मिठाई के ऊपर लगी चांदी को खाने से होती है ये बड़ी बीमारियां...

मिठाई के ऊपर लगी चांदी को खाने से होती है ये बड़ी बीमारियां…

New Delhi: त्योहार में निठाइयां बिकती ही बिकती हैं। त्योहार के अलावा भी इन्हें बाकी दिन भी बेचा जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन मिठाइयों पर चढ़ा वर्क हमारे शरीर के लिए कितना हानिकारक होता है।मिठाई के ऊपर लगी चांदी को खाने से होती है ये बड़ी बीमारियां...आप सभी ने देखा होगा कि मिठाइयों के ऊपर चांदी की वर्क की परत होती है। जो खासतौर पर दिवाली और होली के अलावा बाकी दिनों में भी मिठाइयों के ऊपर दिखाई देती हैं। अगर पान में भी चांदी का वर्क लगा हो तो उसकी कीमत बढ़ जाती है। 

लेकिन आप क्या जानते है कि चांदी के वर्क को बनाने में जानवरों की आंत का उपयोग होता है। हालांकि Food Safety And Standard Authority Of India (FSSAI) ने चांदी के ऐसे वर्क पर रोक लगा रखी है। 

इसके बावजूद भी पुरे देश में यह धडल्ले से बिक रहा है। इतना ही नहीं, चांदी के असली वर्क एक नाम पर बाजार में एल्युमिनियम के वर्क बिक रहे हैं। इससे कैंसर, फेफड़े और दिमाग की बीमारियां हो सकती हैं। 

1. देश के कई हिस्सों में परंपरागत रूप से ही चांदी का वर्क बनाया जाता है। इसमें जानवरों की खालों और आंतों का उपयोग किया जाता है। लगभग 90 फीसदी चांदी का वर्क ऐसे ही बनता है।

2.वर्क बनाने के लिए चांदी को जानवरों की आंतों के बीच पीटा जाता है। इससे बिल्कुल पतले वर्क बनते हैं और इन्हें सामान पर लपटने में आसानी हो जाती है।

3.चांदी के वर्क की शीट और पैकेट पर सिंबल या वॉर्रिंग नही होती, जिससे पता लगाया जा सके कि वह वेजिटेरियन प्रोडक्ट है या नॉन-वेजिटेरियन।

4.चांदी के वर्क में भारी पदार्थ जैसे निकल, लेड, क्रोमियम और कैडमियम भी होते हैं। ये भी मेटल सेहत के लिए खतरनाक होते हैं।

5.मिठाई, पान और सुपारी ही नही, बल्कि सेब को भी ज्यादा बेहतर दिखाने के लिए चांदी का वर्क लगाया जाता है।

6.चांदी का वर्क बनाने के लिए कई जगह मशीनों का भी उपयोग होने लगा है। इसमें स्पेशल पेपर और पॉलिएस्टर कोटेड शीट के बीच चांदी को रखकर वर्क बनाया जाता है।

7. ऐसे करे चेक: चांदी के वर्क को हाथ में लेकर मसलें। यदि ये गोली बन जाए तो चांदी का वर्क नही है।

8.चांदी का वर्क जलाने पर उतने की वजन की छोटी सी गेंद के रूप में तब्दील हो जाती है। अगर इसमें एल्युमिनियम मिलावट है तो इसको जलाने पर ग्रे रंग का अवशेष बचता है।

9.मिठाई पर चिपके सिल्वर वर्क को उंगलियों से हल्के पकड़ें। अगर यह उंगली में चिपककर अलग हो जाता है तो समझ लीजिए कि इसमें एल्युमिनियम फ़ॉइल यूज किया गया है।

10.चांदी का वर्क अगर कुछ दिनों में काला पड़ने लगता है तो समझ लीजिए इसमें एल्युमिनियम फ़ॉइल की मिलावट है।

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