भारतीय जनता पार्टी की सहयोगी दल शिवसेना ने किसानों की कर्ज माफी को लेकर महाराष्ट्र सरकार की तारीफ की है. शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में शिवसेना ने फड़नवीस सरकार की किसानों की कर्ज माफी के लिए तारीफ की है. सामना में लिखा गया है कि राज्य सरकार ने जिस तरह विपक्ष के सभी नेताओं और दूसरे पक्षों से बातचीत कर किसान कर्ज माफी का रास्ता निकाला वो तारीफ के काबिल है. किसान सरकार की सदैव ऋणी रहेंगे. हालांकि संपादकी में कर्ज माफी से राज्य सरकार पर पड़ने वाले बोझ की चिंता पर मुख्यमंत्री की आलोचना भी की.
इसके अलावा शिवसेना ने संपादकीय में कांग्रेस-एनसीपी पर भी किसानों की कर्जमाफी का श्रेय लेने के लिए भी जमकर हमला बोला. संपादकीय में शिवसेना ने कहा की महाराष्ट्र के किसानों की कर्ज मुक्ति की मांग का शिवसेना ने समर्थन किया और कर्ज मुक्ति दिलाने का वचन दिया, जिसे पूरा करने के लिए शिवसेना ने अपनी सरकार से ही झगड़ा किया लेकिन शिवसेना ने अपना पूरा किया. कर्ज माफी से राज्य के 90 लाख किसानों को फायदा मिलेगा जबकि 40 लाख किसान इस कर्ज माफी से वंचित रह जाएंगे. ऐसे किसानों को भी शिवसेना सरकार पर दबाव डालकर न्याय दिलाएगी.
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संपादकीय में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र में चले किसान आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज मामलों को पीछे लेने के लिए सरकार का क्या करना है शिवसेना देखेगी ऐसा वचन दिया. संपादकीय में मुख्यमंत्री फड़नवीस की किसानों की कर्जमाफी से सरकार पर 35 हजार करोड़ रुपये के बोझ को लेकर चिंता पर फटकार लगाईं. शिवसेना ने कहा कि राज्य में किसानों की आत्महत्या रोकने के लिए यह कर्ज माफी कुछ भी नहीं.
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संपादकीय में शिवसेना ने कहा राज्य चलने के लिए पैसों से ज्यादा जनता की जान का ज्यादा मोल है. रोज मरने वालों की संख्या बढ़ने लगी तो क्या सरकार मुर्दों पर राज करेगी?? उद्धव ने संपादकीय में मुख्यमंत्री को किसानों की कर्ज माफी से पड़ने वाले बोझ को कम करने के लिए बड़ी परियोजनाओं को रद्द करने और विधायकों, सांसदों, वर्तमान और पूर्व मंत्री, महानगरपालिका सदस्यों से सहयोग लेने की सलाह दी. संपादकीय में उद्धव ने किसानों की कर्ज माफी पर सवाल उठाने और इसे फैशन का नाम देने वालों को जवाब देते हुए कहा कि शिवसेना के लिए यह लड़ाई किसानों और उनके बच्चों के भविष्य और उनकी जिंदगी-मौत की थी.