मंदिरों में सैनिटाइजेशन के साथ सिर्फ पांच श्रद्धालुओं को दिया जाएगा प्रवेश और पुजारी समेत सभी लगाएंगे मास्क

अनलॉक-1 फेज टू के तहत यूपी के कई प्रमुख शहरों में मंदिर और मठ खोले जाने के बाद अब कानपुर शहर में भी सहमित बन गई है। मंदिरों में शासन द्वारा जारी गाइड लाइन के अनुसार ही दर्शन पूजन संपन्न कराया जाएगा। संतों ने मंदिर खोलने और दर्शन पूजन कराने की रूपरेखा तय करने के बाद अब 10 जून को डीएम की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में अंतिम फैसला लिया जाएगा।

संतों ने बैठक करके तैयार की रूपरेखा

आठ जून से ही मंदिरों को श्रद्धालुओं के लिए खोला जाना था, लेकिन डीएम डॉ. ब्रह्मदेव राम तिवारी ने दो दिन के लिए मंदिरों को बंद रखने का निर्णय लिया था। कलेक्ट्रेट में हुई बैठक में तय किया गया था कि संत समाज बैठक करके तय करे कि वह दर्शन पूजन कराने के लिए दिशा निर्देशों का पालन कैसे कराएगा। भगवान परशुराम वाटिका में बैठक में बालयोगी अरुणपुरी चैतन्य ने कहा कि मंदिर हर हाल में खुलने चाहिए ताकि श्रद्धालु दर्शन कर सकें। पनकी हनुमान मंदिर के महंत श्रीकृष्ण दास महाराज ने कहा कि उचित व्यवस्था व सुरक्षा के बाद ही मंदिर खुलने चाहिए। मंदिरों में अचानक भीड़ बढ़ेगी, इसलिए सुरक्षा के व्यापक प्रबंध होने चाहिए।

एक बार में सिर्फ पांच श्रद्धालुओं को मिलेगा प्रवेश

बैठक में नियमों की जानकारी दी गई, इसमें बताया गया कि सैनिटाइजेशन, पुजारी, संत और श्रद्धालु सभी के लिए मास्क पहनना अनिवार्य होगा। पांच-पांच श्रद्धालु ही एक बार में दर्शन करें इस आदेश का सख्ती से पालन कराया जाएगा। बाबा आनंदेश्वर मंदिर के मीडिया प्रभारी अजय पुजारी ने कहा कि सरकार को मंदिरों के सहारे परिवार का पालन पोषण करने वाले सैकड़ों परिवार के लिए कुछ सोचना चाहिए। मंदिर खुले और वहां पर पुलिस की चौकसी हो ताकि कोई दिक्कत न आए। भगवान परशुराम सर्व कल्याण सेवा समिति के अध्यक्ष नरेंद्र शर्मा ने बताया कि 10 जून को कलेक्ट्रेट में बैठक में मंदिर खोलने के लिए पक्ष रखा जाएगा, इसके बाद प्रशासनिक अधिकारी अंतिम निर्णय लेंगे।

मंदिर में प्रसाद पर बैन

मंदिरों में चढ़ावे की वस्तुओं को ले जाने पर लगे प्रतिबंध से फल-फूल व प्रसाद बेचने वाले दुकानदारों के पेट पर चोट लगी है। अनलॉक-1 में सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार श्रद्धालु प्रसाद आदि संग मंदिर में प्रवेश नहीं करेंगे। बाबा आनंदेश्वर मंदिर परमट में प्रसाद व फूल बेचने वाले दीपक यादव की 50 वर्ष पुरानी दुकान हैं। उनका परिवार दुकान से होने वाली कमाई पर ही चलता है। नए आदेश के बाद उनके सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया कि अब घर खर्च कैसे चलेगा। मंदिर के सेवादार लक्की शर्मा बताते हैं चढ़ावे में जो कुछ बचता था उसी से गृहस्थी चलती थी लेकिन गाइडलाइन के बाद दाने-दाने के मोहताज हैं। बिरहाना रोड स्थित तपेश्वरी माता मंदिर स्थित दुकान में काम करने वाले राकेश बताते हैं कि कई वर्षों से इसी दुकान में कार्यरत हूं, लेकिन नये नियमों के तहत दुकान का बंद होना तय है।

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