बिजली के निजीकरण से यूपी सरकार ने पीछे खींचे कदम, फ्रेंचाइजी को जिम्मेदारी देने की थी तैयारी

बिजली कर्मियों और अभियंताओं के जबर्दस्त विरोध के चलते प्रदेश सरकार ने बिजली के निजीकरण से कदम पीछे खींच लिए हैं। लखनऊ समेत 5 शहरों की बिजली व्यवस्था के निजीकरण और सात वितरण मंडलों में इंटीग्रेटेड सर्विस प्रोवाइडर की नियुक्ति का फैसला फिलहाल टाल दिया गया है।

 प्रमुख सचिव ऊर्जा आलोक कुमार व विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बीच बृहस्पतिवार को हुई वार्ता और लिखित समझौते के बाद बिजली कर्मियों ने आंदोलन खत्म कर दिया। निजीकरण के विरोध में वे 17 मार्च से ही आंदोलन पर थे।

कर्मचारियों और अभियंताओं के आंदोलन के चलते गर्मी में बिजली संकट पैदा होने की आशंका पैदा हो गई थी। एक दौर की वार्ता बेनतीजा रहने के बाद सरकार की पहल पर बृहस्पतिवार को विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के पदाधिकारियों को फिर वार्ता के लिए बुलाया गया था।
 
इन शहरों में थी तैयारी
कैबिनेट की 16 मार्च को हुई बैठक में लखनऊ, वाराणसी, मेरठ, मुरादाबाद व गोरखपुर की बिजली व्यवस्था फ्रेंचाइजी को सौंपने का फैसला किया गया था।

7 जिलों में इंटीग्रेटेड सर्विस प्रोवाइडर के टेंडर वापस

प्रमुख सचिव ऊर्जा आलोक कुमार व विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बीच बृहस्पतिवार को हुई वार्ता और लिखित समझौते के बाद रायबरेली, उरई, मऊ, इटावा, कन्नौज, सहारनपुर व बलिया के वितरण मंडलों में इंटीग्रेटेड सर्विस प्रोवाइडर की नियुक्ति के संबंध में जारी किए टेंडर वापस ले लिए गए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में राजस्व वसूली व उपभोक्ता सेवाओं में सुधार के लिए प्राप्त सुझाव व अन्य प्रदेशों के अनुभवों के आधार पर चर्चा के बाद कार्यवाही की जाएगी।

बिजली के निजीकरण के विरोध में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन समेत कई अन्य संगठनों ने आंदोलन छेड़ दिया था। 19 मार्च को कार्य बहिष्कार के बाद से बिजली कर्मचारी व अभियंता नियमानुसार कार्य आंदोलन चला रहे थे।

प्रबंधन के साथ बातचीत में इस मुद्दे पर भी सहमति बनी कि विद्युत वितरण निगमों में वर्तमान व्यवस्था में ही बिजली वितरण में सुधार के लिए कर्मचारियों व अभियंताओं को विश्वास में लेकर सार्थक कार्यवाही की जाएगी। कर्मचारियों व अभियंताओं को विश्वास में लिए बिना किसी भी स्थान पर निजीकरण नहीं किया जाएगा। यह भी तय हुआ कि संघर्ष समिति की लंबित विभिन्न समस्याओं  का द्विपक्षीय वार्ता के जरिए समाधान किया जाएगा।

वर्तमान आंदोलन के कारण किसी भी कर्मचारी या अभियंता के खिलाफ उत्पीड़न की कार्यवाही नहीं की जाएगी। लिखित समझौते के बाद विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने आंदोलन वापस लेने की घोषणा कर दी।

English News

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com