महिला वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंचते ही टीम इंडिया की कप्तान मिताली राज ने एक अनोखा रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया. भारत के वनडे क्रिकेट इतिहास में वह पहली कप्तान बन गईं, जिनके नेतृत्व टीम इंडिया दूसरी बार वर्ल्ड कप फाइनल में पहुंची है.
34 साल बाद एक बार फिर हम लॉर्ड्स में खड़े हैं, क्या मिलेगा कप?
उन्होंने भारतीय टीम के पुरुष कप्तानों को भी पीछे छोड़ दिया. मिताली की कप्तानी में पहली बार 2005 में टीम ने फाइनल खेला था. लेकिन तब इसी ऑस्ट्रेलिया से उसे हार का सामना करना पड़ा था. इसके साथ ही भारत ने 12 साल बाद उस हार का बदला चुकाया.
नवाज का यह बड़ा बयान परमाणु परीक्षण रोकने के लिए क्लिंटन ने दिया था 5 अरब डॉलर का ऑफर…
पुरुष कप्तानों की बात करें तो कपिल देव, सौरव गांगुली और महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया ने एक-एक बार फाइनल में जगह बनाई.
कप्तान: वनडे वर्ल्ड कप फाइनल
कपिल देव, 1983
सौरव गांगुली, 2003
एमएस धोनी, 2011
मिताली राज, 2005 और 2017
-34 साल की मिताली ने न्यूजीलैंड के खिलाफ पिछले ‘करो या मरो’ वाले मैच में शतक लगाकर अकेले दम पर टीम की बल्लेबाजी संवारी थी. जिससे टीम इंडिया सेमीफाइनल में पहुंचने में कामयाब रही थी.
-मौजूदा वर्ल्ड कप में वह भारत के लिए सबसे ज्यादा रन बनाने वाली खिलाड़ी हैं. वहीं, टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा रन बनाने वालों की टॉप 10 प्लेयर्स की लिस्ट में पांचवें नंबर पर हैं.
-इस वर्ल्ड कप में 8 मैचों में 392 रन बना चुकी हैं. उनके नाम एक शतक और तीन हाफ सेंचुरी हैं. न्यूजीलैंड के खिलाफ उन्होंने 109 रन बनाए. फिलहाल उनकी बल्लेबाजी औसत 49 का है.