प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जारी राहत पैकेज के अंतर्गत ऋण देने की कार्यवाही को सुनिश्चित किया जाए: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

मुख्यमंत्री योगी ने कहा – एनसीआर जैसे संवेदनशील क्षेत्र में जिला प्रशासन और पुलिस संक्रमण को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए

• मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को दिया निर्देश – नगर निगम कर्मियों के वेतन के भुगतान को लेकर आ रही समस्याओं का शीघ्र किया जाए निस्तारण

• गेहूं क्रय पहली बार 400 लाख क्विंटल पार

16 जून, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बैंकों द्वारा सभी पात्र एमएसएमई इकाइयों को ऋण उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है और कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जारी राहत पैकेज के अंतर्गत ऋण देने की कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा है कि एनसीआर जैसे संवेदनशील क्षेत्र में जिला प्रशासन और पुलिस पूरी सावधानी बरते। कोविड संक्रमण को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं। मेरठ मंडल के सभी जनपदों के कोविड अस्पतालों में बेड की संख्या को दोगुना किया जाए। उन्होंने मुख्य सचिव को निर्देशित किया है कि नगर निगम कर्मियों के वेतन के भुगतान पर जो भी समस्या आ रही है, उनका शीघ्र निस्तारण किया जाए।

उक्त जानकारी मंगलवार को यहां लोकभवन में कोरोना वायरस के संबंध में किए गए प्रेस कांफ्रेंस के दौरान अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने दी। उन्होंने बताया कि प्रत्येक जनपद में जो वेंटीलेटर लगाए गए हैं, वो सुचारू रूप से चल रहे हैं कि नहीं, इसकी मॉनिटरिंग की जा रही है। साथ ही वेंटीलेटर की संख्या का वेरिफिकेशन स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन के माध्यम से प्रत्येक जनपद में किया जाएगा। उन्होंने बताया कि गेहूं क्रय पहली बार 400 लाख क्विंटल के स्तर को पार कर गया है।

कोरोना मरीज़ों के उपचार के लिए 563 डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल:प्रमुख सचिव स्वास्थ्य

प्रमुख सचिव स्वास्थ्य, अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए प्रदेश में एल-1,2,3 के 563 डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल हैं, जिसमें 1 लाख 1 हज़ार 236 बेड की व्यवस्था है। वर्तमान समय में इनमें से 139 कोविड हॉस्पिटल में मरीजों का इलाज किया जा रहा है। प्रदेश के सभी जिला चिकित्सालय और मेडिकल कॉलेजों में नॉन कोविड केयर और अपातकालीन सेवा समेत अन्य सभी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं। इसके अलावा प्रदेश के 3324 निजी चिकित्सालयों में भी ये सुविधा प्रदान की जा रही है।

कोरोन वायरस के फैलाव को रोकने के लिए सभी निजी अस्पतालों के चिकित्सकों और हॉस्पिटल स्टाफ को प्रशिक्षित किया जा रहा है। इस क्रम में 3 बार ज़ूम के माध्यम से प्रशिक्षण दिया जा चुका है। जनपदों में मास्टर ट्रेनरों के द्वारा इच्छुक अस्पतालों के चिकित्सक और मेडिकल स्टाफ को प्रशिक्षण दिया गया। उन्होंने बताया कि प्रदेश में एक्टिव इंफेक्शन के कुल 5259 केस हैं। 8904 लोग पूर्णतः उपचारित होकर अपने घर जा चुके हैं। रिकवरी का प्रतिशत अब भी 61% से भी अधिक बना हुआ है। 435 मरीजों की अब तक मृत्यु हो चुकी है। इस समय आइसोलेशन वार्ड में 5261 लोगों को रखा गया है और वहां इनका उपचार जारी है।

प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने बताया कि सोमवार को प्रदेश में 13 हज़ार 966 सैंपल की जांच की गई। पूल सैंपलिंग के माध्यम से 5-5 सैंपल के 1082 पूल लगाए गए, जिसमें 150 लोग पॉज़िटिव पाए गए और 10-10 सैंपल के 122 पूल लगाए गए, जिसमें 15 लोगों की रिपोर्ट पॉज़िटिव आई। उन्होंने बताया कि आरोग्य सेतु ऐप का उपयोग करते हुए अबतक 83 हज़ार 462 लोगों को फोन किया गया। इनमें से 166 लोगों ने बताया कि वो संक्रमित हैं और उनका इलाज विभिन्न कोविड अस्पतालों में चल रहा है। इसी प्रकार 3415 लोगों ने बताया कि वो इस समय क्वॉरंटाइन में है। आशा कार्यकर्ता द्वारा निरंतर कामगारों और श्रमिकों के घर जाकर उनका हालचाल लिया जा रहा है। इस क्रम में अब तक 16 लाख 75 हज़ार 579 कामगारों और श्रमिकों को ट्रैक किया गया है। इनमें से 1463 लोगों में लक्षण पाए गए हैं। अब तक 1017 लोगों के जांच के परिणाम आ चुके हैं, जिनमें 164 की रिपोर्ट पॉज़िटिव और 853 की रिपोर्ट निगेटिव आई है। सर्विलांस के कार्य को आगे बढ़ाते हुए अबतक 93 लाख 42 हज़ार 785 घरों का सर्वे किया गया, जिसमें 4 करोड़ 76 लाख 56 हज़ार 168 लोग रहते हैं।

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