राम रहीम, डेरा सच्चा सौदा और पूरे मामले को लेकर बाबा का बेटा जसमीत सिंह पहली बार खुलकर बोला और कई बड़ी बातें कहीं। ये रहा पूरा इंटरव्यू…
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डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के बेटे जसमीत सिंह इंसां का कहना है कि उनके पिता ही डेरा सच्चा सौदा की गुरुगद्दी पर आसीन रहेंगे। जो लोग भ्रामक प्रचार कर रहे हैं, उनसे अपील है कि वह मानवता की भलाई के कार्यों को प्रचारित करें।
जसमीत ने कहा कि गुरुगद्दी पाना मेरी इच्छा कभी नहीं रही और न मैं कभी ऐसा सोच सकता हूं। मैं डेरा सच्चा सौदा का प्रबंधन संभालता रहूंगा और साध संगत की सेवा करता रहूंगा। जसमीत सिंह की ओर से मंगलवार शाम जारी बयान के बाद डेरा प्रमुख को लेकर चल रहे सभी कयासों पर विराम लग गया।
जसमीत सिंह की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि 25 अगस्त को जो दुखदायी घटना हुई, उसके पीड़ितों के साथ मेरी सहानुभूति है। इस घटनाक्रम से मुझे बहुत कष्ट हुआ है। मैं इससे उबर भी नहीं पाया था कि कुछ दिनों से मीडिया में डेरे के बारे में, गुरु गद्दी के बारे में मनगढ़ंत खबरें प्रचारित की जा रही हैं। इससे मुझे काफी दुख पहुंचा है।
जसमीत सिंह ने कहा है कि साल 1948 में शाह मस्ताना महाराज जी ने डेरा सच्चा सौदा नामक पौधा लगाया था। बाद में इसकी बागडोर परम संत शाह सतनाम जी महाराज को सौंपी गई। उन्होंने अपने प्रेम और वात्सल्य से डेरा सच्चा सौदा रूपी परोपकारी पौधे को पाला और बड़ा किया। साल 1990 में समस्त साध-संगत के सामने शाह सतनाम सिंह जी महाराज ने डॉ. गुरमीत राम रहीम को अपना वारिस बनाते हुए डेरे की बागडोर सौंप दी।
 जसमीत सिंह ने कहा कि तब से बाबा राम रहीम मानवता की भलाई का कार्य कर रहे हैं, लेकिन अब पावन गुरुगद्दी के बारे में मनगढ़ंत कहानियां फैलाए जाने से उन्हें आघात लगा है। खुशी है कि इस कठिन घड़ी में भी साध संगत डेरा सच्चा सौदा के साथ न केवल चट्टान की तरह खड़ी है, बल्कि मानवता की भलाई के कार्य बदस्तूर जारी हैं। उनके गुरु व पिता सच्चे और निर्दोष हैं। उम्मीद है कि जल्द ही उच्च न्यायालय से इंसाफ मिलेगा और गुरु जी हमारे बीच होंगे।
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