चौदह साल बाद उत्तर प्रदेश की सत्ता में लौटी भाजपा की सरकार से विधायक, कार्यकर्ता और पार्टी पदाधिकारी ही नहीं, प्रदेश के सांसद भी संतुष्ट नहीं हैं। बृहस्पतिवार को दिल्ली में पूर्वी यूपी और अवध क्षेत्र के सांसदों की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने योगी सरकार और उनके कुछ मंत्रियों के कामकाज को लेकर जबर्दस्त असंतोष सामने आया।इस तरह कांग्रेस को झटका देने को पूरा तैयार हैं गुजरात के नए ‘बापू’, जानिये कैसे..??
कई सांसदों ने कहा कि लगता था कि यूपी में भाजपा सरकार आने पर माहौल बदलेगा। क्षेत्र में काम होगा तो अगले चुनाव के लिए संभावनाएं बेहतर बनेंगी, पर स्थिति उलट गई है। प्रदेश के कई मंत्री सुनते नहीं। बाहर से आए और अब मंत्री बने कुछ नेता अपने लोगों का काम करते हैं लेकिन भाजपा कार्यकर्ताओं की नहीं सुनते। अधिकारी तक फोन नहीं उठाते।
विकास संबंधी कोई काम बताने पर उसमें तकनीकी अड़चनें बताकर बाधा डालते हैं। कुछ सांसदों ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास का मामला हो या हैंडपंप लगवाने का काम, अधिकारी पूरी तरह मनमानी करते हैं। भ्रष्टाचार का भी बोलबाला है। भाजपाइयों के साथ पुलिस का रवैया भी अच्छा नहीं है।
जनता भाजपा सांसदों-विधायकों पर तंज कस रही है
कई सांसदों ने कानून-व्यवस्था की बुरी स्थिति का हवाला दिया। कहा कि इससे भाजपा और इसके जनप्रतिनिधियों की साख प्रभावित हो रही है। क्षेत्र में लोग भाजपा सांसदों व विधायकों पर तंज कसने लगे हैं।
प्रधानमंत्री ने किया आश्वस्त
शिकायतें सुनने के बाद प्रधानमंत्री ने कहा कि वह हर जरूरी व्यवस्था करेंगे ताकि सांसदों को अपना कर्तव्य निभाने में कोई परेशानी न हो। उन्होंने सांसदों की शिकायतों के जल्द निराकरण का आश्वासन भी दिया।
उन्होंने उड़ीसा के एक सांसद का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने अपने इलाके के सभी किसानों को फसली बीमा योजना से कवर ही नहीं कराया, बल्कि सबसे ज्यादा भुगतान भी दिलाया। सभी को इसे नजीर मानकर काम करना चाहिए।
उत्तर प्रदेश में भी अपनी ही सरकार है। सांसदों के लिए यह सुनहरा मौका है। सभी को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का भरपूर लाभ पहुंचाने में जुटना चाहिए।
जमीन की नापजोख और उसके राजस्व रिकॉर्ड के लेखाजोखा के जनक राजा टोडरमल पर डाक टिकट जारी करने के लिए सीतापुर के सांसद राजेश वर्मा ने प्रधानमंत्री को बधाई दी।