पेट्रोल व डीजल की कीमतों में अभी नहीं है राहत की उम्मीद, जानिए कितना उत्पाद शुल्क वसूल रही सरकार

पेट्रोल व डीजल की बढ़ती कीमतों से फिलहाल राहत मिलने की उम्मीद नहीं दिख रही है। केंद्र सरकार पेट्रोल व डीजल पर लगने वाले उत्पाद शुल्क में कटौती करने के मूड में नहीं दिख रही है। इसकी मुख्य वजह यह है कि चालू वित्त वर्ष 2020-21 में अप्रैल से सितंबर माह के दौरान सभी प्रकार के टैक्स कलेक्शन में गिरावट रही, लेकिन पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले उत्पाद शुल्क के कलेक्शन में पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के मुकाबले लगभग 34 फीसद की बढ़ोतरी रही।

अभी एक लीटर पेट्रोल की बिक्री होने पर उत्पाद शुल्क के रूप में केंद्र सरकार को 32.98 रुपये मिलते हैं। वहीं एक लीटर डीजल की बिक्री पर सरकार को 31.83 रुपये मिलते हैं। राज्य सरकार वैट के रूप में अपना टैक्स अलग से वसूलती है। दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल पर 19.32 रुपये तो एक लीटर डीजल पर 10.85 रुपये वैट वसूले जाते हैं जो राज्य सरकार के खाते में जाते हैं।

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में शनिवार को पेट्रोल की कीमत 84.70 रुपये है और डीजल 74.88 रुपये प्रति लीटर पर बिक रहा है। पिछले वर्ष पहली अप्रैल को दिल्ली में पेट्रोल की कीमत प्रति लीटर 69.69 रुपये प्रति लीटर थी। यानी कि चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों में पेट्रोल के दाम में 20 फीसद से अधिक की बढ़ोतरी हो चुकी है।

सूत्रों के मुताबिक, पेट्रोल व डीजल पर मिलने वाले उत्पाद शुल्क में कटौती से सरकार की राजस्व प्राप्ति प्रभावित होगी। इसलिए केंद्र सरकार की तरफ से उत्पाद शुल्क में कटौती पर कोई विचार नहीं किया जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमत में नरमी पर ही पेट्रोल व डीजल की खुदरा कीमत में गिरावट की उम्मीद की जा सकती है।

English News

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com