यूपी में गठबंधन कई पार्टियों के बीच मजबूरी

(अब्बास)

लखनऊ । उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियों ने गठबंधन के लिए कवायद तेज कर दी है। गठबंधन के पीछे अहम कारण है केंद्र में सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी को प्रदेश की सत्ता तक पहुंचने से रोकना है। इसी के साथ प्रदेश के कुछ दलों के लिए गठबंधन अपना अस्तित्व बचाने का एक मात्र विकल्प भी है। 

यूपी में गठबंधन कई पार्टियों के बीच मजबूरीइस गठबंधन में समाजवादी पार्टी, कांग्रेस, आरएलडी सबसे अहम पार्टियां है, जबकि लालू, नीतीश, देवी गौड़ा और अजीत चौटाला भी इस गठबंधन में शामिल हो सकते हैं। गठबंधन को मकसद हुआ तो इसके पीछे भाजपा को यूपी की सत्ता से दूर रखना तो अहम वजह होगी पर इसके पीछे कई और वजह भी हैं। पहली वजह है कि गठबंधन कर यह सारी पार्टियां वर्ष 2019 में लोकसभा केन्द्र की सत्ता से भाजपा को दूर रखना चाहती हैं। इन पार्टियों को इस बात का अंदाजा है कि अगर 2019 में लोकसभा में फिर से भाजपा की सरकार बनती है तो इनके अस्तित्व खतरे में पड़ जायेगा। इस गठबंधन की पहली तस्वीर बिहार विधानसभा में देखने को मिली, जहां नीतिश, लालू व कांग्रेस ने एक साथ मिलकर चुनाव लड़ा और बिहार से भाजपा को सत्ता से दूर कर दिया। बिहार में गठबंधन में समाजवादी पार्टी भी शामिल थी पर बाद में वह गठबंधन से अलग हो गयी थी। बिहार चुनाव में नीतिश कुमार को इस बात का अंदाजा हो गया था कि अगर लालू व कांग्रेस से गठबंधन नहीं किया गया तो भाजपा की जीत तय है। कुछ ऐसा ही यूपी के विधानसभा चुनाव का भी हाल है। सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव व प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल को इस बात का अंदाजा हो गया कि यूपी चुनाव में अगर गठबंधन नहीं किया गया तो सबसे ज्यादा नुकसान समाजवादी पार्टी को हो सकता है। यहीं वजह से 5 नवम्बर को समाजवादी पार्टी के रजत जयंती समारोह में महागठबंधन की नींव रखने की कोशिश की । कागं्रेस पार्टी के रणनीतिकार पीके की मुलायाम सिंह यादव व अखिलेश यादव से मुलाकात भी इस बात की तरफ इशरा कर रही है कि कांग्रेस भी इस गठबंधन में समाजवादी पार्टी का साथ  देना चाहती है, क्योंकि काग्रेंस को यूपी विधानसभा चुनाव से ज्यादा 2019 का लोकसभा चुनाव दिख रहा है। अगर यूपी विधानसभा चुनाव में महागठबंधन बना तो यही महागठबंधन 2019 में लोकसभा चुनाव में भाजपा के लिए बड़ी मुसीबत बन सकता है। जिस तरह बिहार में कांग्रेस ने नीतिश व लालू से हाथ मिलाकर सभी शर्तो पर बिहार चुनाव लड़ा, ठीक उसी तरह कांग्रेस पार्टी यूपी विधानसभा में भी समाजवादी पार्टी से गठबंधन की राह तलाश रही है। फिलहाल अभी किसी तरह के कोई गठबंधन की तस्वीर निकल कर सामने नहीं आयी है। माना जाता है कि अगर यूपी में गठबंधन होता है तो कुछ और छोटी राजनीतिक पार्टियां भी इस गठबंधन में शामिल हो सकती है। इन पार्टियों में पीस पार्टी, कौमी एकता दल, इतिहादते-ए-मिल्लत काउंसिल जैसी पार्टियां भी शामिल हैं। इन छोटे दल को भी इस बात डर सता रहा है कि अगर कागं्रेस, सपा, आरएलडी व अन्य पार्टियों का गठबंधन होता है तो फिर इन छोटे दलों को कोई पूछने वाला नहीं रह जायेगा।   

वर्ष 2012 विधानसभा चुनाव की तस्वीर

समाजवादी पार्टी-224

बहुजन समाज पार्टी- 80 

बीजेपी-47

कांग्रेस- 28

रालोद-9

पीस पार्टी-4

इतिहादते-ए-मिल्लत काउंसिल-1

राष्टïवादी कांग्रेस पार्टी-1

कौमी एकता दल-2

अपना दल-1

निर्दलीय-6

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