विद्यालयी शिक्षा सेक्टर के लिए नया साल कई उम्मीदों के साथ आ रहा, पढ़ें पूरी खबर ..

विद्यालयी शिक्षा सेक्टर के लिए नया साल कई उम्मीदों के साथ आ रहा है। नए साल में जहां राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2022 (एनईपी) के तहत आंगनबाड़ी में प्रीप्राइमरी कक्षाएं शुरू करने का दूसरा चरण शुरू होगा। वहीं शिक्षा विभाग को ऑनलाइन करने के लिए विद्या संवाद केंद्र भी काम करना शुरू कर देगा। नए साल में जहां शिक्षा विभाग नए प्रयोगों की शुरूआत करेगा। वहीं कई वर्षों से लंबित समस्याएं भी इस साल हल होने की उम्मीद है। राज्य में पांच से कम छात्र संख्या वाले स्कूलों का विलय करते हुए उत्कृष्ट स्कूलों की स्थापना की जा रही है। 148 स्कूल प्रथम चरण में चिह्नित किए जा चुके हैं। अगले शैक्षिक सत्र से ये काम करना शुरू कर देंगे। इन स्कूलों के बनने से उनके निकटवर्ती 269 स्कूलों का लाभ मिलेगा। डीजी-शिक्षा बंशीधर तिवारी के अनुसार अगले शैक्षिक सत्र से इन्हें शुरू किया जाएगा। इनमें हर स्कूल में चार शिक्षक तैनात होंगे। इनमें कंप्यूटर, टैबलेट, डिजीटल बोर्ड के जरिए पढ़ाई होगी। दूर के छात्रों को स्कूल लाने और वापस छोड़ने के लिए शिक्षा विभाग एस्कार्ट की सुविधा भी देगा। इसी प्रकार हर स्कूल में न्यूनतम दो शिक्षकों की नियुक्ति का निर्णय भी सरकार ने लिया है। वर्तमान में प्रदेश के 3100 बेसिक स्कूल सिंगल टीचर सिस्टम से चल रहे हैं। शिक्षक के अवकाश पर जाने पर स्कूलों को बंद करने की नौबत आ जाती है।  इसी प्रकार प्रधानाचार्य के रिक्त पदों में 50 प्रतिशत पर विभागीय भर्ती भी अगले साल शुरू होने की उम्मीद है। डिग्री कॉलेजों में नजर आएंगे नई शिक्षा नीति के लाभ : उच्च शिक्षा क्षेत्र के लिए आगामी साल 2023 खास साबित होने जा रहा है। आगामी साल में प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में नई शिक्षा नीति के तहत एक्जिट पॉलिसी, एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट (एबीसी), कॉमन एकेडमिक कैलेंडर जैसे प्रयोग धरातल पर उतरे नजर आएंगे। उच्च शिक्षा विभाग ने साल 2022 में ही सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में नई शिक्षा नीति लागू कर दी है।  इसके अलावा सरकार आगामी सत्र से सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में एडमिशन ऑनलाइन माध्यम से ही करने का भी निर्णय ले चुकी है। इसके लिए समर्थ पोर्टल पर विश्वविद्यालयों और कॉलेजों की प्रोफाइल तैयार हो चुकी है। इसके साथ सभी सरकारी विश्वविद्यालयों कॉलेजों के लिए प्रवेश से लेकर परिणाम तक का कॉमन कैलेंडर भी तैयार किया जा रहा है। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के मुताबिक, साल 2023 में कई नए प्रयोग धरातल पर उतारे जाएंगे,  शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने पर जोर दे रही है। 22 हजार से ज्यादा शिक्षकों को मिलेंगे टैबलेट नए साल में राज्य के बेसिक स्कूलों के 22 हजार से ज्यादा शिक्षकों को टेबलेन मिलने जा रहे हैं। समग्र शिक्षा अभियान के तहत राज्य को इसके लिए बजट मिल गया है। डीजी-शिक्षा बंशीधर तिवारी के अनुसार टैबेलेट की सुविधा से ऑनलाइन पढ़ाई को और बेहतर रूप दिया जा सकेगा।
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