यूं ही नहीं मिला गणतंत्र दिवस के परेड में रियो को सेना का गौरवपूर्ण सम्मान..

सेना द्वारा दिए जाने वाले चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ कमंडेशन से सम्मानित होने के बाद चर्चा में आए रियो को यह सम्मान यूं ही नहीं मिला है। 22 साल के रियो की पैदाइश भले ही भारत की है लेकिन शुद्ध रूप से यह हनोवरियन नस्ल का घोड़ा है। दुनिया की एकमात्र सेना में सेवारत अश्व टुकड़ी 61 कैवेलरी के साथ 18 बार गणतंत्र दिवस की परेड में भाग ले चुका है। जब वह चार साल का था तब पहली बार इसने परेड में भाग लिया था।

16 सालों से कमांडर: औपचारिक कर्तव्यों को निभाने में माहिर रियो पिछले 16 सालों से लगातार दस्ते के कमांडर की जिम्मेदारी निभा रहा है। यानि कमांडर रियो पर सवार होकर दस्ते की अगुवाई करते हैं। भारतीय सेना में 61 कैवलरी अश्व टुकड़ी वर्ष 1953 में बनी थी। मैसूर, जोधपुर व ग्वालियर लांसर्स सहित छह पूर्ववर्ती शाही सेनाओं की इकाइयों को मिलाकर गठित किया गया था।

ऐसी होती है हनोवरियन नस्ल: हनोवरियन नस्ल के घोड़े बेहद अनुशासित, कूदने में माहिर और किसी भी तरह के आयोजन में भाग लेने के लिए सबसे बेहतर माने जाते हैं। विश्व युद्ध के दौरान जब अच्छे नस्ल के घोड़ों की जरूरत महसूस हुई तो इन नस्ल के घोड़ों के प्रजनन का उद्योग स्थापित किया गया।

ओलंपिक में जीते थे पदक: हनोवरियन सोसायटी के अनुसार लगभग 400 वर्षो से एक समृद्ध घोड़ा-प्रजनन उद्योग अस्तित्व में है। आधिकारिक रूप से वर्ष 1888 में शुरू हुई थी। विभिन्न प्रतियोगिताओं में हनोवरियन घोड़ों की सफलता इस प्रजनन कार्यक्रम की गंभीरता को साबित करती है। इन घोड़ों ने वर्ष 1992 ओलंपिक में 13 पदक जीते थे।

12 अर्जुन पुरस्कार मिले 61 कैवेलरी रेजीमेंट को: 61 कैवेलरी रेजीमेंट भारत के विभिन्न सैन्य अकादमियों और घुड़सवार खेल जैसे पोलो, शो-जंपिंग, ड्रेसाज और टिक-सवारी में घुड़सवारी प्रशिक्षण का मुख्य आधार भी है। इसने 12 अर्जुन पुरस्कार जीते हैं। इसका आदर्श वाक्य है-अश्व शक्ति यशोबल।

इनाम में मिला गुड़ और गाजर: इस बार (वर्ष 2021) गणतंत्र दिवस परेड में जब रियो शामिल हुआ तो ये उसकी 18वीं गणतंत्र दिवस परेड थी। कमंडेशन कार्ड के साथ सेना प्रमुख ने रियो को गाजर और गुड़ भी दिया गया। रियो जब चार साल का था तब पहली बार गणतंत्र दिवस परेड में हिस्सा लिया था।

रियो के कमांडर भी कम नहीं: जितना खास रियो है उतने ही उसके कमांडर उत्तराखंड के काशीपुर के 27 वर्षीय कैप्टन दीपांशु श्योराण भी हैं। वे घुड़सवारी सेना में अपने परिवार की चौथी पीढ़ी हैं। वर्ष 2011 में एनडीए (राष्ट्रीय रक्षा अकादमी) भर्ती हुए। वर्ष 2015 में आईएमए (इंडियन मिलिट्री अकादमी) में शामिल हो गए। वर्ष 2014 के दौरान अंडर -25 टेंट पेगिंग इवेंट में देश का प्रतिनिधित्व किया।

 

English News

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com