भोपाल से कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह अपना वोट ही नहीं डाल पाये, जानिए क्या थी वजह

भोपाल: लोकसभा चुनाव 2019 के छठवें चरण में रविवार को सात राज्यों की 59 सीटों पर मतदान हुआ। इस दौरान मध्य प्रदेश की भोपाल लोकसभा सीट की बीजेपी प्रत्याशी एवं मालेगांव बम धमाकों की आरोपी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने रविवार को भोपाल में अपना वोट डाला जबकि उनके खिलाफ इस सीट से लड़ रहे कांग्रेस के प्रत्याशी एवं दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह स्वयं के लिए इस सीट से वोट नहीं दे पाये।


क्योंकि वह भोपाल लोकसभा सीट के मतदाता नहीं हैं। साध्वी प्रज्ञा ने सुबह यहां रेवेरा टाउन मतदान केन्द्र पर अपना वोट डाला। मतदान करने के बाद प्रज्ञा ने मीडिया से कहा कि यह धर्म युद्ध है। उन्होंने कहा कि पूरे देश में भाजपा को पहले से भी ज्यादा सीटें मिलेंगी और नरेन्द्र मोदी फिर से प्रधानमंत्री बनेंगे। प्रज्ञा वर्ष 2008 में हुए मालेगांव विस्फोट मामले में आरोपी हैं और फिलहाल जमानत पर हैं।

वहीं दिग्विजय सिंह ने वोट न डालने पर खेद जताते हुए कहा कि मुझे दुख है कि मैं राजगढ़ में अपना वोट डालने नहीं जा पाया। अगली बार मैं अपना वोट भोपाल में ही रजिस्टर्ड करवा लूंगा। दिग्विजय ने पूरे दिन भोपाल के विभिन्न पोलिंग स्टेशनों का जायजा लिया। सिंह के एक करीबी ने बताया मतदाता सूची में दिग्विजय सिंह का नाम मध्यप्रदेश के राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले उनके पैतृक कस्बे राघौगढ़ में पंजीबद्ध है इसलिए वह स्वयं के लिए भोपाल लोकसभा सीट से वोट नहीं डाल पाएंगे।

दिग्विजय 10 साल तक वर्ष 1993 से वर्ष 2003 तक मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। भाजपा द्वारा हिन्दुत्व चेहरा साध्वी प्रज्ञा को दिग्विजय के खिलाफ चुनावी मैदान में उतारने के बाद भोपाल सीट देश की हॉट सीट बन गई है। चुनाव प्रचार के दौरान यह सीट मुख्य रूप से चर्चा का विषय रही। भाजपा का गढ़ कही जाने वाली इस सीट से दिग्विजय को जिताने के लिए कम्प्यूटर बाबा यहां धूनी जलाकर कई साधु.संतों के साथ हठ योग पर बैठे थे। कम्प्यूटर बाबा ने दिग्विजय सिंह को जिताने के लिए न केवल उनका प्रचार किया बल्कि तंत्रमंत्र का सहारा भी लिया है।

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