इलाहाबाद ।। मेडिकल स्नातक प्रवेश परीक्षा ‘नीट’ के परिणाम में अब बड़ा उलटफेर होना है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक सवाल का गलत उत्तर होने के आधार पर सीबीएसई बोर्ड को सभी छात्रों को प्रश्न संख्या 172 का नये सिरे से सही अंक प्रदान करने का निर्देश दिया है।
कोर्ट ने याची को प्रश्न का चार अंक और माइनस मार्किंग का एक अंक यानी कुल पांच अंक देने के साथ ही फीस का एक हजार रुपये भी वापस करने का आदेश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति तरुण अग्रवाल व न्यायमूर्ति अशोक कुमार की खंडपीठ ने वाराणसी के प्रतियोगी छात्र सौमित्र गिगोडिया की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है।
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याची का कहना है कि नीट परीक्षा के ‘वाई’ सीरीज के प्रश्न 172 का विकल्प उत्तर बोर्ड ने गलत दिया है। उसके अनुसार सही विकल्प उत्तर ‘डी’ है। कोर्ट ने बोर्ड की विशेषज्ञ टीम की राय ली तो बोर्ड ने बताया कि उत्तर विकल्प ‘बी’ व ‘डी’ दोनों सही है। कोर्ट ने बोर्ड के तर्क को नहीं माना और कहा कि तीन उत्तर विकल्प गलत है। केवल एक ही विकल्प उत्तर सही है।
कोर्ट के इस आदेश ‘नीट’ से परीक्षा परिणाम में बड़ा उलटफेर होना तय है, क्योंकि इसमें एक-एक अंक पर बड़ी संख्या में प्रतियोगी चयनित या फिर चयन सूची से बाहर होते हैं।
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