बड़ी खबर: सिर्फ एक छोटा सा फार्म भरने पर सरकार देगी 1 लाख 11 हजार रुपए

शायद ही कोई ऐसा इंडियन हो जिसे गोल्ड से प्‍यार न हो। सिर्फ आभूषण के लिए ही नहीं बल्कि उपहार और इन्वेस्टमेंट के लिए भी हम गोल्ड का इस्‍तेमाल करते हैं।modi

इसमें निवेश करने के कई तरीके हैं। आप भौतिक रूप से Gold खरीद सकते हैं या Gold ETF, Gold Fund या Gold Bond के जरिए इसमें निवेश कर सकते हैं। अब सवाल उठता है कि रिटर्न और खर्च के नजरिए से Investment का कौन सा जरिया सबसे बेहतरीन है।
Gold ETF चुनें या Gold Bonds
Gold ETF घरेलू बाजार में Gold की कीमतों को ट्रैक करता है।
इसका रिटर्न भी घरेलू बाजार में Gold के दाम के लगभग बराबर होता है।
औसतन इनका सालाना खर्च एक फीसदी होता है।
मतलब अगर Gold ने 10 फीसदी का रिटर्न दिया है तो Gold ETF 9 फीसदी का वास्‍तविक रिटर्न देगा।
Gold Bond अलग इससे अलग है।
अगर बाजार में आपको 10 फीसदी का रिटर्न दिया तो इसके अलावा आपको 2.75 फीसदी का अतिरिक्‍त ब्‍याज मिलेगा।
दूसरी बात कि Gold Bonds का कोई खर्च नहीं होता है।
खरीदारी की सुविधा के नजरिए से Gold ETF और Gold Bonds
Gold ETF की खरीदारी सीधे म्‍यूचुअल फंड कंपनियों से ऑनलाइन या ऑफलाइन की जा सकती है।
इसके अलावा बैंक भी Gold ETF बेचते हैं।
Gold Bonds बैंक या दूसरे वितरकों जैसे बीएसई स्‍टार एमएफ से खरीदे जा सकते हैं।
आप इनकी खरीदारी ETF की तरह ही स्‍टॉक एक्‍सचेंजों से कर सकते हैं।
Gold ETF के लिए आपका डीमैट अकाउंट होना जरूरी है जबकि Gold Bonds आपको सर्टिफिकेट के रूप में मिलता है।
लाइवइंडिया.लाइव.कॉम से साभार 
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