उत्तर भारत के प्रमुख रेलवे स्टेशन मुगलसराय का नाम बदलकर जनसंघ के नेता दीन दयाल उपाध्याय के नाम पर किए जाने के योगी कैबिनेट को फैसले को गृह मंत्रालय ने हरी झंडी ने दे दी है. बता दें कि सरकारी नियमों के मुताबिक किसी स्टेशन, गांव, शहर का नाम बदलने के लिए राज्य सरकार को गृहमंत्रालय ने NOC लेना जरूरी होता है. बता दें कि जून में यूपी सरकार ने स्टेशन का नाम बदलने के प्रस्ताव को हरी झंडी दी थी. जुलाई में गृह मंत्रालय को यूपी सरकार से NOC मिल गई थी.
गृह मंत्रालय ने भेजी यूपी सरकार को NOC
इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक अधिकारियों का कहना है कि जल्त दी नो ऑबजेक्शन सर्टिफिकेट यूपी सरकार को भेज दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि इंटेलिजेंस ब्यूरो, ज्योग्राफिकल सर्वे ऑफ इंडिया, डाक विभाग, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय और रेलवे मंत्रालय ने गृहमंत्रालय से कहा है कि उन्हें स्टेशन का नाम बदले जाने से कोई समस्या नहीं है.
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यूपी सरकार को NOC मिलने के बाद नाम बदलने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी
एक सीनियर अधिकारी ने बताय कि किसी भी एजेंसी ने कोई भी प्रतिकूल रिपोर्ट नहीं दी. एक बार राज्य सरकार को NOC मिल जाएगा तो उसके बाद वह स्टेशन का नाम बदल सकती है. उत्तर प्रदेश के पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट की तरफ से डाक विभाग और जीएसाई को जानकारी देते हुए एक अधिकसूचना जारी की जाएगी ताकि आम लोगों को मुगलसराय रेलवे स्टेशन का नाम दीन दयाल उपाध्याय स्टेशन रखे जाने के बाद किसी समस्या का सामना न करना पड़े.
अपने रिकॉर्ड्स में बदलाव कर रहा है रेलवे
सूत्रों का कहना है कि रेलवे मंत्रालय से भी अपने रिकॉर्ड में बदलाव करने को कहा गया है ताकि रिजर्वेशन कराते वक्त यात्रियों को किसी किस्म दिक्कत पेश न आए. एक अधिकारी के मुताबिक अपने प्रस्ताव में यूपी सरकार ने इस स्टेशन पर उपाध्याय की रहस्यमय मौत की घटना को नाम बदलने के एक प्रमुख कारण के तौर जिक्र किया है. बता दें मुगलसराय एशिया का सबसे बड़ा मार्शलिंग यार्ड है और इसे सबसे पुराने स्टेशनों में से एक माना जाता है.
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आगरा एयरपोर्ट का नाम उपाध्याय के नाम पर रखने का फैसला
अप्रैल में यूपी सरकार ने अगारा एयरपोर्ट का नाम उपाध्याय के नाम पर रखने का फैसला किया था. पिछले महीने ही गृह मंत्रालय ने मथुरा के पास फराह टाउस रेलवे स्टेशन को उपाध्याय के नाम पर रखने के लिए NOC जारी की थी. फराह टाउस रेलवे स्टेशन का नाम बदलने का प्रस्ताव केंद्र के पास पिछले साल से पड़ा था. इस स्टेशन का नाम बदलने का फैसला अखिलेश सरकार ने लिया था. बता दें उपाध्याय का जन्म मथुरा के पास गांव नगला चन्द्रभान में हुआ था. 2015 में एनडीए सरकार की पहली सालगिरह पर पीएम मोदी ने इस गांव का दौरा किया था.