आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह आज चंडीगढ़ में शिरोमणि अकाली दल के सरपरस्त प्रकाश सिंह बादल से मुलाकात की। भाजपा आगामी चुनाव को लेकर पंजाब में पार्टी का विस्तार करने की संभावनाएं तलाश रही है। बताया जा रहा है कि इस बैठक के दौरान दोनों दिग्गज नेताओं ने 2019 लोकसभा चुनाव की रणनीति पर चर्चा की। यह पहला बड़ा मौका है, जब दोनों दलों के नेताओं की आमने-सामने इस तरह मुलाकात हुई। NDA का पुराना साथी शिरोमणि अकाली दल एनडीए का सबसे पुराना साथी है। 1998 में जब अटल बिहारी वाजपेयी सरकार बनाने को लेकर दूसरी पार्टियों का समर्थन जुटा रहे थे, तो प्रकाश सिंह बादल ने सबसे पहले बिना शर्त भाजपा को समर्थन दिया था। यही नहीं अकाली-भाजपा गठबंधन में कभी कोई खटास नहीं देखने को मिली। पंजाब में दोनों दलों ने मिलकर अभी तक तीन कार्यकाल पूरे किए हैं। 2014 में भी अकाली दल के पास सीटें कम होने के बावजूद नरेंद्र मोदी ने हरसिमरत कौर बादल को कैबिनेट में लेकर अपने गठजोड़ साथी पर विश्वास जताया। यह अलग बात है कि दोनों पार्टियों के प्रदेश स्तरीय नेतृत्व में खटपट लगी रहती है। अकाली दल पिछले चार साल से यह महसूस कर रहा है कि शीर्ष भाजपा नेतृत्व और केंद्र सरकार ने उन्हें वह सहयोग नहीं दिया, जिसकी उन्हें आस थी। अब कर्नाटक में सरकार बनाने में नाकाम रहने के बाद जिस तरह से अमित शाह पुराने सहयोगियों को मनाने की राह पर चल पड़े हैं, उससे अकाली दल की बांछें खिल गई हैं। पांच सीटों की मांग कर सकती है पार्टी शिरोमणि अकाली दल के सरपरस्त प्रकाश सिंह बादल के साथ मीटिंग कर अमित शाह भाजपा के सभी लोकसभा प्रभारियों व कोर ग्रुप के साथ बैठक भी करेंगे। इसमें पार्टी का प्रदेश नेतृत्व तीन की बजाय पांच सीटों की अकाली दल से मांग कर सकता है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि पार्टी श्री आनंदपुर साहिब और लुधियाना सीटें अकाली दल से लेना चाहती है। उनका कहना है कि दोनों ही सीटें हिंदू प्रभाव वाली हैं। लुधियाना सीट वैसे भी अकाली दल पिछले दो बार से लगातार हार रही है, ऐसे में यह सीट भाजपा को देकर एक बार नया प्रयोग किया जा सकता है। संपर्क फॉर समर्थन इस अभियान को अमित शाह चंडीगढ़ में भी बढ़ाएंगे। इस अभियान के तहत वह देशभर में बड़ी हस्तियों से मिल रहे हैं। चंडीगढ़ में वह पूर्व ओलंपियन बलबीर सिंह से मुलाकात करेंगे। इन बैठकों के माध्यम से पार्टी नरेंद्र मोदी सरकार की उपलब्धियों को लोगों तक पहुंचाना चाहती है। इसके अलावा वह शहर के व्यापारियों व अन्य प्रतिष्ठित लोगों से मिलेंगे

‘संपर्क फॉर समर्थन’ अभियान के तहत पंजाब में बादल से मिले अमित शाह, 2019 चुनाव पर नजर

आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह आज चंडीगढ़ में शिरोमणि अकाली दल के सरपरस्त प्रकाश सिंह बादल से मुलाकात की। भाजपा आगामी चुनाव को लेकर पंजाब में पार्टी का विस्तार करने की संभावनाएं तलाश रही है। बताया जा रहा है कि इस बैठक के दौरान दोनों दिग्गज नेताओं ने 2019 लोकसभा चुनाव की रणनीति पर चर्चा की। यह पहला बड़ा मौका है, जब दोनों दलों के नेताओं की आमने-सामने इस तरह मुलाकात हुई।आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह आज चंडीगढ़ में शिरोमणि अकाली दल के सरपरस्त प्रकाश सिंह बादल से मुलाकात की। भाजपा आगामी चुनाव को लेकर पंजाब में पार्टी का विस्तार करने की संभावनाएं तलाश रही है। बताया जा रहा है कि इस बैठक के दौरान दोनों दिग्गज नेताओं ने 2019 लोकसभा चुनाव की रणनीति पर चर्चा की। यह पहला बड़ा मौका है, जब दोनों दलों के नेताओं की आमने-सामने इस तरह मुलाकात हुई।  NDA का पुराना साथी  शिरोमणि अकाली दल एनडीए का सबसे पुराना साथी है। 1998 में जब अटल बिहारी वाजपेयी सरकार बनाने को लेकर दूसरी पार्टियों का समर्थन जुटा रहे थे, तो प्रकाश सिंह बादल ने सबसे पहले बिना शर्त भाजपा को समर्थन दिया था। यही नहीं अकाली-भाजपा गठबंधन में कभी कोई खटास नहीं देखने को मिली। पंजाब में दोनों दलों ने मिलकर अभी तक तीन कार्यकाल पूरे किए हैं। 2014 में भी अकाली दल के पास सीटें कम होने के बावजूद नरेंद्र मोदी ने हरसिमरत कौर बादल को कैबिनेट में लेकर अपने गठजोड़ साथी पर विश्वास जताया।  यह अलग बात है कि दोनों पार्टियों के प्रदेश स्तरीय नेतृत्व में खटपट लगी रहती है। अकाली दल पिछले चार साल से यह महसूस कर रहा है कि शीर्ष भाजपा नेतृत्व और केंद्र सरकार ने उन्हें वह सहयोग नहीं दिया, जिसकी उन्हें आस थी। अब कर्नाटक में सरकार बनाने में नाकाम रहने के बाद जिस तरह से अमित शाह पुराने सहयोगियों को मनाने की राह पर चल पड़े हैं, उससे अकाली दल की बांछें खिल गई हैं।  पांच सीटों की मांग कर सकती है पार्टी  शिरोमणि अकाली दल के सरपरस्त प्रकाश सिंह बादल के साथ मीटिंग कर अमित शाह भाजपा के सभी लोकसभा प्रभारियों व कोर ग्रुप के साथ बैठक भी करेंगे। इसमें पार्टी का प्रदेश नेतृत्व तीन की बजाय पांच सीटों की अकाली दल से मांग कर सकता है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि पार्टी श्री आनंदपुर साहिब और लुधियाना सीटें अकाली दल से लेना चाहती है। उनका कहना है कि दोनों ही सीटें हिंदू प्रभाव वाली हैं। लुधियाना सीट वैसे भी अकाली दल पिछले दो बार से लगातार हार रही है, ऐसे में यह सीट भाजपा को देकर एक बार नया प्रयोग किया जा सकता है।  संपर्क फॉर समर्थन  इस अभियान को अमित शाह चंडीगढ़ में भी बढ़ाएंगे। इस अभियान के तहत वह देशभर में बड़ी हस्तियों से मिल रहे हैं। चंडीगढ़ में वह पूर्व ओलंपियन बलबीर सिंह से मुलाकात करेंगे। इन बैठकों के माध्यम से पार्टी नरेंद्र मोदी सरकार की उपलब्धियों को लोगों तक पहुंचाना चाहती है। इसके अलावा वह शहर के व्यापारियों व अन्य प्रतिष्ठित लोगों से मिलेंगे

NDA का पुराना साथी

शिरोमणि अकाली दल एनडीए का सबसे पुराना साथी है। 1998 में जब अटल बिहारी वाजपेयी सरकार बनाने को लेकर दूसरी पार्टियों का समर्थन जुटा रहे थे, तो प्रकाश सिंह बादल ने सबसे पहले बिना शर्त भाजपा को समर्थन दिया था। यही नहीं अकाली-भाजपा गठबंधन में कभी कोई खटास नहीं देखने को मिली। पंजाब में दोनों दलों ने मिलकर अभी तक तीन कार्यकाल पूरे किए हैं। 2014 में भी अकाली दल के पास सीटें कम होने के बावजूद नरेंद्र मोदी ने हरसिमरत कौर बादल को कैबिनेट में लेकर अपने गठजोड़ साथी पर विश्वास जताया।

यह अलग बात है कि दोनों पार्टियों के प्रदेश स्तरीय नेतृत्व में खटपट लगी रहती है। अकाली दल पिछले चार साल से यह महसूस कर रहा है कि शीर्ष भाजपा नेतृत्व और केंद्र सरकार ने उन्हें वह सहयोग नहीं दिया, जिसकी उन्हें आस थी। अब कर्नाटक में सरकार बनाने में नाकाम रहने के बाद जिस तरह से अमित शाह पुराने सहयोगियों को मनाने की राह पर चल पड़े हैं, उससे अकाली दल की बांछें खिल गई हैं।

पांच सीटों की मांग कर सकती है पार्टी

शिरोमणि अकाली दल के सरपरस्त प्रकाश सिंह बादल के साथ मीटिंग कर अमित शाह भाजपा के सभी लोकसभा प्रभारियों व कोर ग्रुप के साथ बैठक भी करेंगे। इसमें पार्टी का प्रदेश नेतृत्व तीन की बजाय पांच सीटों की अकाली दल से मांग कर सकता है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि पार्टी श्री आनंदपुर साहिब और लुधियाना सीटें अकाली दल से लेना चाहती है। उनका कहना है कि दोनों ही सीटें हिंदू प्रभाव वाली हैं। लुधियाना सीट वैसे भी अकाली दल पिछले दो बार से लगातार हार रही है, ऐसे में यह सीट भाजपा को देकर एक बार नया प्रयोग किया जा सकता है।

संपर्क फॉर समर्थन

इस अभियान को अमित शाह चंडीगढ़ में भी बढ़ाएंगे। इस अभियान के तहत वह देशभर में बड़ी हस्तियों से मिल रहे हैं। चंडीगढ़ में वह पूर्व ओलंपियन बलबीर सिंह से मुलाकात करेंगे। इन बैठकों के माध्यम से पार्टी नरेंद्र मोदी सरकार की उपलब्धियों को लोगों तक पहुंचाना चाहती है। इसके अलावा वह शहर के व्यापारियों व अन्य प्रतिष्ठित लोगों से मिलेंगे

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