यूपी विधानसभा में कथित विस्फोटक की NIA जांच में आया एक नया मोड़, ये है बड़ी शर्त...

यूपी विधानसभा में कथित विस्फोटक की NIA जांच में आया एक नया मोड़, ये है बड़ी शर्त…

यूपी विधानसभा में 12 जुलाई को कथित विस्फोटक मिलने के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) अभी केस अपने हाथ में नहीं लेगी। सूत्रों का कहना है कि यूपी एटीएस की ओर से केंद्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला हैदराबाद भेजे गए नमूने की रिपोर्ट आने के बाद इस पर फैसला होगा।यूपी विधानसभा में कथित विस्फोटक की NIA जांच में आया एक नया मोड़, ये है बड़ी शर्त...रामनाथ कोविंद की जीत पर भाजपाई ने मनाया जश्न, CM बोले- बढ़ा दलितों का सम्मान…

जांच में अगर पीईटीएन पॉजिटिव पाया जाता है, तभी एनआईए इसकी जांच अपने हाथ में लेगी। सूत्रों का कहना है कि फोरेंसिक रिपोर्ट पर आगरा और लखनऊ के एफएसएल में छिड़े विवाद पर एनआईए की भी नजर है।

शायद यही वजह है कि अब नमूने को हैदराबाद स्थित हैदराबाद भेजा गया है ताकि उक्त पदार्थ में कौन-से तत्व थे, इसकी सच्चाई सामने आ सके।

वहीं, मामले का जायजा लेने लखनऊ पहुंचे एनआईए के एसपी अतुल गोयल और फोरेंसिक एक्सपर्ट डॉ. बीएस वासवानी गुरुवार को दिल्ली चले गए।

सीएफएसएल खोलेगा कथित विस्फोटक का राज

एटीएस के सूत्रों का कहना है पांच दिन के अंदर हैदराबाद से रिपोर्ट आने की संभावना है। माना जा रहा है कि सोमवार तक रिपोर्ट आने के बाद इस पूरे मामले में स्थिति साफ हो जाएगी।

तकनीकी सेवा के अधिकारियों ने ली पत्राचार की जानकारी
लखनऊ एफएसएल की ओर से इस पूरे मामले में किए गए पत्राचार के बारे में तकनीकी सेवा के अधिकारियों ने एफएसएल के निदेशक से जानकारी ली। सूत्रों के अनुसार पत्राचार को लेकर भी कई खामियां नजर आई हैं।

दरअसल कोई भी एफएसएल से सीधे पत्राचार नहीं कर सकता। तकनीकी सेवा के आईजी के माध्यम से पुलिस विभाग के उच्चाधिकारियों से पत्राचार किया जाता है। वहीं किसी जांच के संबंध में संबंधित जिले के पुलिस कप्तान या विवेचक से ही एफएसएल के अधिकारी पत्राचार कर सकते हैं।

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