रायपुर में पर्यावरण को स्वच्छ बनाने के लिए सड़कों पर दौड़ेगी इको फ्रेंडली ई-बसें

राजधानी रायपुर के पर्यावरण को स्वच्छ बनाने के लिए निगम सीमा क्षेत्र की सड़कों पर आने वाले दिनों में ई-बसें दौड़ेगी। शुरूआत में 10 ई-बसें चलाई जाएंगी। यह सभी बसें पूरी तरह धुंआ रहित होने के साथ इको फ्रेंडली रहेंगी। दरअसल मुंबई, दिल्ली, कोलकाता आदि मेट्रो सिटी की तर्ज पर राजधानी रायपुर में भी ई-बसों का संचालन करने का फैसला लिया गया है। इसके साथ ही नगर निगम की पुरानी कचरा गाड़ियों को ई-वैन के रूप में तब्दील करने विचार किया जा रहा है।

 

राजधानी रायपुर में लगातार बढ़ रहा प्रदूषण चिंताजनक है। बढ़ते प्रदूषण पर लगाम कसने और राजधानी को प्रदूषण मुक्त करने के लिए रायपुर नगर निगम ने 50 इलेक्ट्रानिक बसें खरीदने का निर्णय लिया है। इससे देश के प्रदूषित शहरों में शुमार रायपुर को इलेक्ट्रानिक बसें चलने से प्रदूषण से राहत मिलेगी। नगर निगम बसों को जैम के माध्यम से खरीद है। नगर निगम द्वारा इलेक्ट्रानिक बसों को राजधानी के आउटर इलाकों में चलाएगा। इन इलेक्ट्रानिक बसों की चौड़ाई 9 मीटर की होगी इसमें 34 सीट रहेगा। इसके चलने से आउटर के इलाकों की यातायात समस्या खत्म होगी।
आउटर इलाके में दौड़ेगी बसें
इलेक्ट्रानिक बसों को शहर के आउटर इलाके टाटीबंघ से रिंग रोड होते हुए तेलीबांधा, टाटीबंघ से कबीर नगर, रायपुर से कचना, रायपुर से भाटागांव और सेजबहार जैसे आदि इलाकों में चलाया जाएगा जिससे आउटर के लोगों का शहर में आना जाना सुलभ हो जाएगा।

 

खस्ताहाल वाहन होगे बाहर
शहर में नगर निगम के सफाई विभाग के पास डंपर, ट्रेक्टर, छोटा हाथी, सहित करीबन 300 कचरा गाड़ी हैं, जो कचरा ले जाते समय काफी धुंआ छोड़ती हैं। पुरानी व खस्ता हाल होने की वजह से वाहनों अधिक डीजल पी रही है। ऐसे गाड़ियों को चिन्हांकित कर नए संसाधन खरीदे जाएंगे।

 

20 चार्जिंग स्टेशन
नगर निगम के अधिकारियों ने बताया कि इलेक्ट्रानिक बसों के चार्जिंग के लिए शहर में करीब 20 चार्जिंग प्वाइंट बनाया जाएगा,जहां पर बसों को चार्ज किया जाएगा। बसों को छह घंटे लगातार चार्ज करना पड़ेगा।एक बार चार्ज करने पर बसें करीब 150 से 250 किलोमीटर तक चलेंगी।

 

यह होगा फायदा
इलेक्ट्रिक बसों का संचालन से पर्यावरण के दृष्टिगत और भविष्य की चुनौतियों को देखते हुए इलेक्ट्रिक बसों का संचालन शुरू किया जा रहा है।इलेक्ट्रिक बसों के संचालन से पर्यावरण संरक्षण के साथ ही डीजल-पेट्रोल के आयात पर होने वाला खर्च भी घटेगा। यग बसें पूरी तरह से इलेक्ट्रिसिटी पर ही चलेंगी और इस वजह से शोर व प्रदूषण भी कम होगा।इनसे जनता की सुविधा बढ़ेगी।
इनका कहना है
इलेक्ट्रानिक बस खरीदने पर केन्द्र सरकार से 36 लाख रुपये की सब्सिडी मिल रही है। बसों को जल्द खरीदकर राजधानी के आउटर के इलाकों में चलाया जाएगा।
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