डिजिटल गेम्स को लेकर दीवानगी बच्चों व युवा वर्ग में खूब देखी जा रही है। भारत में भी गेमिंग का बाजार तेजी से बढ़ रहा है। इस समय यह बाजार 36 करोड़ डॉलर का है। गूगल- केपीएमजी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यह बाजार वर्ष 2021 तक एक अरब डॉलर का हो जाएगा।डिजिटल गेम्स को लेकर दीवानगी बच्चों व युवा वर्ग में खूब देखी जा रही है। भारत में भी गेमिंग का बाजार तेजी से बढ़ रहा है। इस समय यह बाजार 36 करोड़ डॉलर का है। गूगल- केपीएमजी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यह बाजार वर्ष 2021 तक एक अरब डॉलर का हो जाएगा।  इस सब के बीच भारत में अक्सर माता-पिता की शिकायत रहती है कि उनके बच्चे हर वक्त इंटरनेट पर चिपके रहते हैं। ऐसे में उन्हें इस लत से दूर करने की सारी कोशिशें नाकाम रहती हैं। बच्चों की इस लत को छुड़ाने और इस बात पर नजर रखने की वो किससे बात करते हैं और क्या सर्च करते हैं, कई एप्स उपलब्ध हैं।  जब रखनी हो बच्चों पर नजर  बच्चे कोई डिजिटल गेम खेल रहे हों, तब पैरेंट्‌स चाहें, तो कुछ सॉफ्टवेयर्स की मदद से बच्चों की ऑनलाइन एक्टिविटीज पर न सिर्फ नजर रख सकते  हैं, बल्कि उन्हें कंट्रोल भी कर सकते हैं।  ये सॉफ्टवेयर इस प्रकार हैं:  किडलॉगर  बच्चे क्या टाइप कर रहे हैं, उसे रेकॉर्ड करने के साथ-साथ यह सॉफ्टवेयर विजिट की गई साइट्‌स, गेम्स या प्रोग्राम का भी रेकॉर्ड रखता है। बच्चे कितनी देर तक पीसी पर सक्रिय रहते हैं, वे किस गेम का इस्तेमाल कर रहे हैं या फिर फोन, एसएमएस, स्काइप, फेसबुक आदि पर किसके साथ संवाद कर रहे हैं, इसकी मदद से हर तरह की एक्टिविटी पर नजर रखी जा सकती है। इसमें वेब हिस्ट्री मॉनीटरिंग, टाइम ट्रैकिंग, यूएसबी ड्राइव्स, सीडी-डीवीडी यूसेज, की-स्ट्रोक्स रेकॉर्ड,स्क्रीनशॉट, फाइल-फोल्डर यूसेज, मैसेज मॉनीटरिंग आदि जैसी सुविधाएं भी हैं।  क्यूसटोडियो  यह पैरेंटल कंट्रोल टूल है, जिसकी मदद से पैरेंट्‌स बच्चों को ऑनलाइन सुरक्षित रख सकते हैं। इसमें सोशल एक्टिविटीज मॉनीटरिंग, इंटरनेट टाइम सेट, गेम व एप्स कंट्रोल, मैसेज व कॉल्स ट्रैकिंग जैसी सुविधाएं भी दी गई हैं। इससे बच्चों की हर ऑनलाइन एक्टिविटी पर नजर रखी जा सकती है।  यह सॉफ्टवेयर विंडोज, मैक, एंड्रॉयड, आईओएस, किंडल और नूक को सपोर्ट करने में सक्षम है।  ओपनडीएनएस फैमिली शील्ड  यह सॉफ्टवेयर पीसी के साथ मोबाइल पर भी रन करता है। इसका इस्तेमाल नेटवर्क राउटर के साथ भी किया जा सकता है। बच्चे किस साइट या गेम को एक्सेस कर रहे हैं, पैरेंट्‌स इस पर नजर रख सकते हैं। यह फ्री पैरेंटल कंट्रोल टूल है।  स्क्रीन टाइम को करें मैनेज  अगर आप अपने स्मार्टफोन पर बहुत ज्यादा समय बिताते हैं या फिर कई बार मोबाइल पर गेम खेलने के दौरान आपको पता ही नहीं चलता कि कितने घंटे फोन पर समय बिता रहे हैं, तो ऐसे कुछ एप्लिकेशंस हैं, जो स्क्रीन टाइम को लेकर आपको आगाह करेंगे।  म्यूट स्क्रीन टाइम ट्रैकर  यह एप्लिकेशन आपको मोटिवेट करता है कि आप फोन का इस्तेमाल कम से कम करें। इसमें स्क्रीन टाइम फीचर है, जिसकी मदद से मोबाइल पर बिताए जाने वाले समय को कंट्रोल किया जा सकता है। आप घर पर हों या फिर ऑफिस में, यहआपके स्क्रीन टाइम को लगातार ट्रैक करता रहता है। इससे आपको फोन से ब्रेक लेने में सहूलियत होगी। साथ ही, डेली और वीकली डाटा के जरिए आप देख सकते हैं कि आप फोन पर कितना समय बिताते हैं। यह ऐप आईओएस यूजर्स के लिए है।  फॉरेस्ट  अगर आपको फोन या इंटरनेट की लत लग गई है, तो यह एप्लिकेशन आपकी मदद करेगा। इसमें फोन की लत को दूर करने के लिए अनोखा तरीका अपनाया गया है। इसमें वर्चुअल पौधा उगाना होता है। पौधा धीरे-धीरे बढ़ना शुरू होता है लेकिन जैसे ही आप ऐप से हटकर इंटरनेट ब्राउजिंग करना या फिर कोई दूसरा ऐप खोलना चाहेंगे, यह आपको अलर्ट करेगा कि आपका नन्हा, खूबसूरत पौधा मर जाएगा। इस तरह यह आपको फोकस्ड रहने के लिए प्रेरित करता रहता है। यह एंड्रॉयड, आईओएस के साथ क्रोम को भी सपोर्ट करता है।  यूट्‌यूब का 'टेक ए ब्रेक' फीचर  लोग अपना काफी समय यूट्‌यूब पर बिताते हैं। अब गूगल ने यूट्‌यूब के लिए 'टेक ए ब्रेक' फीचर जारी किया है, जो निश्चित समय पर ब्रेक लेने के लिए आपको रिमाइंड करेगा, जिससे स्क्रीन टाइम को मैनेज करने में मदद मिलेगी। इसके लिए सबसे पहले अपने फोन पर यूट्‌यूब ऐप को अपडेट करना होगा। फिर ऐप को ओपन करने के बाद सेटिंग्स में जाएं। यहां आपको जनरल टैब मिलेगा। उस पर क्लिक करें। जनरल टैब में 'रिमाइंड मी टू टेक ए ब्रेक' का ऑप्शन मिलेगा। इस पर क्लिक करने के बाद रिमाइंडर फ्रीक्वेंसी का पॉपअप खुलेगा, जिसमें प्रत्येक 15, 30, 60, 90, 180 मिनट पर रिमाइंडर सेट करने की सुविधा है। इसके बाद यह तय समय पर ब्रेक लेने के लिए आपको अलर्ट करेगा।

इस सब के बीच भारत में अक्सर माता-पिता की शिकायत रहती है कि उनके बच्चे हर वक्त इंटरनेट पर चिपके रहते हैं। ऐसे में उन्हें इस लत से दूर करने की सारी कोशिशें नाकाम रहती हैं। बच्चों की इस लत को छुड़ाने और इस बात पर नजर रखने की वो किससे बात करते हैं और क्या सर्च करते हैं, कई एप्स उपलब्ध हैं।

जब रखनी हो बच्चों पर नजर

बच्चे कोई डिजिटल गेम खेल रहे हों, तब पैरेंट्‌स चाहें, तो कुछ सॉफ्टवेयर्स की मदद से बच्चों की ऑनलाइन एक्टिविटीज पर न सिर्फ नजर रख सकते

हैं, बल्कि उन्हें कंट्रोल भी कर सकते हैं।

ये सॉफ्टवेयर इस प्रकार हैं:

किडलॉगर

बच्चे क्या टाइप कर रहे हैं, उसे रेकॉर्ड करने के साथ-साथ यह सॉफ्टवेयर विजिट की गई साइट्‌स, गेम्स या प्रोग्राम का भी रेकॉर्ड रखता है। बच्चे कितनी देर तक पीसी पर सक्रिय रहते हैं, वे किस गेम का इस्तेमाल कर रहे हैं या फिर फोन, एसएमएस, स्काइप, फेसबुक आदि पर किसके साथ संवाद कर रहे हैं, इसकी मदद से हर तरह की एक्टिविटी पर नजर रखी जा सकती है। इसमें वेब हिस्ट्री मॉनीटरिंग, टाइम ट्रैकिंग, यूएसबी ड्राइव्स, सीडी-डीवीडी यूसेज, की-स्ट्रोक्स रेकॉर्ड,स्क्रीनशॉट, फाइल-फोल्डर यूसेज, मैसेज मॉनीटरिंग आदि जैसी सुविधाएं भी हैं।

क्यूसटोडियो

यह पैरेंटल कंट्रोल टूल है, जिसकी मदद से पैरेंट्‌स बच्चों को ऑनलाइन सुरक्षित रख सकते हैं। इसमें सोशल एक्टिविटीज मॉनीटरिंग, इंटरनेट टाइम सेट, गेम व एप्स कंट्रोल, मैसेज व कॉल्स ट्रैकिंग जैसी सुविधाएं भी दी गई हैं। इससे बच्चों की हर ऑनलाइन एक्टिविटी पर नजर रखी जा सकती है।

यह सॉफ्टवेयर विंडोज, मैक, एंड्रॉयड, आईओएस, किंडल और नूक को सपोर्ट करने में सक्षम है।

ओपनडीएनएस फैमिली शील्ड

यह सॉफ्टवेयर पीसी के साथ मोबाइल पर भी रन करता है। इसका इस्तेमाल नेटवर्क राउटर के साथ भी किया जा सकता है। बच्चे किस साइट या गेम को एक्सेस कर रहे हैं, पैरेंट्‌स इस पर नजर रख सकते हैं। यह फ्री पैरेंटल कंट्रोल टूल है।

स्क्रीन टाइम को करें मैनेज

अगर आप अपने स्मार्टफोन पर बहुत ज्यादा समय बिताते हैं या फिर कई बार मोबाइल पर गेम खेलने के दौरान आपको पता ही नहीं चलता कि कितने घंटे फोन पर समय बिता रहे हैं, तो ऐसे कुछ एप्लिकेशंस हैं, जो स्क्रीन टाइम को लेकर आपको आगाह करेंगे।

म्यूट स्क्रीन टाइम ट्रैकर

यह एप्लिकेशन आपको मोटिवेट करता है कि आप फोन का इस्तेमाल कम से कम करें। इसमें स्क्रीन टाइम फीचर है, जिसकी मदद से मोबाइल पर बिताए जाने वाले समय को कंट्रोल किया जा सकता है। आप घर पर हों या फिर ऑफिस में, यहआपके स्क्रीन टाइम को लगातार ट्रैक करता रहता है। इससे आपको फोन से ब्रेक लेने में सहूलियत होगी। साथ ही, डेली और वीकली डाटा के जरिए आप देख सकते हैं कि आप फोन पर कितना समय बिताते हैं। यह ऐप आईओएस यूजर्स के लिए है।

फॉरेस्ट

अगर आपको फोन या इंटरनेट की लत लग गई है, तो यह एप्लिकेशन आपकी मदद करेगा। इसमें फोन की लत को दूर करने के लिए अनोखा तरीका अपनाया गया है। इसमें वर्चुअल पौधा उगाना होता है। पौधा धीरे-धीरे बढ़ना शुरू होता है लेकिन जैसे ही आप ऐप से हटकर इंटरनेट ब्राउजिंग करना या फिर कोई दूसरा ऐप खोलना चाहेंगे, यह आपको अलर्ट करेगा कि आपका नन्हा, खूबसूरत पौधा मर जाएगा। इस तरह यह आपको फोकस्ड रहने के लिए प्रेरित करता रहता है। यह एंड्रॉयड, आईओएस के साथ क्रोम को भी सपोर्ट करता है।

यूट्‌यूब का ‘टेक ए ब्रेक’ फीचर

लोग अपना काफी समय यूट्‌यूब पर बिताते हैं। अब गूगल ने यूट्‌यूब के लिए ‘टेक ए ब्रेक’ फीचर जारी किया है, जो निश्चित समय पर ब्रेक लेने के लिए आपको रिमाइंड करेगा, जिससे स्क्रीन टाइम को मैनेज करने में मदद मिलेगी। इसके लिए सबसे पहले अपने फोन पर यूट्‌यूब ऐप को अपडेट करना होगा। फिर ऐप को ओपन करने के बाद सेटिंग्स में जाएं। यहां आपको जनरल टैब मिलेगा। उस पर क्लिक करें। जनरल टैब में ‘रिमाइंड मी टू टेक ए ब्रेक’ का ऑप्शन मिलेगा। इस पर क्लिक करने के बाद रिमाइंडर फ्रीक्वेंसी का पॉपअप खुलेगा, जिसमें प्रत्येक 15, 30, 60, 90, 180 मिनट पर रिमाइंडर सेट करने की सुविधा है। इसके बाद यह तय समय पर ब्रेक लेने के लिए आपको अलर्ट करेगा।