उत्तर प्रदेश में सभी सहायता प्राप्त संस्कृत माध्यमिक विद्यालयों में उत्तर मध्यमा स्तर पर व्याकरण और साहित्य के संविदा शिक्षक भर्ती के लिए अब बीएड की अनिवार्यता खत्म कर दी गई है। इलाहाबाद हाई कोर्ट के निर्देश के बाद शासन के इसका आदेश जारी करने के बाद अब बिना बीएड करने वाले अभ्यर्थी भी संविदा शिक्षक के पद के लिए आवेदन कर सकेंगे।

हाई कोर्ट के निर्देश से पहले प्रदेश के सभी सहायता प्राप्त संस्कृत माध्यमिक विद्यालयों में उत्तर मध्यमा स्तर पर व्याकरण व साहित्य अध्यापकों की नियुक्ति के लिए बीएड की अनिवार्यता रखी गई थी। 2009 की नियमावली में ऐसा प्रावधान नहीं था। इसके खिलाफ सुभाष तिवारी व अन्य ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका कर दी। इस मामले में हाईकोर्ट ने सात सितंबर को नियमावली के अनुरूप संशोधन के आदेश दिए थे। जिसके क्रम में एडी डॉ. महेन्द्र देव ने आठ सितंबर को शुद्धपत्र जारी कर दिया है।