यौन उत्पीड़न मामले में आरोपी हरियाणा के मंत्री संदीप सिंह की मुश्किलें बढ़ती दिख रही, जानें पूरा मामला ..

यौन उत्पीड़न के मामले में आरोपी हरियाणा के मंत्री संदीप सिंह की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। इस मामले की जांच कर रही स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) ने उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर में आईपीसी की एक और नई धारा जोड़ दी है। हॉकी इंडिया के पूर्व कप्तान और हरियाणा के खेल मंत्री रहे संदीप सिंह ने अपने खिलाफ यौन उत्पाीड़न के आरोप लगने के बाद 1 जनवरी को मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। संदीप सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली पीड़ित महिला कोच के वकील दीपांशु बंसल का कहना है कि पुलिस ने पीड़िता के कपड़े कस्टडी में ले लिए हैं, जो उसने घटना के दिन पहने थे और एफआईआर में धारा 509 भी जोड़ी गई है। जानकारी के अनुसार, चंडीगढ़ के सेक्टर 26 थाने में पहले संदीप सिंह के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 354, 354ए ,354बी, 342, 506 के तहत मामला दर्ज किया गया था। शिकायतकर्ता महिला ने आरोप लगाया था कि मंत्री ने उन्हें गलत इरादे से छुआ था। हालांकि, संदीप सिंह ने अपने खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद हरियाणा के खेल मंत्री पद ने इस्तीफा दे दिया था। संदीप सिंह ने कहा था कि उन्हें फंसाया जा रहा है और मेरे खिलाफ लगाए गए आरोप बेबुनियाद और सरासर झूठे हैं। मेरी छवि खराब करने के लिए ऐसा माहौल बनाया गया। इस मामले की पारदर्शी तरीके से जांच होनी चाहिए। ये है मामला वर्ष 2016 के रियो ओलंपिक बतौर एथलीट भाग ले चुकी एथलेटिक कोच का आरोप है कि संदीप सिंह ने उससे इंस्टाग्राम और स्नैपचैट पर संदेश भेजे तथा स्नैपचैट पर एक जुलाई को कॉल कर उसे कुछ दस्तावेजों के साथ चंडीगढ़ में सेक्टर सात स्थित अपने सरकारी आवास पर बुलाया था। जहां खेल मंत्री ने उससे कथित तौर पर छेड़छाड़ की। इस दौरान उसकी टी-शर्ट फट गई और किसी तरह वहां से बचकर भागी। शिकायतकर्ता की सितंबर माह में ही खेल विभाग में जूनियर एथलेटिक कोच पद पर नियुक्ति हुई थी। संदीप सिंह ने 2019 में शुरू किया था अपना राजनीतिक सफर यौन उत्पीड़न का आरोप लगने के बाद पद छोड़ने वाले हरियाणा के मंत्री और भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान संदीप सिंह (36) ने तीन साल पहले ही अपना राजनीतिक सफर शुरू किया था। अक्टूबर 2019 में अपने पहले चुनाव में पूर्व ओलंपिक खिलाड़ी सिंह ने कुरुक्षेत्र के पिहोवा निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस के मनदीप सिंह को 5,314 मतों के अंतर से हराया था। खेल की दुनिया में ‘फ्लिकर सिंह’ के नाम से मशहूर संदीप सिंह उन तीन खिलाड़ियों में शुमार थे, जिन्हें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 2019 के विधानसभा चुनाव में मैदान में उतारा था। संदीप के अलावा चुनाव मैदान में उतरीं पहलवान बबीता फोगाट और योगेश्वर दत्त को शिकस्त का सामना करना पड़ा था। पार्टी के सिख चेहरे सिंह को बाद में मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल में शामिल किया गया। दो साल के लिए हो गए थे पैरालाइज कुरुक्षेत्र के शाहबाद से आने वाले पूर्व हॉकी खिलाड़ी 2006 में ट्रेन में गोली लगने के बाद पैराइज हो गए थे और वह दो साल तक व्हीलचेयर के सहारे रहें, लेकिन, उन्होंने हार नहीं मानी और बाद में राष्ट्रीय हॉकी टीम में जोरदार वापसी की। उन्होंने 2008 के सुल्तान अजलान शाह कप में अपने देश के लिए शानदार प्रदर्शन किया और बाद में उन्हें भारतीय टीम का कप्तान नियुक्त किया गया। उनकी कप्तानी में भारतीय टीम ने 2009 में सुल्तान अजलान शाह कप जीता था। वर्ष 2018 में, संदीप सिंह के जीवन पर आधारित ‘सूरमा’ फिल्म बनी थी। यह एक ऐसे खिलाड़ी की प्रेरणादायक कहानी थी, जो एक दुर्घटना के बाद पैरालाइज हो गया था, लेकिन उसने हार नहीं मानी और दमदार वापसी की।
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