खरीफ कृषि उत्पादों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में की गई बढ़ोतरी की बदौलत दूसरी छमाही के दौरान देश में सोने की खपत 25 फीसदी बढ़ने का अनुमान है। सबसे ज्यादा मांग ग्रामीण इलाकों में बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। किसानों की आय बढ़ने के बीच 15 अगस्त के बाद त्योहारों का सीजन शुरू हो जाएगा और फिर शादी-विवाह की खरीदारी होने लगेगी। ऐसे में सोने की मांग बढ़ना स्वाभाविक है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (डब्ल्यूजीसी) के मुताबिक एमएसपी में की गई यह बढ़ोतरी सीधे तौर पर भारत में कृषि आय बढ़ाने में मदद मिलेगी जिससे बाजार में नकदी बढ़ेगी। नतीजतन सोने की खरीदारी बढ़ सकती है। डब्ल्यूजीसी का अनुमान है कि भारतीय ग्रामीण इलाकों में सोने के प्रति जो आकर्षण है, वह आय बढ़ने पर तेजी से इसकी खरीदारी बढ़ाएगा। शुरुआती अनुमान के मुताबिक इससे सोने की मांग 25 फीसदी बढ़ सकती है। डब्ल्यूजीसी का मानना है कि इसमें भी अधिक मदद स्वर्ण आभूषण कारोबार में देखने को मिलेगी। 60 फीसदी आय ग्रामीण अर्थव्यवस्था से डब्ल्यूजीसी के मुताबिक भारतीय आय का 60 फीसदी हिस्सा अब भी ग्रामीण अर्थव्यवस्था से आता है। ऐसे में साल के दूसरे हिस्से में भारतीय बाजारों में नकदी का प्रवाह बढ़ सकता है और इसके कारण लंबे समय से मंदी झेल रहे सराफा बाजार को काफी राहत मिल सकती है। डब्ल्यूजीसी के मुताबिक इसका व्यापक असर दुनियाभर में सोना बजार पर भी हो सकता है। रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वार से भी भारतीय कृषि बाजार में संभावनाएं बढ़ी हैं, जिससे भारत में धन की आवक बढ़ने की उम्मीद की जा रही है। ऐसे में इस साल भारत में सोने की मांग औसत 810 लाख टन का स्तर पार करने की संभावना जताई गई है। चीन में सोना उत्पादन घटा साल की पहली छमाही के दौरान चीन में सोने का उत्पादन 8 फीसदी घटकर 190 लाख टन रह गया। उत्पादन घटने के बावजूद मांग स्थिर बनी रहने से वैश्विक बाजार में कीमतों पर इसका कोई असर नजर नहीं आ रहा है। चीन गोल्ड एसोसिएशन (सीजीए) के मुताबिक दुनिया के सबसे बड़े सोना उत्पादक और उपभोक्ता ने 2018 की पहली छमाही में 190.28 लाख टन सोने का उत्पादन किया, जो एक साल पहले की तुलना में 7.9 फीसदी कम है। पर्यावरण संबंधी सरकार की नीतियां खनन अधिकारों को वापस लेने समेत सीजीए ने कहा कि प्राकृतिक भंडार के साथ-साथ खनन अधिकारों के हस्तांतरण और रॉयल्टी भुगतान में सुधार आने से सोना उत्पादकों पर उत्पादन कम करने का दबाव बनाया गया है। सीजीए ने कहा कि इस साल चीन में सोने का आयात 74.9 फीसदी बढ़कर 6.1133 करोड़ टन के स्तर पर पहुंच गया।

फसलों की एमएसपी बढ़ने से 25 फीसदी बढ़ सकती है सोने की खपत

खरीफ कृषि उत्पादों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में की गई बढ़ोतरी की बदौलत दूसरी छमाही के दौरान देश में सोने की खपत 25 फीसदी बढ़ने का अनुमान है। सबसे ज्यादा मांग ग्रामीण इलाकों में बढ़ने की संभावना जताई जा रही है।खरीफ कृषि उत्पादों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में की गई बढ़ोतरी की बदौलत दूसरी छमाही के दौरान देश में सोने की खपत 25 फीसदी बढ़ने का अनुमान है। सबसे ज्यादा मांग ग्रामीण इलाकों में बढ़ने की संभावना जताई जा रही है।  किसानों की आय बढ़ने के बीच 15 अगस्त के बाद त्योहारों का सीजन शुरू हो जाएगा और फिर शादी-विवाह की खरीदारी होने लगेगी। ऐसे में सोने की मांग बढ़ना स्वाभाविक है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (डब्ल्यूजीसी) के मुताबिक एमएसपी में की गई यह बढ़ोतरी सीधे तौर पर भारत में कृषि आय बढ़ाने में मदद मिलेगी जिससे बाजार में नकदी बढ़ेगी। नतीजतन सोने की खरीदारी बढ़ सकती है।  डब्ल्यूजीसी का अनुमान है कि भारतीय ग्रामीण इलाकों में सोने के प्रति जो आकर्षण है, वह आय बढ़ने पर तेजी से इसकी खरीदारी बढ़ाएगा। शुरुआती अनुमान के मुताबिक इससे सोने की मांग 25 फीसदी बढ़ सकती है। डब्ल्यूजीसी का मानना है कि इसमें भी अधिक मदद स्वर्ण आभूषण कारोबार में देखने को मिलेगी।  60 फीसदी आय ग्रामीण अर्थव्यवस्था से  डब्ल्यूजीसी के मुताबिक भारतीय आय का 60 फीसदी हिस्सा अब भी ग्रामीण अर्थव्यवस्था से आता है। ऐसे में साल के दूसरे हिस्से में भारतीय बाजारों में नकदी का प्रवाह बढ़ सकता है और इसके कारण लंबे समय से मंदी झेल रहे सराफा बाजार को काफी राहत मिल सकती है।  डब्ल्यूजीसी के मुताबिक इसका व्यापक असर दुनियाभर में सोना बजार पर भी हो सकता है। रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वार से भी भारतीय कृषि बाजार में संभावनाएं बढ़ी हैं, जिससे भारत में धन की आवक बढ़ने की उम्मीद की जा रही है। ऐसे में इस साल भारत में सोने की मांग औसत 810 लाख टन का स्तर पार करने की संभावना जताई गई है।  चीन में सोना उत्पादन घटा  साल की पहली छमाही के दौरान चीन में सोने का उत्पादन 8 फीसदी घटकर 190 लाख टन रह गया। उत्पादन घटने के बावजूद मांग स्थिर बनी रहने से वैश्विक बाजार में कीमतों पर इसका कोई असर नजर नहीं आ रहा है।  चीन गोल्ड एसोसिएशन (सीजीए) के मुताबिक दुनिया के सबसे बड़े सोना उत्पादक और उपभोक्ता ने 2018 की पहली छमाही में 190.28 लाख टन सोने का उत्पादन किया, जो एक साल पहले की तुलना में 7.9 फीसदी कम है।  पर्यावरण संबंधी सरकार की नीतियां खनन अधिकारों को वापस लेने समेत सीजीए ने कहा कि प्राकृतिक भंडार के साथ-साथ खनन अधिकारों के हस्तांतरण और रॉयल्टी भुगतान में सुधार आने से सोना उत्पादकों पर उत्पादन कम करने का दबाव बनाया गया है। सीजीए ने कहा कि इस साल चीन में सोने का आयात 74.9 फीसदी बढ़कर 6.1133 करोड़ टन के स्तर पर पहुंच गया।

किसानों की आय बढ़ने के बीच 15 अगस्त के बाद त्योहारों का सीजन शुरू हो जाएगा और फिर शादी-विवाह की खरीदारी होने लगेगी। ऐसे में सोने की मांग बढ़ना स्वाभाविक है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (डब्ल्यूजीसी) के मुताबिक एमएसपी में की गई यह बढ़ोतरी सीधे तौर पर भारत में कृषि आय बढ़ाने में मदद मिलेगी जिससे बाजार में नकदी बढ़ेगी। नतीजतन सोने की खरीदारी बढ़ सकती है।

डब्ल्यूजीसी का अनुमान है कि भारतीय ग्रामीण इलाकों में सोने के प्रति जो आकर्षण है, वह आय बढ़ने पर तेजी से इसकी खरीदारी बढ़ाएगा। शुरुआती अनुमान के मुताबिक इससे सोने की मांग 25 फीसदी बढ़ सकती है। डब्ल्यूजीसी का मानना है कि इसमें भी अधिक मदद स्वर्ण आभूषण कारोबार में देखने को मिलेगी।

60 फीसदी आय ग्रामीण अर्थव्यवस्था से

डब्ल्यूजीसी के मुताबिक भारतीय आय का 60 फीसदी हिस्सा अब भी ग्रामीण अर्थव्यवस्था से आता है। ऐसे में साल के दूसरे हिस्से में भारतीय बाजारों में नकदी का प्रवाह बढ़ सकता है और इसके कारण लंबे समय से मंदी झेल रहे सराफा बाजार को काफी राहत मिल सकती है।

डब्ल्यूजीसी के मुताबिक इसका व्यापक असर दुनियाभर में सोना बजार पर भी हो सकता है। रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वार से भी भारतीय कृषि बाजार में संभावनाएं बढ़ी हैं, जिससे भारत में धन की आवक बढ़ने की उम्मीद की जा रही है। ऐसे में इस साल भारत में सोने की मांग औसत 810 लाख टन का स्तर पार करने की संभावना जताई गई है।

चीन में सोना उत्पादन घटा

साल की पहली छमाही के दौरान चीन में सोने का उत्पादन 8 फीसदी घटकर 190 लाख टन रह गया। उत्पादन घटने के बावजूद मांग स्थिर बनी रहने से वैश्विक बाजार में कीमतों पर इसका कोई असर नजर नहीं आ रहा है।

चीन गोल्ड एसोसिएशन (सीजीए) के मुताबिक दुनिया के सबसे बड़े सोना उत्पादक और उपभोक्ता ने 2018 की पहली छमाही में 190.28 लाख टन सोने का उत्पादन किया, जो एक साल पहले की तुलना में 7.9 फीसदी कम है।

पर्यावरण संबंधी सरकार की नीतियां खनन अधिकारों को वापस लेने समेत सीजीए ने कहा कि प्राकृतिक भंडार के साथ-साथ खनन अधिकारों के हस्तांतरण और रॉयल्टी भुगतान में सुधार आने से सोना उत्पादकों पर उत्पादन कम करने का दबाव बनाया गया है। सीजीए ने कहा कि इस साल चीन में सोने का आयात 74.9 फीसदी बढ़कर 6.1133 करोड़ टन के स्तर पर पहुंच गया।

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