोगा खुलेआम बयान देते रहे कि उन्होंने तेंदुए पर गोली चलाई लेकिन कुछ देर बाद ही पुलिस का बयान बदल गया। पुलिस बैकफुट पर आ गई और फिर आत्मरक्षा में गोली चलाने की बात कहती रही। हालांकि दूसरी ओर वन विभाग ने यह बात स्वीकार ही नहीं की कि तेंदुए पर गोली पुलिस ने चलाई या पुलिस की गोली से तेंदुए की मौत हुई। वन विभाग ने अज्ञात पर फायरिंग का मुकदमा लिखा दिया।

इंस्पेक्टर त्रिलोकी सिंह ने बताया कि सुबह करीब पांच बजे वन विभाग का लगाया जाल फाड़कर तेंदुआ भाग निकला था। सुबह सवा छह बजे इलाकाई लोगों से सूचना पाकर पुलिस टीम मौके पर पहुंच गई। लोगों में भगदड़ मची थी। महिलाएं-बच्चे इधर-उधर भाग रहे थे। इस भगदड़ में कई लोगों को गिरकर चोटें भी आ गईं। उपनिरीक्षक अबु तालिब जैदी ने इंस्पेक्टर को बताया कि तेंदुआ गांव के सहीम खां के प्लॉट के भीतर देखा गया है। इंस्पेक्टर फोर्स लेकर वहां पहुंचे तो पता चला कि तेंदुआ नियाज के घर में घुसा है। इंस्पेक्टर ने ग्रामीणों की मदद से जाल डालकर तेंदुआ पकड़ने का प्रयास किया तो वह हिंसक हो उठा। उसने मुन्ना पर झपट्टा मारकर उसके दायें पैर का मांस नोच लिया।

ग्रामीणों ने शोर मचाया तो तेंदुआ वहां से भागा और मुहर्रम अली की पत्नी खैरुन्निसा पर हमला कर दिया। यहां से तेंदुआ भागकर हसीब खान के मकान में घुसा और वहां मौजूद रजी को घायल कर दिया। पुलिस टीम हसीब के घर पहुंची जहां तेंदुआ ने इंस्पेक्टर पर हमला कर दिया। उनके दायें हाथ और सिर पर काफी चोटें आईं। इंस्पेक्टर ने तेंदुआ पर फायर किया तो वह भाग निकला। लोगों के घरों की छतों और गलियों से होते हुए तेंदुआ सिद्दीक के मकान की छत पर चढ़ गया। इस दौरान दरोगा अबु तालिब ने उस पर फायर किया तो वह भागकर शरीफ के मकान में घुस गया। भीतर से औरतों के चीखने की आवाजें सुनकर इंस्पेक्टर वहां पहुंचे और जाल डालकर तेंदुआ को पकड़ने की कोशिश शुरू कर दी। यहां तेंदुआ ने फिर इंस्पेक्टर पर हमला कर दिया। जवाब में उन्होंने फिर अपनी सरकारी पिस्टल से फायर किए और तेंदुआ को दबोचकर उसे किचन में धकेलकर बाहर से दरवाजा बंद कर दिया।

वन विभाग बोला, गोली किसने चलाई नहीं मालूम
मामले पर अवध वन प्रभाग के मुख्य वन संरक्षक के. प्रवीण राव का कहना है, ‘ सुबह 5:15 पर तेंदुआ जाल फाड़ कर निकला। गांव की भीड़ ने पुलिस के साथ उसकी घेराबंदी की। कुछ देर बाद तेंदुए का शव शरीफ खां के घर के किचन में हमारी टीम को मिला। चिकित्सकों ने बताया कि उसके शरीर पर गोलियों के निशान थे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मौत का सही कारण पता चल सकेगा। हमें ये भी नहीं पता कि गोलियां किसने चलाई। वन विभाग की धारा 2-9-51 के मुताबिक अज्ञात के खिलाफ वन्यजीव की हत्या का केस दर्ज किया गया है। वन्यजीव की मौत की जांच रिपोर्ट लखनऊ वन विभाग के उप प्रभागीय वन अधिकारी अयोध्या प्रसाद 15 दिन में देंगे। ’

वनकर्मियों और पत्रकारों पर ग्रामीणों का हमला
पुलिस और ग्रामीण एक ओर तेंदुए को दौड़ाने में जुटे थे तो गुस्साए लोग अचानक वनकर्मियों पर ही टूट पड़े। वन विभाग और जू के वाहनों पर पथराव कर दिया। जब तक वाहनों के भीतर लोग कुछ समझ पाते तब तक करीब 200 लोगों ने पूरा मैदान घेर लिया और ट्रैक्टर समेत वन विभाग के वाहनों और स्टाफ पर पथराव कर दिया। लोगों ने वनकर्मियों पर लापरवाही का आरोप लगा उन्हें दौड़ा लिया। जद में पूरी रेस्क्यू टीम आ गई। टीम को मुख्य सड़क तक खदेड़ दिया। बवाल की सूचना पर पहुंचे मीडियाकर्मियों पर भी लोग भड़क गए। एक दैनिक अखबार के कैमरामैन का कैमरा छीनने के प्रयास के अलावा उसके सिर पर लोगों ने डंडा मारकर घायल कर दिया। दो वाहन भी क्षतिग्रस्त कर दिए।

दरोगा बोला, आमने-सामने हुई तेंदुए से फायरिंग
लखनऊ पुलिस के दरोगा ने दावा किया कि हाथापाई के बाद उन्होंने तेंदुए को एक किचन में बंद कर दिया। तेंदुए पर दिए गए दरोगा के बयान का ये वीडियो तेजी से सोशल मीडिया में वायरल हुआ। लोग तेंदुए के साथ आमने-सामने फायरिंग के बयान पर खूब मजे ले रहे हैं। आशियाना थानाध्यक्ष त्रिलोकी सिंह एक वीडियो में बयान देते नजर आ रहे हैं कि ‘मैंने उसे घेर लिया। फिर आमने-सामने फायरिंग के बाद तेंदुए के साथ हाथापाई भी हुई। इसके बाद मैंने बल प्रयोग करते हुए किचन में बंद कर दिया..।’ वहीं वन्यजीव प्रेमी इस बयान पर काफी गुस्से में हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस मामले में ट्वीट कर सरकार पर तंज कसा है। उन्होंने देर शाम ट्वीट किया कि ‘कौन सा कानून कहता है कि जानवरों को पकड़ने की जगह उन्हें जान से मार दिया जाए, बेहोश भी तो कर सकते थे। नई सरकार में क्या जानवरों के भी एनकांउटर का चलन शुरू हो गया है। यह गैर कानूनी है, इसके जिम्मेदार बचने नहीं चाहिए।’ पहले भी राज्य सरकार को प्रदेश में चल रहे एनकाउंटर पर घेर चुके अखिलेश ने अब वन्यजीवों की मौत पर सवाल खड़ा किया है।

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