दोस्ती का रिश्ता बाकी सभी रिश्तो से बेहद अलग और खास होता है। आखिर खून के रिश्तो के बाद दोस्ती के रिश्ते को ही सबसे अहम माना जाता है। और इसी रिश्ते को सेलिब्रेट करने के लिए ही हर साल फ्रेंड्शिप डे मनाया जाता है। और इस साल का फ्रेंड्शिप डे 5 अगस्त यानी इस् रविवार को आने वाला है। लेकिन क्‍या आप जानते हैं कि इस दिन की शुरुआत कैसे हुई? इसे क्यों मनाते हैं? आइये हम बताते हैं- दरअसल प्रथम विश्व युद्ध के बाद लोगों और देशों के बीच काफी शत्रुता बढ़ गई थी और लोग एक दूसरे से नफरत करने लगे थे। तब 1935 में अमेरिकी सरकार ने फ्रेंडशिप डे की शुरुआत की थी। उस वक्त इसका मकसद लोगो मे नफरत की भावना को खत्म कर के आपसी प्रेम को बढ़ावा देना था। उस समय ये तय हुआ था कि हर साल अगस्त के पहले रविवार को फ्रेंड्शिप डे मनाया जाएगा। फ्रेंड्शिप डे को रविवार को ही मनाने के पीछे मकसद ये था कि संडे के दिन लोगों की छुट्टी होती है और वो दोस्‍तों के साथ ये दिन इंज्‍वॉय कर सकते हैं। पश्चिमी देशों से शुरु हुआ यह चलन भारत में भी पिछले कुछ सालों से युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय हो रहा है. इस दिन लोग ग्रीटिंग कार्ड्स और एसएमएस के जरिये एक दूसरे को बधाई देते है। बधाई देते हैं और पूरी जिंदगी सच्ची दोस्‍ती निभाने का वचन लेते हैं। भले ही फ्रेंड्शिप डे की शुरुआत पश्चिमी देशों मे नफरत कम करने के लिए की गयी हो लेकिन हम बड़े गर्व से कह सकते है कि भारत मे प्राचीन सभ्यता से ही दोस्ती की कई मिसाले देखने को मिलती है। फिर चाहे वो भगवान राम और सुघरिव की मित्रता रही हो या कृष्ण और सुदामा की।

फ्रेंड्शिप डे की दास्तां

दोस्ती का रिश्ता बाकी सभी रिश्तो से बेहद अलग और खास होता है। आखिर खून के रिश्तो के बाद दोस्ती के रिश्ते को ही सबसे अहम माना जाता है। और इसी रिश्ते को सेलिब्रेट करने के लिए ही हर साल फ्रेंड्शिप डे मनाया जाता है। और इस साल का फ्रेंड्शिप डे 5 अगस्त यानी इस् रविवार को आने वाला है। लेकिन क्‍या आप जानते हैं कि इस दिन की शुरुआत कैसे हुई? इसे क्यों मनाते हैं? आइये हम बताते हैं-दोस्ती का रिश्ता बाकी सभी रिश्तो से बेहद अलग और खास होता है। आखिर खून के रिश्तो के बाद दोस्ती के रिश्ते को ही सबसे अहम माना जाता है। और इसी रिश्ते को सेलिब्रेट करने के लिए ही हर साल फ्रेंड्शिप डे मनाया जाता है। और इस साल का फ्रेंड्शिप डे 5 अगस्त यानी इस् रविवार को आने वाला है। लेकिन क्‍या आप जानते हैं कि इस दिन की शुरुआत कैसे हुई? इसे क्यों मनाते हैं? आइये हम बताते हैं-    दरअसल प्रथम विश्व युद्ध के बाद लोगों और देशों के बीच काफी शत्रुता बढ़ गई थी और लोग एक दूसरे से नफरत करने लगे थे। तब 1935 में अमेरिकी सरकार ने फ्रेंडशिप डे की शुरुआत की थी। उस वक्त इसका मकसद लोगो मे नफरत की भावना को खत्म कर के आपसी प्रेम को बढ़ावा देना था। उस समय ये तय हुआ था कि हर साल अगस्त के पहले रविवार को फ्रेंड्शिप डे मनाया जाएगा। फ्रेंड्शिप डे को रविवार को ही मनाने के पीछे मकसद ये था कि संडे के दिन लोगों की छुट्टी होती है और वो दोस्‍तों के साथ ये दिन इंज्‍वॉय कर सकते हैं।    पश्चिमी देशों से शुरु हुआ यह चलन भारत में भी पिछले कुछ सालों से युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय हो रहा है. इस दिन लोग ग्रीटिंग कार्ड्स और एसएमएस के जरिये एक दूसरे को बधाई देते है। बधाई देते हैं और पूरी जिंदगी सच्ची दोस्‍ती निभाने का वचन लेते हैं। भले ही फ्रेंड्शिप डे की शुरुआत पश्चिमी देशों मे नफरत कम करने के लिए की गयी हो लेकिन हम बड़े गर्व से कह सकते है कि भारत मे प्राचीन सभ्यता से ही दोस्ती की कई मिसाले देखने को मिलती है। फिर चाहे वो भगवान राम और सुघरिव की मित्रता रही हो या कृष्ण और सुदामा की।

दरअसल प्रथम विश्व युद्ध के बाद लोगों और देशों के बीच काफी शत्रुता बढ़ गई थी और लोग एक दूसरे से नफरत करने लगे थे। तब 1935 में अमेरिकी सरकार ने फ्रेंडशिप डे की शुरुआत की थी। उस वक्त इसका मकसद लोगो मे नफरत की भावना को खत्म कर के आपसी प्रेम को बढ़ावा देना था। उस समय ये तय हुआ था कि हर साल अगस्त के पहले रविवार को फ्रेंड्शिप डे मनाया जाएगा। फ्रेंड्शिप डे को रविवार को ही मनाने के पीछे मकसद ये था कि संडे के दिन लोगों की छुट्टी होती है और वो दोस्‍तों के साथ ये दिन इंज्‍वॉय कर सकते हैं।

पश्चिमी देशों से शुरु हुआ यह चलन भारत में भी पिछले कुछ सालों से युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय हो रहा है. इस दिन लोग ग्रीटिंग कार्ड्स और एसएमएस के जरिये एक दूसरे को बधाई देते है। बधाई देते हैं और पूरी जिंदगी सच्ची दोस्‍ती निभाने का वचन लेते हैं। भले ही फ्रेंड्शिप डे की शुरुआत पश्चिमी देशों मे नफरत कम करने के लिए की गयी हो लेकिन हम बड़े गर्व से कह सकते है कि भारत मे प्राचीन सभ्यता से ही दोस्ती की कई मिसाले देखने को मिलती है। फिर चाहे वो भगवान राम और सुघरिव की मित्रता रही हो या कृष्ण और सुदामा की।

English News

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com