लॉकडाउन के चलते उजड़ गई बगिया, मुरझा गए फूल पर हौसला नहीं, अब बेकार जमीन को भी महकाने की जिद…

कुछ करने का जज्बा हो तो हर मुश्किल से पार पाया जा सकता है। पौड़ी, उत्तराखंड के पोखड़ा ब्लॉक स्थित ग्राम मेलगांव निवासी किसान धर्मपाल सिंह नेगी की कहानी कुछ ऐसी ही है। बीते दस सालों से खेती को संवारने में जुटे 45 वर्षीय धर्मपाल ने पहली बार इस वर्ष ग्लेडियोलस फूलों की खेती में हाथ आजमाया था। उनकी कड़ी मेहनत से फूलों की बगिया तो महकी, मगर लॉकडाउन के चलते फूल बाजार तक नहीं पहुंच पाए। मुरझा गए।

बावजूद इसके धर्मपाल निराश नहीं हुए और अब एक बार फिर दोगुने जोश के साथ बड़े क्षेत्र में फूलों की खेती करने की तैयारी में जुट गए हैं। उन्होंने आस-पास की अनुपयोगी परती भूमि पर भी फूलों की खेती की तैयारी शुरू कर दी है।

आठवीं पास धर्मपाल के परिवार के पास मेलगांव में 35 नाली (75,600 वर्ग फीट) भूमि है, जिस पर उनके माता-पिता पारंपरिक खेती करते हैं। तकरीबन दस वर्ष पूर्व धर्मपाल ने अपनी जमीन के बजाय गांव के दो परिवारों की अनुपयोगी पड़ी 20 नाली (43,200 वर्ग फीट) भूमि को आबाद करने का निर्णय लिया। दोनों परिवारों का साथ मिला और वह पूरे मनोयोग से इस कार्य में जुट गए।

तब से वह इस जमीन पर टमाटर, शिमला मिर्च समेत अन्य सब्जियों की खेती कर रहे हैं। दोनों परिवारों को भी उन्होंने खेती के कार्यों से जोड़ा हुआ है। सब्जियों की बिक्री से हर साल उनकी दस से 12 लाख रुपये की कमाई हो जाती है। वह साल में तीन सीजन अलग-अलग सब्जियों का उत्पादन करते हैं। इन्हें बेचने के लिए वह गांव के दर्जनभर युवकों की मदद लेते हैं। इसके अलावा पत्नी व दोनों बच्चे भी उनका हाथ बंटाते हैं।

धर्मपाल बताते हैं कि बीती जनवरी में उनके मन में फूलों की खेती करने का विचार आया। सो उन्होंने 20 नाली भूमि में से आठ नाली पर जलागम प्रबंध परियोजना के सहयोग से ग्लेडियोलस फूल के 20 हजार पौध लगा दिए। मेहनत सफल रही और मार्च में ही बगिया फूलों से महकने लगी। लेकिन इससे पहले कि फूल बाजार तक पहुंचते, कोरोना संक्रमण के चलते देश में लॉकडाउन घोषित हो गया।

धर्मपाल लॉकडाउन खुलने का इंतजार करते रहे और फूल खेतों में ही खराब हो गए। बावजूद इसके धर्मपाल का जच्बा ही था कि वह इस स्थिति से जरा भी विचलित नहीं हुए। बकौल धर्मपाल, मेरे प्रयासों में कोई कमी नहीं थी और इसमें मैं सफल भी रहा। हालात अनुकूल नहीं थे, इसलिए मेहनत का कोई प्रतिफल नहीं मिला। लेकिन अब मेरी मेलगांव व इससे सटे ग्यूरांड़ी व बैडोली गांवों की अनुपयोगी जमीन को आबाद कर वहां ग्लेडियोलस की खेती करने की योजना है।

धर्मपाल ने बताया कि अब वह आठ नाली समेत गांव के अन्य परिवारों से भी 35 नाली भूमि लेकर उस पर सितंबर-अक्टूबर में ग्लेडियोलस लगाएंगे। इससे गांव के इन परिवारों को भी घर बैठे रोजगार मिलेगा। परती भूमि को तैयार करने में जुट गए हैं।

सीएम ने धर्मपाल के जज्बे को सराहा 

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पौड़ी जिले में व्यावसायिक दृष्टि से पुष्प उत्पादन को भविष्य के लिए शुभ संकेत बताया है। कहा कि धर्मपाल जैसे काश्तकार नई सोच व नए प्रयोगों के साथ कृषि एवं बागवानी के क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं। इससे अन्य लोग भी प्रेरणा लेंगे। कहा कि सरकार की ओर से काश्तकारों के उत्पादों को बाजार मुहैया कराया जाएगा।

English News

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com