प्रथम पूज्य देव श्री गणेश के विवाह में अड़चन क्यों आ रही थी जानिए

देवों के देव महादेव के पुत्र श्री गणेश को हर शुभ कार्य करने से पहले पूजा जाता है। इसे एक बहुत ही बढ़िया शगुन माना जाता है। साथ ही आप तो जानते होंगे कि श्री गणेश का मस्तक हाथी और बाकि शरीर इंसान का है और उनका एक दांत भी भगवान परशुराम से हुए युद्ध में टूट गया था। जिस कारण उन्हें बाद में एकदंत भी कहा जाता है।ये भी पढ़े:  इस मंदिर में खास बात यह है की बजरंगबली खुद तोड़ते हैं नारियल, जानिए

श्री गणेश का विवाह

लेकिन शायद आपको ये न पता होगा की श्री गणेश का सर हाथी और एक दांत टूटा होने के कारण विवाह संभव नहीं हो पा रहा था। जिस कारण वे नाखुश रहते थे और किसी अन्य देवता का विवाह होता तो उसे तरह-तरह से परेशान किया करते थे।

श्री गणेश के इस कार्य में उनका चूहा भी उनका साथ देता था। वह विवाह के मंडप में जाकर उसे खोखला कर देता और इस तरह विवाह में किसी न किसी तरह विघ्न आ जाता था।

जिस कारण श्री गणेश से सारे देवता परेशान हो चुके थे। फिर आखिर में और कोई चारा न समझ आने के कारण वो सब मिलकर शिवजी के पास गए थे।

लेकिन शिव-पार्वती ने उन्हें सलाह दी कि देवगण आपको इस समस्या के समाधान के लिए ब्रह्माजी के पास जाना चाहिए। जिसके बाद सभी देवता ब्रह्मा जी के पास चल दिए।

तब ब्रह्मा जी ने उनकी सारी बात सुनकर दो कन्याओं को अवतरित किया जिनका नाम ऋद्धि और सिद्धि रखा गया। फिर ब्रह्मा जी उन दोनों कन्याओं को लेकर गणेशजी के पास पहुंचे और कहा वह उन्हें शिक्षा दें।

गणेशजी फ़ौरन तैयार हो गये।

फिर जब भी गणेशजी का चूहा उनके पास किसी देव के विवाह की खबर लता तो ऋद्धि और सिद्धि उनके ध्यान बांटने के लिए कोई न कोई प्रसंग छेड़ देतीं।

इस तरह विवाह निर्विघ्न होने लगे।

एक दिन चूहा आया और उसने देवताओं के निर्विघ्न विवाह के बारे में बताया तब गणेश जी को सारा मामला समझ में आया। गणेशजी फ़ौरन ब्रह्माजी के पास ऋद्धि-सिद्धि को लेकर प्रकट और उनकी सारी करतूत ब्रह्माजी के समक्ष रख दी।

फिर ब्रह्माजी ने उनसे कहा कि आपने स्वयं इन्हें शिक्षा दी है। मुझे तो इनके लिए कोई योग्य वर नहीं मिल रहा है। कृपया आप इनसे विवाह कर लें।

फिर आखिर में गणेशजी को अपनी गलती का अहसाह हुआ और उन्होंने ऋद्धि (बुद्धि- विवेक की देवी) और सिद्धि (सफलता की देवी) से विवाह कर लिया।

English News

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com