बाजार से गायब हो रहे 2000 के नोट: बैंक हैरान, लोगो को हो रही परेशान, जानिए क्या है इसका कारण...

बाजार से गायब हो रहे 2000 के नोट: बैंक हैरान, लोगो को हो रही परेशान, जानिए क्या है इसका कारण…

एसबीआई के सीओओ ने ईटी से कहा कि रिजर्व बैंक से उन्हें 500 रुपये के नोट ज्यादा मिल रहे हैं।बाजार से गायब हो रहे 2000 के नोट: बैंक हैरान, लोगो को हो रही परेशान, जानिए क्या है इसका कारण...आज देश को मिलेगा 14वां राष्ट्रपति, और होगा राष्ट्रपति के लिए इस बड़े उम्मीदवार के नाम का ऐलान…चारो तरफ मचा हाहाकार

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पिछले कुछ हफ्तों से बाजार में 2000 रुपये के नोटों में कमी आई है। इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार बैंक और एटीएम वाले भी इस कमी से परेशान हैं। बैंक और एटीएम सेवा देने वालों का आरोप है कि पिछले कुछ हफ्तों से दो हजार रुपये के नोट चलन से कम हुए हैं। खबरों के अनुसार पिछले कुछ हफ्तों से भारतीय रिजर्व बैंक भी दो हजार रुपये के नोटों की कम आपूर्ति कर रहा है। इन दोनों बातों से बाजार में ये आशंका प्रबल हो रही है कि सरकार जानबूझ कर दो हजार रुपये के नोटों की आपूर्ति कम कर रही है।

एसबीआई के सीओओ ने ईटी से कहा कि रिजर्व बैंक से उन्हें 500 रुपये के नोट ज्यादा मिल रहे हैं। व्यास के अनुसार दो हजार रुपये के नोट केवल वही हैं जो बाजार में पहले से मौजूद हैं। देश के कुल 2.2 लाख एटीएम में से 58 हजार एटीएम एसबीआई के हैं। एसबीआई देश का सबसे बड़ा बैंक है। नोटबंदी के बाद 500 और 2000 के नए नोटों को देने के लिए रीकैलिब्रेशन की प्रक्रिया सबसे तेजी से एसबीआई ने पूरी की थी। लेकिन अब बैंक को दो हजार रुपये के नोटों की किल्लत की वजह से एटीएम मशीन में पैसे उपलब्ध कराने में दिक्कत हो रही है। ईटी ने भारतीय रिजर्व बैंक को इस बारे में ईमेल लिखकर जवाब मांगा तो उसे कोई उत्तर नहीं मिला।

नोटबंदी से पहले बाजार में करीब 17 लाख करोड़ रुपये के नोट मौजूद थे। रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार जून 2017 तक बाजार में करीब 14.5 लाख करोड़ रुपये के नोट मौजूद थे। रिजर्व बैंक के आंकड़ों के आधार पर हिताची द्वारा किए गए अध्ययन में कहा गया कि मई तक बाजार में 100 रुपये के नोट में करीब चार लाख करोड़ रुपये अभी चलन में हैं जबकि नोटबंदी से पहले 100 रुपये के नोट में करीब 2.5 लाख करोड़ रुपये ही चलन में थे। वहीं नोटबंदी से पहले 500 रुपये के नोट में 8.1 लाख करोड़ रुपये चलन में थे, जबकि मई तक 4.1 लाख करोड़ रुपये चलन में थे।

English News

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com