मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही यानी अप्रैल से जून तिमाही के दौरान भारत में सोने की मांग में आई भारी गिरावट

मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही यानी अप्रैल से जून तिमाही के दौरान भारत में सोने की मांग में भारी गिरावट आई है। इस तिमाही के दौरान भारत में सोने की मांग 70 फीसद घटकर 63.7 टन रह गई है। विश्व स्वर्ण परिषद (WGC) ने अपनी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी है। रिपोर्ट ने भारत में सोने की मांग में इस कमी का कारण कोविड-19 के संक्रमण को रोकने के लिए लगाया गया लॉकडाउन बताया है। एक साल पहले की समान अवधि में भारत में सोने की मांग 213.2 टन रही थी।

विश्व स्वर्ण परिषद ने रिपोर्ट में बताया कि कीमत के हिसाब से अप्रैल-जून तिमाही में भारत में सोने की मांग 57 फीसद घटकर 26,600 करोड़ रुपये रही। एक साल पहले की समान अवधि में यह 62,420 करोड़ रुपये रही थी।

वहीं, जुलरी की बात करें, तो अप्रैल-जून तिमाही में इसकी मांग 74 फीसद घटकर 168.6 टन से 44 टन पर आ गई। कीमत के हिसाब से देखें, तो आभूषणों की मांग 63 फीसद घटकर 18,350 करोड़ रुपये रही है। यह पिछले साल की समान अवधि में 49,380 करोड़ रुपये रही थी।

निवेश के संबंध में सोने की मांग को देखें, तो इसमें समीक्षाधीन तिमाही में 56 फीसद की गिरावट आई, जिससे यह 19.8 टन पर रही। एक साल पहले की समान अवधि में यह 44.5 टन थी। कीमत के हिसाब से देखें, तो सोने की निवेश मांग अप्रैल-जून तिमाही में 37 फीसद घटकर 8,250 करोड़ रुपये रही है। एक साल पहले की समान तिमाही में यह 13,040 करोड़ रुपये रही थी।

रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल-जून तिमाही के दौरान सोने की रीसाइक्लिंग में भी गिरावट आई है। यह 64 फीसद घटकर 13.8 टन रह गई है। एक साल पहले की समान अवधि में यह 37.9 टन रही थी। सोने के आयात की बात करें, तो अप्रैल-जून तिमाही में इसमें 95 फीसद की जबरदस्त गिरावट आई और यह 11.6 टन पर रहा। एक साल पहले की समान अवधि में यह 247.4 टन पर रहा था।

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