यूपी: 60 हजार करोड़ से 10 लाख करोड़ का हो गया भूमि पूजन समारोह

2018 में वैश्विक निवेशक सम्मेलन के बाद आयोजित पहले भूमि पूजन समारोह में 60 हजार करोड़ के निवेश प्रस्तावों को शामिल किया गया था। छह साल बाद 2024 में चौथे भूमि पूजन समारोह में 10.11 लाख करोड़ के निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारा जाएगा। यही बदलाव व रफ्तार नए यूपी की पहचान है। यह बातें मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहीं। वह राजधानी में 19 से 21 फरवरी के बीच होने जा रहे भूमि पूजन समारोह की तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चौथा भूमि पूजन समारोह पूरे देश के औद्योगिक विकास को गति देने का माध्यम बनेगा। 19 फरवरी को प्रधानमंत्री मोदी 10 लाख करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्तावों के जमीनी क्रियान्वयन की शुरुआत करेंगे। इस अवसर पर उद्योग जगत के बड़े समूह, सीईओ, निवेशक आदि मौजूद रहेंगे। मुख्यमंत्री ने समारोह की गरिमा व महत्व को देखते हुए तैयारी के निर्देश दिए। सुरक्षा व स्वागत के प्रोटोकाॅल का पालन गंभीरता से करने को कहा। सीएम फेलो की काउंसिलिंग व प्रशिक्षण के बाद सभी को वीआईपी मेहमानों के साथ संबद्ध किया जाएगा।

इस बार खास
– 500 करोड़ से अधिक की 262 परियोजनाएं
– 100 से 500 करोड़ की 889 औद्योगिक परियोजनाएं
– सभी जिलों को मिलेगा लाभ
– 3500 से अधिक निवेशक होंगे शामिल
– शहीद पथ पर सीसीटीवी, वीवीआईपी रूट का सीसीटीवी कवरेज

दस खरब डाॅलर की अर्थव्यवस्था में अहम पड़ाव
सीएम ने कहा कि यह आयोजन प्रदेश की अर्थव्यवस्था दस खरब डालर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पड़ाव साबित होगा। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में पिछले साल 10 से 12 फरवरी को वैश्विक निवेशक सम्मेलन का सफल आयोजन किया गया था। उसमें 10 कंट्री पार्टनर, उनके 4 मंत्री, 40 देशों के 1000 से अधिक विदेशी प्रतिनिधियों, 17 केंद्रीय मंत्री, राजदूत व उच्चायुक्त और 25000 से अधिक प्रतिनिधि शामिल हुए थे। 16 देशों के 21 और देश के 10 शहरों में रोड शो सहित प्रदेश के सभी जिलों में निवेशक सम्मेलन के बाद 39.52 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए थे। इससे प्रदेश में 1.10 करोड़ रोजगार के अवसर सृजित होंगे।

10 लाख करोड़ की परियोजनाओं में से 12 फीसदी प्रोजेक्ट निर्माण से जुड़े

 उत्तर प्रदेश अब केवल ‘ट्रेडिंग स्टेट’ ही नहीं रह गया, बल्कि ‘मैन्युफैक्चरिंग स्टेट’ की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है। भूमि पूजन समारोह में शामिल होने वाली 10 लाख करोड़ की परियोजनाओं में से करीब 12 फीसदी यानी 1.2 लाख करोड़ के प्रोजेक्ट निर्माण से जुड़े हैं। समारोह रीयल इस्टेट सेक्टर को भी गति देगा क्योंकि 1.90 लाख करोड़ के निवेश इस सेक्टर के हैं। समारोह में शामिल होने वाले अधिकांश निवेश नवीकरणीय ऊर्जा (16 फीसदी), आवास (19 फीसदी), मैन्युफैक्चरिंग (12 फीसदी), आईटी एवं आईटी आधारित सेवाएं (10 फीसदी), लॉजिस्टिक्स (8 फीसदी), इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण (5 फीसदी), खाद्य प्रसंस्करण (6 फीसदी), विनिर्माण (13 फीसदी), शिक्षा (3 फीसदी), आतिथ्य (3 फीसदी) आदि जैसे क्षेत्रों में हैं। इसके अतिरिक्त जैव ईंधन व बायोमास (2.62 फीसदी), टेक्सटाइल एवं हथकरघा (1.24 फीसदी), लकड़ी के उद्योग (1.06 फीसदी), खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति (1.05 फीसदी), डेयरी (1.01 फीसदी) उद्योग भी हैं।
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