बेहद रंगीन मिजाज था 37 अरब की महाठगी का मास्टरमाइंड

एबलेज कंपनी के वेब पोर्टल सोशल ट्रेड की तरह क्लिक का काला कारोबार कर रही वेबवर्क कंपनी ने निवेशकों को लुभाने के लिए पार्टी पर करोड़ों रुपये खर्च किए। साथ ही अपने शौक पूरे करने और हाई प्रोफाइल बनने के लिए भी करोड़ों रुपये की कीमती गाड़ियां खरीदीं। ये सब कुछ आरोपियों ने महज चार माह के अंदर किया। निवेशकों केअनुसार कंपनी के मालिक महंगी कार और हाई-प्रोफाइल पार्टियों के शौकीन हैं।

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इसी दौरान अनुराग गर्ग ने तीन गाड़ियां मर्सिडीज, रैंज रोवर और बीएमडब्ल्यू खरीदी। इनकी कीमत सवा-सवा करोड़ रुपये है। इसके अलावा आरोपियों ने प्रॉपर्टी में भी काफी पैसा लगाया। हालांकि निवेशकों को संदेश के बारे में बहुत ज्यादा जानकारी नहीं है। इसके अलावा भी आरोपियों ने निवेशकों को प्रभावित करने और खुद को हाई-प्रोफाइल बनाने के लिए अपने ऊपर करोड़ों रुपये खर्च किए।

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वेबवर्कके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने वाले अमित किशोर जैन के अनुसार वेब वर्क ने 24 अक्टूबर 2016, 20 नवंबर 2016 और 10 दिसंबर 2016 को निवेशकों के लिए तीन अवार्ड समारोह आयोजित किए। इन अवार्ड समारोह में निवेशकों को लगभग तीन करोड़ रुपये के उपहार बांटे गए। इसमें हाउस फंड से लेकर कार, बाइक, स्कूटी, लैपटॉप व मोबाइल जैसे उपहार शामिल थे।
तीनों पार्टियां क्रमश: लेमन ट्री होटल, रेडिस ब्लू होटल और यमुना एक्सप्रेस-वे स्थित फार्मुला वन ट्रैक बुद्ध इंटरनेशल सर्किट पर आयोजित की गईं थीं। इन कार्यक्रमों में बॉलीवुड अभिनेता शाहरूख खान और नवाजुद्दीन सिद्दिकी भी मौजूद थे। 10 दिसंबर को फार्मूला वन ट्रैक पर आयोजित पार्टी में ही नवाजुद्दीन ने वेबवर्कके वेब पोर्टल को ब्रांड के तहत लॉच किया था।
 
वेबवर्क ने 14 व 15 दिसंबर 2016 को गुड़गांव के सवोय सूइट्स होटल में दो दिवसीय मीटिंग और पार्टी की। यहां काफी संख्या में कंपनी के अधिकारी, बड़े निवेशक और हजारों की संख्या में लोगों को फंसाने वाले बड़े डिस्ट्रीब्यूटर्स शामिल हुए थे। ये लोग होटल में ही दो दिन तक रुके। इस दौरान लाखों रुपये की शराब पी गए। होटल में दो दिन तक इनके ठहरने और खाने-पीने पर भी लाखों रुपये उड़ाए गए।
वेबवर्क कंपनी अपने 300 से ज्यादा बड़े निवेशकों को प्रति माह 20 से 80 लाख रुपये दे रही थी। इन निवेशकों ने चेन सिस्टम केजरिए अपने नीचे हजारों की संख्या में नए सदस्यों को जोड़ा है। ये वो निवेशक हैं जो वेबवर्क केसाथ सबसे पहले जुड़े और फिर पार्ट टाइम के इस धंधे को अपना फुल टाइम कारोबार बना लिया।

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वेबवर्कके खिलाफ शिकायत करने वाले अमित जैन के अनुसार कंपनी प्रत्येक निवेशक को टीडीएस काटकर उसकेद्वारा किए गए लाइक का पैसा देती थी। बावजूद कंपनी ने कभी भी किसी निवेशक को टीडीएस प्रमाण पत्र नहीं दिया।

उन्होंने कई बार कंपनी से टीडीएस प्रमाण पत्र मांगा, लेकिन हर बार टरका दिया गया। इससे साफ होता है कि कंपनी निवेशकों से टीडीएस काट तो रही थी, लेकिन वो आयकर विभाग में जमा नहीं किया जा रहा था।
अमित का दावा है कि कंपनी ने दिसंबर-2016 और जनवरी-2017 में सर्विस टैक्स नहीं दिया। कंपनी ने अंतिम बार नवंबर-2016 में 8.52 करोड़ रुपये का सर्विस टैक्स दिया था।
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