गौरतलब है कि यूपी के ग्रेटर नोएडा में प्रस्तावित पतंजलि फूड पार्क को राज्य से बाहर ले जाने की धमकी के बाद यूपी सरकार हरकत में आई थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले में खुद हस्तक्षेप करते हुए मामले को बढ़ने से रोका था और जल्द ही कैबिनेट में पास करवाने का आश्वासन दिया था। ग्रेटर नोएडा में बाबा रामदेव के पतंजलि मेगा फूड पार्क के लिए अखिलेश यादव ने जमीन दी थी। जिसको निरस्त करने की खबरों के बीच में आज योगी आदित्यनाथ सरकार ने जमीन प्रदान करने का निर्णय लिया है। इस फैसले पर बीते मंगलवार को ही मुहर लगनी थी, लेकिन फैसले एक हफ्ते के लिए टल गया। योगी सरकार पतंजलि की शर्तों के मुताबिक नियमों में संशोधन के लिए तैयार हो गई है। सीएम योगी के निर्देश के बाद मुख्य सचिव ने इस विषय पर बैठक बुलाई। बैठक में नियमों में संशोधन का फैसला लिया गया है। अखिलेश यादव के मुख्यमंत्री रहते हुए 2016 में नोएडा में यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण में पतंजलि फूड पार्क का शिलान्यास किया गया था। उस वक्त दावा किया गया था कि यह फूड पार्क शुरू होने से लगभग 10,000 लोगों को नौकरी मिल जाएगी। इस प्रॉजेक्ट में पतंजलि ग्रुप 1600 करोड़ रुपये का निवेश करने वाला है। पतंजलि फूड फ़ूड एंड हर्बल पार्क मेगा प्रोजेक्ट 455 एकड़ में बनना है।

बाबा रामदेव के फूड पार्क को जमीन देगी यूपी सरकार, कैबिनेट में लगी मुहर

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में आज कैबिनेट बैठक में योग गुरू बाबा रामदेव के फूड पार्क को जमीन देने के प्रस्ताव पर मुहर लग गई है। लोक भवन में आज कैबिनेट बैठक में इसके साथ 11 अन्य प्रस्ताव पर सहमति जताई गई है।गौरतलब है कि यूपी के ग्रेटर नोएडा में प्रस्तावित पतंजलि फूड पार्क को राज्य से बाहर ले जाने की धमकी के बाद यूपी सरकार हरकत में आई थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले में खुद हस्तक्षेप करते हुए मामले को बढ़ने से रोका था और जल्द ही कैबिनेट में पास करवाने का आश्वासन दिया था।  ग्रेटर नोएडा में बाबा रामदेव के पतंजलि मेगा फूड पार्क के लिए अखिलेश यादव ने जमीन दी थी। जिसको निरस्त करने की खबरों के बीच में आज योगी आदित्यनाथ सरकार ने जमीन प्रदान करने का निर्णय लिया है। इस फैसले पर बीते मंगलवार को ही मुहर लगनी थी, लेकिन फैसले एक हफ्ते के लिए टल गया। योगी सरकार पतंजलि की शर्तों के मुताबिक नियमों में संशोधन के लिए तैयार हो गई है। सीएम योगी के निर्देश के बाद मुख्य सचिव ने इस विषय पर बैठक बुलाई। बैठक में नियमों में संशोधन का फैसला लिया गया है।  अखिलेश यादव के मुख्यमंत्री रहते हुए 2016 में नोएडा में यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण में पतंजलि फूड पार्क का शिलान्यास किया गया था। उस वक्त दावा किया गया था कि यह फूड पार्क शुरू होने से लगभग 10,000 लोगों को नौकरी मिल जाएगी। इस प्रॉजेक्ट में पतंजलि ग्रुप 1600 करोड़ रुपये का निवेश करने वाला है। पतंजलि फूड फ़ूड एंड हर्बल पार्क मेगा प्रोजेक्ट 455 एकड़ में बनना है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में आज लोकभवन में कैबिनेट की बैठक सम्पन्न हो गई। बैठक के बाद कैबिनेट मंत्री तथा प्रदेश सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थ नाथ सिंह ने बताया कि आज बैठक में बाबा रामदेव के मेगा फूड पार्क को ग्रेटर नोएडा में जमीन देने के साथ ही 11 प्रस्तावों पर कैबिनेट ने अपनी मुहर लगा दी है।

प्रदेश सरकार बाबा रामदेव के प्रतिष्ठान पतंजलि मेगा फूड पार्क को ग्रेटर नोएडा में जमीन देगी। इसमें बड़ा निवेश होगा, जिससे दस हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। पतंजलि आयुर्वेद में पतंजलि मेगा फूड पार्क भी शामिल किया गया है। इसके साथ ही प्रदेश के औद्योगिक विकास प्राधिकरण के कर्मचारियों का एक दूसरे प्राधिकरण में हो तबादला करने के प्रस्ताव पर जी सहमति जताई गई। कैबिनेट बैठक में यूपीएसआईडीसी का यूपीसीडा में विलय को हरी झंडी दी गई। इसके बाद ही वाराणसी में काशी विश्वनाथ विशिषी विकास परिषद का गठन भी होगा। अब यह परिषद ही मंदिर क्षेत्र का विकास करेगा। प्रदेश सरकार ने इस प्रस्ताव पर भी सहमति जता दी है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में लोकभवन में हुई कैबिनेट बैठक में ग्रेटर नोएडा में प्रस्तावित बाबा रामदेव के पतंजलि मेगा फूड पार्क को हरी झंडी देते हुए भूमि हस्तांतरण को मंजूरी दे दी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दो बार योगगुरू रामदेव से बात हुई, जिसके बाद मामला शांत हुआ। इसके बाद राज्य सरकार ने भूमि हस्तांतरण और सहमति देने के लिए केंद्र सरकार से 30 जून तक का समय मांगा था।

दरअसल, सरकार ने पतंजलि आयुर्वेद कंपनी को यमुना एक्सप्रेस-वे पर 465 एकड़ जमीन फूड और हर्बल पार्क की स्थापना के लिए दी थी। पतंजलि की ओर से यमुना एक्सप्रेस वे अथारिटी को इस जमीन में से 50 एकड़ जमीन केंद्र की योजना के अनुसार फूड पार्क के लिए ट्रांसफर करने का आग्रह किया था। चूंकि कंपनी को जमीन का आवंटन कैबिनेट से हुआ था, इसलिए उससे किसी हिस्से का अलग हस्तांतरण भी कैबिनेट से ही हो सकता था।

गौरतलब है कि यूपी के ग्रेटर नोएडा में प्रस्तावित पतंजलि फूड पार्क को राज्य से बाहर ले जाने की धमकी के बाद यूपी सरकार हरकत में आई थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले में खुद हस्तक्षेप करते हुए मामले को बढ़ने से रोका था और जल्द ही कैबिनेट में पास करवाने का आश्वासन दिया था।

ग्रेटर नोएडा में बाबा रामदेव के पतंजलि मेगा फूड पार्क के लिए अखिलेश यादव ने जमीन दी थी। जिसको निरस्त करने की खबरों के बीच में आज योगी आदित्यनाथ सरकार ने जमीन प्रदान करने का निर्णय लिया है। इस फैसले पर बीते मंगलवार को ही मुहर लगनी थी, लेकिन फैसले एक हफ्ते के लिए टल गया। योगी सरकार पतंजलि की शर्तों के मुताबिक नियमों में संशोधन के लिए तैयार हो गई है। सीएम योगी के निर्देश के बाद मुख्य सचिव ने इस विषय पर बैठक बुलाई। बैठक में नियमों में संशोधन का फैसला लिया गया है।

अखिलेश यादव के मुख्यमंत्री रहते हुए 2016 में नोएडा में यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण में पतंजलि फूड पार्क का शिलान्यास किया गया था। उस वक्त दावा किया गया था कि यह फूड पार्क शुरू होने से लगभग 10,000 लोगों को नौकरी मिल जाएगी। इस प्रॉजेक्ट में पतंजलि ग्रुप 1600 करोड़ रुपये का निवेश करने वाला है। पतंजलि फूड फ़ूड एंड हर्बल पार्क मेगा प्रोजेक्ट 455 एकड़ में बनना है। 

 
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