बड़ी खबर: कांग्रेस काम से तय करेगी किसे टिकट देना है, मौजूदा विधायक राजधानी तलब

बड़ी खबर: कांग्रेस काम से तय करेगी किसे टिकट देना है, मौजूदा विधायक राजधानी तलब

मध्यप्रदेश में अगर सत्ताधारी भाजपा सत्ता विरोधी लहर से पार्टी विधायकों के बारे में चिंतित है, तो विपक्षी कांग्रेस विधानसभा चुनाव 2018 में अपने उम्मीदवारों के चयन को लेकर उतनी ही सतर्क लग रही है। बीते हफ्ते प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) मुख्यालय ने मौजूदा सभी 54 विधायकों को चिट्ठी लिखकर पिछले एक साल के दौरान जमीन पर किए गए उनके कार्यों और जनसंपर्क कार्यक्रमों का ब्यौरा मांगा है। राज्य नेतृत्व के सूत्रों का कहना है कि मौजूदा 20 विधायकों का पत्ता कटा सकता है ताकि नए चेहरों को मौका दिया जा सके। बड़ी खबर: कांग्रेस काम से तय करेगी किसे टिकट देना है, मौजूदा विधायक राजधानी तलब2003 से तीन राज्यों में विधानसभा चुनाव हारने और हालिया गुजरात चुनाव से उत्साहित प्रदेश कांग्रेस ने जीतने वाले उम्मीदवारों के चयन के लिए गहन प्रक्रिया शुरू कर दी है। 

मध्यप्रदेश राज्य कांग्रेस संगठन के महासचिव चंद्रिका प्रसाद द्विवेदी ने कहा, ‘मौजूदा विधायकों को पत्र भेजा गया है और फोन कर पिछले एक साल के दौरान अपने संबंधित क्षेत्रों में उनके किए गए सभी कार्यों का रिकॉर्ड मांगा गया है। उन्हें सत्तारूढ़ सरकार के खिलाफ मुद्दों को उठाने, प्रदर्शन करने, सार्वजनिक सभाओं, पार्टी के कार्य और लोगों से जनसंपर्क का लेखा-जोखा भेजना है। सिर्फ मौजूदा विधायकों से ही नहीं, हमने जिला अध्यक्षों से भी ब्यौरा मांगा है।’ 

अपने रिकॉर्ड तैयार करने के बाद विधायकों को 19 जनवरी को राजधानी आना है जहां मध्य प्रदेश मामलों के प्रभारी एआईसीसी महासचिव दीपक बाबरिया के साथ उनकी मुलाकात होगी। 

‘पत्नियों और बेटों को टिकट देने का कोई सीन नहीं है’

एक वरिष्ठ पीसीसी पदाधिकारी ने बताया कि, ‘कांग्रेस उन उम्मीदवारों को टिकट देना चाहती है, जो भाजपा को कड़ी टक्कर दे सकते हैं।’ 

पीसीसी पदाधिकारी ने कहा, ‘पार्टी नए और साहसी चेहरों की तलाश कर रही है। उन उम्मीदवारों को टिकट नहीं मिलेगा जो हर बार चुनाव हार जाते हैं और फिर भी टिकट की मांग करते हैं क्योंकि वे किसी बड़े नेता से जुड़े हैं।’

उन्होंने कहा, ‘इस बार के विधानसभा चुनाव में पत्नियों और बेटों को टिकट देने का कोई सीन नहीं है’। 

कांग्रेस उन सीटों पर अपनी रणनीति तैयार कर रही है जहां पार्टी को लगातार हार का सामना करना पड़ रहा है। वरिष्ठ पीसीसी के पदाधिकारी ने कहा कि, ‘कुछ सीटें हैं जहां चुनावों में हमारे उम्मीदवार तीन से ज्यादा बार से हार रहे हैं। 2003 से या इससे भी पहले से भाजपा विधायकों का इन सीटों पर कब्जा है। इन सीटों पर पार्टी को उन नए चेहरों और सक्रिय कार्यकर्ताओं की तलाश है जो भगवा किले में सेंध लगा सकें।’ 

English News

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com