प्रदेश सरकार ने कर्जमाफी के लिए किसानों का डाटा भेजने के लिए तीन दिन का समय बढ़ा दिया है। पूर्व के निर्देशों के मुताबिक 17 अगस्त को ही ये डाटा भेजना था। अतिरिक्त समय मिलने पर कुछ त्रुटिपूर्ण डाटा को पुन: चेक करने के लिए बैंक शाखाओं और तहसीलों को भेजा गया है। यूपी के अवध में बाढ़ का कहर और भी बढ़ा, पांच लोग डूबे, चारो तरफ मची हडकंप…
गुरुवार का डीएम एसके राय ने इसको लेकर समिति सदस्यों के साथ बैठक की। जिसमें उन्होंने निर्धारित समय में त्रुटि रहित डाटा तैयार करने का निर्देश दिया। प्रदेश सरकार ने कर्जमाफी के लिए पात्र किसानों का डाटा भेजने के लिए 17 अगस्त तक की तिथि तय की थी।
इसको लेकर तहसीलों व बैंकों में तूफानी गति से काम किया जा रहा था। पहले चरण में बैंक खातों से आधार कार्ड लिंक करा चुके किसानों का डाटा बैंक व तहसील के अभिलेखों से जांच कराकर भेजने की तैयारी है। सूत्रों के मुताबिक, पहले चरण में कुल 36 हजार 464 किसानों के डाटा की जांच की जा रही है।
17 अगस्त तक 21 हजार 013 किसानों का डाटा भेजने के लिए तैयार हो पाया था। बैंक व तहसीलों से आई रिपोर्ट के बाद जिलास्तरीय समिति ने इसे ओके कर दिया है। जिलास्तरीय समिति ने चेकिंग के बाद त्रुटिपूर्ण किसानों के डाटा को नए सिरे से बैंक व तहसीलों को रीचेकिंग के लिए भेजा है।
कहा गया कि, यदि इनकी पात्रता ठीक है तो इनको भी पहले चरण में ही लाभ दिलाया जाए। कलेक्ट्रेट में आयोजित बैठक में डीएम ने समिति के साथ अन्य अफसरों से कहा कि, पात्रता की जांच पूरी पारदर्शिता के साथ की जाए।
साथ ही कोई भी पात्र किसान छूटने कतई न पाए। निर्धारित समय पर डाटा भेजने की व्यवस्था की जाए। बैठक में सीडीओ रवीश गुप्ता, जिला कृषि अधिकारी बृजेश कुमार सिंह, एलडीएम एके सिंह, सभी एसडीएम व तहसीलदार सहित अन्य अफसर मौजूद रहे।