एक जुलाई से वस्तु एवं सेवा कर (GST) लागू करने के बाद विपक्ष के निशाने पर आई केंद्र सरकार आम आदमी को राहत दे सकती है. जीएसटी के मामले पर सरकार को व्यापारियों के साथ ही विपक्ष के विरोध का भी सामना करना पड़ा था. कांग्रेस ने तो संसद के सेंट्रल हॉल में हुए जीएसटी के लॉन्चिंग कार्यक्रम में ही हिस्सा नहीं लिया था. आपको बता दें कि जीएसटी में पांच स्लैब बनाए गए हैं.
GST के तहत आने वाले समय में 12 फीसदी और 18 फीसदी वाले टैक्स स्लैब खत्म किए जाने की उम्मीद है. बदलाव के बाद इन दोनों की जगह एक टैक्स स्लैब ले सकता है. केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली बुधवार को इसका संकेत दे चुके हैं. वित्तमंत्री ने कहा था कि जैसे जैसे GST आगे बढ़ेगा वैसे-वैसे इसके टैक्स स्लैब पर पुनर्विचार किया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि इस बात की भी संभावना जताई कि 12 फीसदी और 18 फीसदी टैक्स स्लैब को मिलकर एक स्लैब बना दिया जाए.
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जीएसटी (GST) को लॉन्च हुए एक महीना हो चुका है. फिलहाल जीएसटी के तहत अलग-अलग वस्तुओं पर अलग-अलग टैक्स का प्रावधान रखा गया है. इसमें 3 फीसदी, 5 फीसदी, 12 फीसदी, 18 फीसदी और 24 फीसदी टैक्स का प्रावधान है. रोजमर्रा की इस्तेमाल होने वाली कुछ चीजों को टैक्स के दायरे से बाहर रखा गया है.
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हालांकि केंद्रीय मंत्री ने GST के अलग-अलग टैक्स स्लैब पर सरकार का बचाव भी किया. उन्होंने कहा कि देश में एक समान टैक्स का प्रावधान नहीं हो सकता, हवाई चप्पल और BMW कार पर एक समान टैक्स नहीं लगाया जा सकता. उन्होंने कहा कि GST का उद्देश्य घरेलू उत्पादों को बढ़ावा देना भी है, सरकार नहीं चाहती की सस्ते विदेशी उत्पाद देश में आते रहें.