रूस ने अमेरिका की ईट का जवाब पत्थर से दिया, यह है मामला

रूस ने अमेरिका की ईट का जवाब पत्थर से दिया, यह है मामला

अमेरिका से अपने 60 राजनयिकों को निकाले जाने पर रूस ने उसी भाषा में जवाब देना उचित समझते हुए रूस ने भी अपने यहां से 60 अमेरिकी राजनयिकों को निकालने की तैयारी कर ली है. इतना ही नहीं ईट का जवाब पत्थर से देते हुए अमेरिका के उस फैसले का जवाब भी दिया गया जिसमे उसने सिएटल में रूसी दूतावास को बंद करने का फैसला किया है, रूस ने भी एक अमेरिकी दूतावास को बंद करने की बात कही है. रूस के पूर्व जासूस पर केमिकल अटैक का विवाद इस सरे फसाद की जड़ है. दरअसल ब्रिटेन में पूर्व जासूस सर्गेई स्क्रिपल (66) पर 4 मार्च को केमिकल अटैक हुआ. जिसके बाद से वो और उनकी बेटी यूलिया (33) ब्रिटेन के अस्पताल में भर्ती हैं, उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है.रूस ने अमेरिका की ईट का जवाब पत्थर से दिया, यह है मामला

दरअसल, रूस ने स्क्रिपल पर रूसी गोपनीय जानकारियां ब्रिटिश खुफिया संस्था एमआइ 6 को बेचने का आरोप लगाया था, जिसके बाद उन्हें 13 साल तक जेल में रखा गया. ब्रिटेन और रूस के बीच 2010 में हुए समझौते के बाद स्क्रिपल अपने परिवार के साथ ब्रिटेन आ गए थे. पूर्व रूसी जासूस और उनकी बेटी ने ब्रिटेन की नागरिकता ले ली है. बीते हफ्ते ही अमेरिका ने 60 रूसी राजनयिकों को निष्कासित करते हुए उन्हें खुफिया एजेंसियों के लिए काम करने का आरोपी बताया. साथ ही ट्रंप प्रशासन ने राजनयिकों को और उनके परिवारों को 7 दिनों के अंदर देश छोड़ने को कहा है. बता दें कि यह कार्रवाई ब्रिटेन में पूर्व जासूस सर्गेई स्क्रिपल पर केमिकल अटैक की रूसी कार्रवाई के विरोध में की गई है.

सूत्रों के अनुसार रूस ने भी अमेरिका के 60 राजनयिकों को निकालने का ऐलान कर दिया है. रूसी विदेश मंत्री सर्जेई लावरोव ने कहा है कि रूस में एक अमेरिकी दूतावास को भी बंद किया जाएगा. जासूस को जहर देने के मामले में अमेरिका समेत यूरोपीय संघ के कई देश रूस के खिलाफ लामबंद हो गए हैं. अभी तक अमेरिका , जर्मनी, फ्रांस, पोलैंड समेत 18 देशों ने रूस के 100 से अधिक राजनयिकों (खुफिया अधिकारियों) को निष्कासित करने का ऐलान किया है. ब्रिटेन की प्रधानमंत्री टेरीजा मे ने प्रतिनिधि सभा में कहा, ’18 देशों ने रूस के 100 से अधिक खु्फिया अधिकारियों को निष्कासित करने के अपने इरादे की घोषणा की है. इसमें अमेरिका, कनाडा और यूक्रेन समेत यूरोपीय संघ के 15 सदस्य देश शामिल हैं.’ बता दें कि ब्रिटेन पहले ही 23 रूसी राजनयिकों को निष्कासित कर चुका है.

ब्रिटेन की प्रधानमंत्री टेरीजा मे ने कहा, ‘यह इतिहास में रूसी अधिकारियों का सबसे बड़ा सामूहिक निष्कासन है. हम लोगों ने मिलकर यह संदेश दिया है कि हम अंतरराष्ट्रीय कानून के उल्लंघन और हमारे मूल्यों को कमतर करने के रूस द्वारा लगातार किए जा रहे प्रयासों को बर्दाश्त नहीं करेंगे.’ इधर, निष्कासन के साथ-साथ अमेरिका ने सिएटल में रूसी वाणिज्य दूतावास को बंद करने का भी आदेश दिया क्योंकि वो अमेरिकी पनडुब्बी और बोइंग के अड्डों के करीब है.

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