राजधानी दिल्ली में नई आबकारी नीति से बार व लाउंज में भी होने लगी है शराब की किल्लत

राजधानी दिल्ली में नई आबकारी नीति से बार व लाउंज में भी शराब की किल्लत पैदा होने लगी है। वहां पसंदीदा शराब नहीं मिल रही है। दिल्ली में 400 से अधिक बार व लाउंज हैं। इनमें से कई के लिए यह परेशानी एक अक्टूबर से शुरू हुई है। इसके चलते ग्राहकों और संचालकों के बीच कुछ मामलों में विवाद की स्थिति बन जा रही है। एक संचालक के मुताबिक यह स्थिति पार्टियों के लिए ज्यादा खराब है, क्योंकि उसमें अधिक मात्रा में शराब चाहिए और पार्टी के लिए बार व लाउंज की बुकिंग कई माह पहले हो जाती है। ऐसे में जब ग्राहकों को तय करार के मुताबिक शराब नहीं परोस पा रहे हैं तो उस स्थिति में विवाद हो जा रहा है। वैसे, इन्हें शराब उत्पाद सीधे कंपनियों से पहुंचता है।

बता दें कि निजी शराब की दुकानों के बंद होने से इनका कोई सीधा संबंध नहीं है, लेकिन इसके संचालकों के मुताबिक यह दिक्कत इसलिए हो रही है, क्योंकि शराब कंपनियां फिलहाल नए कानून के प्रविधानों को समझ रही हैं और आपूर्ति रोक दिया है या कम कर दिया है। ऐसे में कई संचालक इस मामले में गंभीर हस्तक्षेप के साथ राहत की मांग कर रहे हैं। उनके मुताबिक कोरोना व लाकडाउन के चलते पहले से ही उनका कारोबार प्रभावित है। वहीं, लाइसेंस फीस काफी अधिक है।

 

पहाड़गंज के एक बार व लाउंज संचालक ने नाम न छपने की शर्त पर बताया कि पीछे से बीयर के एक लोकप्रिय ब्रांड की खेप आनी बंद हो गई है। जिन्होंने पहले से ही बीयर को जमा करके नहीं रखा है, उन्हें अब इस मोर्चे पर दिक्कत आ रही है। एक बार व लाउंज में प्रतिदिन 50 से लेकर 150 तक बीयर की बिक्री हो जाती है।

लाजपत नगर स्थित जंगल जंबुरी बार व लाउंज के मालिक मनीष शर्मा कहते हैं कि नई नीति बेहतर है, लेकिन बीच की यह अवधि परेशानी साथ लाई है। दिक्कत यह है कि कोरोना के चलते अभी कारोबार उतना नहीं है। ऐसे में शराब मिलने में हो रही परेशानी से काम प्रभावित हो रहा है।

 

कनाट प्लेस स्थित जेन रेस्तरां के मालिक मनप्रीत सिंह ने कहा कि अभी आपूर्ति को लेकर कंपनियों की ओर से बाधा हो रही है। वैसे, आबकारी विभाग की ओर से इस समस्या को सुलझाने का प्रयास किया जा रहा है। कुछ दिन पहले शराब कंपनियों के मालिक व बार व लाउंज संचालकों के बीच इस मुद्दे को लेकर बैठक भी हुई थी।

सरकारी ठेके पर बढ़ी भीड़, टूटे कोरोना के नियम

रविवार को दो अक्टूबर पर गांधी की जन्मतिथि के अवकाश के चलते सरकारी ठेके बंद थे। ऐसे में सोमवार को जब ठेके खुले तो उस पर लोगों की भारी भीड़ देखी गई। कनाट प्लेस, पहाड़गंज व दरियागंज समेत अन्य ठेकों के सामने यही हाल था। वहां कोरोना के नियमों का पालन नहीं हो रहा था। निजी शराब के ठेके बंद होने के चलते पहले से ही सरकारी ठेके पर भीड़ बढ़ गई है।

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